केंद्र सरकार ने रविवार को बिहार और झारखंड़ समेत 13 राज्यों में नये राज्यपाल की नियुक्ति की। इनमें छह नये चेहरों को राज्यपाल का रूप में नियुक्त किया गया‚ जबकि सात राज्यों में इस पद में फेरबदल की गयी। राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को बिहार का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है‚ जबकि इस पद पर रहे फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है।
गैर भाजपा शासित राज्य का राज्यपाल नियुक्त किये जाने पर गोवा के रहने वाले आर्लेकर ने कहा‚ ‘सरकार तो सरकार होती है‚ इससे कोई फर्क नहीं पड़़ता कि वह किस पार्टी की है।’ बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड़ (जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत अन्य दलों का महागठबंधन सत्ता में है। आर्लेकर ने कहा कि मुझे जहां भी मौका मिलता है‚ मैं देश के लिए काम करके खुश होता हूं। उन्होंने कहा‚ ‘मुझे यह बड़़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं।’उन्होंने कहा‚ ‘उन्होंने मेरे पिछले अनुभव को देखते हुए मुझे एक बड़़े राज्य की जिम्मेदारी दी होगी।’ इसी तरह झारखंड़ के राज्यपाल रहे रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति भवन के एक प्रवक्ता के अनुसार‚ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर के इस्तीफे स्वीकार कर लिये हैं। छत्रपति शिवाजी पर अपनी टिप्पणी को लेकर विपक्ष के निशाने पर आये कोश्यारी ने पिछले महीने कहा था कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद छोड़़ने की अपनी इच्छा से अवगत कराया है और मैं अपना शेष जीवन पढने‚ लिखने तथा अन्य गतिविधियों में बिताना चाहता हूं। कोश्यारी (८०) ने सितम्बर २०१९ में महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में उस समय पदभार संभाला था‚ जब राज्य में राजनीतिक उथल–पुथल के बाद शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपना नाता तोड़़ लिया था। उन्होंने देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा नेता) अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ दिलाई‚ लेकिन वे केवल तीन दिन पद पर रहे। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि माथुर ने इस्तीफा क्यों दिया। माथुर केंद्रशासित प्रदेश में प्रसिद्ध शिक्षा सुधारवादी सोनम वांगचुक के नेतृत्व वाले कड़़े विरोध का सामना कर रहे थे।
प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ने माथुर के स्थान पर अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडि़यर बीड़ी मिश्रा (सेवानिवृत्त) को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति नजीर को आंध्र प्रदेश का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है और आंध्र प्रदेश के निवर्तमान राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ स्थानांतरित किया गया है। न्यायमूर्ति नजीर चार जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे। वे राजनीतिक रूप से संवदेनशील अयोध्या भूमि विवाद‚ ‘तीन तलाक’ और ‘निजता के अधिकार’ को मौलिक अधिकार घोषित करने वाले कई बड़़े फैसलों को हिस्सा रहे। १७ फरवरी‚ २०१७ को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किये गये न्यायमूर्ति नजीर कई संविधान पीठों का हिस्सा रहे‚ जिन्होंने २०१६ में १‚००० रुपये और ५०० रुपये के नोट चलन से बाहर किये जाने से लेकर सरकारी नौकरियों एवं दाखिलों में मराठों के लिए आरक्षण और उच्च सरकारी अधिकारियों की भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार तक कई मामलों पर फैसले सुनाये। वे पांच–न्यायाधीशों की उस संविधान पीठ का हिस्सा थे‚ जिसने नवम्बर २०१९ में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया था और केंद्र को एक मस्जिद के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड़ को पांच एकड़़ का भूखंड़ आवंटित करने का निर्देश दिया था। प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ने लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक (सेवानिवृत्त) को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है। लेफ्टिनेंट जनरल परनाइक (सेवानिवृत्त) सेना की प्रतिष्ठित उत्तरी कमान के कमांड़र के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। उत्तर प्रदेश के दो नेताओं समेत चार भाजपा नेताओं को भी नया राज्यपाल बनाया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि भाजपा नेताओं–लIमण प्रसाद आचार्य‚ सीपी राधाकृष्णन‚ शिव प्रताप शुक्ला और गुलाब चंद कटारिया को क्रमशः सिक्किम‚ झारखंड़‚ हिमाचल प्रदेश और असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। आचार्य उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं और राधाकृष्णन कोयंबटूर से भाजपा के दो बार के लोकसभा सदस्य हैं। भाजपा के नेतृत्व में १९९९ में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बनाने में उनकी अहम भूमिका थी। पूर्व वित्त राज्य मंत्री शुक्ला राज्यसभा में भाजपा के सदस्य थे और वह २०२२ में सेवानिवृत्त हुए‚ जबकि कटारिया राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के मौजूदा नेता हैं। कटारिया ने पिछली वसुंधरा राजे सरकार में गृह मंत्री के रूप में कार्य किया था। बैस‚ मिश्रा और हरिचंदन के राज्य बदलने के अलावा छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को मणिपुर का राज्यपाल बनाने‚ मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन की नगालैंड़ के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति की गई।
सरकार तो सरकार होती है‚ इससे कोई फर्क नहीं पड़़ता कि वह किस पार्टी की है। मुझे जहां भी मौका मिलता है‚ मैं देश के लिए काम करके खुश होता हूं। मुझे यह बड़़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं।