भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. हर साल की तरह इस बार भी भारत ने गणतंत्र दिवस पर अपनी ताकत पूरी दुनिया को दिखाई है. कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस), बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, K-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) भी दिखे. इसके अलावा नौसेना, वायुसेना ने भी अपनी ताकत दिखाई. इस दौरान मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड सहित सेना की कुल छह टुकड़ियों ने सलामी दी.
नौसेना का 144 सदस्यीय नाविक दल
भारतीय नौसेना दल में 144 युवा नाविक शामिल हुए. इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत कंटिजेंट कमांडर ने किया. मार्च करने वाली टुकड़ी में पहली बार तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हुए. इसके बाद नौसेना की झांकी दिखी, जिसे ‘इंडियन नेवी – कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, कोहेसिव एंड फ्यूचर प्रूफ’ थीम पर डिजाइन किया गया है. यह भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत स्वदेशी रूप से डिजाइन उपकरणों को प्रदर्शित कर रहा है.
भारत की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक आकाश मिसाइल
कर्तव्य पथ पर आकाश मिसाइल का प्रदर्शन किया गया. आकाश मिसाइल जमीन से हवा में मार करने वाली भारत की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है. आकाश प्राइम में स्वदेशी एक्टिव आरएफ सीकर लगा है, जो दुश्मन के टारगेट को पहचानने की सटीकता को बढ़ाता है. इसकी रेंज 40 से 80 किलोमीटर है. भारत में आकाश के तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30KM है. दूसरा आकाश एमके.2 – इसकी रेंज 40KM है. इनकी गति 2.5 मैक यानी 3087 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
ब्रह्मोस: भारत की अचूक ताकत
भारत की ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल माना जाता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार इसे देख ही नहीं पाएगा. इसको मार गिराना लगभग अंसभव है. ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है.
हेलिना-नाग भी कर्तव्य पथ पर दिखी
भारत की स्वदेशी मिसाइल हेलिना- नाग भी कर्तव्य पथ पर दिखी. इसे दुनिया का सबसे बेहतरीन एंटी-टैंक सिस्टम माना जाता है. पहले इसे नाग मिसाइल कहा गया था. इसे ध्रुवास्त्र नाम से भी जाना जाता है. हेलिना की रेंज 500 मीटर से लेकर 20 किलोमीटर तक है. ये दिन-रात दोनों समय प्रभावी है. ध्रुवास्त्र मिसाइल को ध्रुव हेलिकॉप्टर, एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर समेत अन्य लड़ाकू हेलिकॉप्टरों पर भी तैनात किया जा सकता है.
अर्जुन युद्धक टैंक-भारत का गौरव
कर्तव्य पथ पर भारत का मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन दिखा. अर्जुन की कई श्रेणिया है. अर्जुन टैंक की रेंज 450 किलोमीटर है. इस टैंक ने कई अंतरराष्ट्रीय वॉरगेम्स में भाग लिया है. इस पर कई देशों की नजर भी है.