‘नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। जब-जब उन पर प्रहार हुए मैं उनके साथ खड़ा रहा। लेकिन अब मुझे उनसे दूर करने की भी कवायद हो रही।’ ये गंभीर आरोप जेडीयू नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने लगाए हैं। एक ओर जहां उपेंद्र कुशवाहा के बीजेपी में जाने की चर्चा चल रही, इसी बीच जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने चौंकाने वाला दावा कर दिया। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक ही परिवार के लोग है। लेकिन अब नीतीश कुमार और ‘लव-कुश’ को कमजोर करने की साजिश हो रही है। वहीं कुशवाहा के इन दावों के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए।
‘नीतीश को कमजोर करने की साजिश हो रही’
उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कई बातों का जिक्र किया। उन्होंने जिस तरह से बिहार के सीएम नीतीश कुमार को कमजोर की साजिश का आरोप लगाया वो बेहद चौंकाने वाला है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन इशारों-इशारों में जरूर पत्ते खोलते दिखाई दिए। कुशवाहा की बातों से ऐसा लगा जैसे उनका निशाना आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और कहीं न कहीं जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह की ओर था। हालांकि, उन्होंने खुलकर किसी का नाम नहीं लिया।
‘नीतीश तुरंत राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाएं’
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजधानी पटना में कर्पूरी ठाकुर जयंती मनाई गई, एक दिन पहले महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। लेकिन दोनों ही कार्यक्रम से उपेंद्र कुशवाहा का नाम काट दिया गया। हमें इस समारोह के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया। आखिर ये सब क्या है? ये सीएम नीतीश को कमजोर करने की साजिश है। नीतीश कुमार तुरंत ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाएं।
किस डील की बात कर रहे कुशवाहा?
कुशवाहा ने कहा कि आज नीतीश जी कमजोर हुए हैं। हम लोग लगातार उनको मजबूत करने में लगे हैं। जब जब उन पर हमले हुए तो मैं हमें उनके साथ खड़ा रहा। आज उपेंद्र कुशवाहा की वजह से आरजेडी की तरफ से बयानबाजी की जा रही। सीएम नीतीश कुमार पर अटैक किया गया। आज उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के प्रति साजिश चल रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्या डील हुई है मैं जानना चाहता हूं? क्यों लगातार उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कुमार से अलग करने की कवायद हो रही?
JDU-RJD के बीच हुई डील का हो खुलासा
कुशवाहा को लेकर जेडीयू में मचे घमासान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थोड़ी सी सख्ती क्या दिखाई उपेंद्र कुशवाहा बैकफुट पर आ गए। कल तक जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठा रहे उपेंद्र कुशवाहा ने आज यूटर्न ले लिया और खुद को नीतीश का सबसे बड़ा हिमायती बता दिया।उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश हो रही है।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को क्या कुछ नहीं कहा गया लेकिन वे मजबूती से नीतीश के साथ खड़े रहे। इस दौरान कुशवाहा ने कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि इस बात का खुलासा होना चाहिए कि गठबंधन करते हुए जेडीयू और आरजेडी के बीच कौन सी डील हुई थी।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष का मामला नहीं है बल्कि कर्पूरी ठाकुर के अरमानों को बचाने का मामला है। जेडीयू कमजोर हो रही है, यह बात लगातार कहते आ रहे हैं। हाल के दिनों में मुख्यमंत्री के ऊपर जो प्रहार हुआ, तब तब उनके साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि गलत टिप्पणी करने वालों से हाथ जोड़कर विनती है कि उन्हें जितनी गाली देनी है मुझे दे लें लेकिन जेडीयू को बर्बाद होते हुए उपेंद्र कुशवाहा नहीं देख सकता है। बड़ा सवाल है कि जब जब नीतीश कुमार पर प्रहार हुआ तो केवल उपेंद्र कुशवाहा ही क्यों अन्य लोग क्यों खड़ा नहीं हुए।
उन्होंने बिहार में नया गठबंधन बना तो नीतीश कुमार के बारे में क्या क्या नहीं कहा गया। जिस वक्त उनके खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे जा रहे थे तब बाकी लोग नीतीश कुमार के साथ क्यों खड़ा नहीं हुए। जब नीतीश कुमार के बारे में कोई कुछ कहेगा तो उपेंद्र कुशवाहा का दर्ज जरूर छलकेगा। नीतीश कुमार को शिखंडी, भीखारी और बेशर्मी कहा गया तो केवल उपेंद्र कुशवाहा खड़ा होता है, दूसरे लोग क्यों नहीं खड़ा होते हैं। अगर उपेंद्र कुशवाहा नहीं खड़ा हुआ होता तो आरजेडी ने सुधाकर सिंह को नोटिस जारी नहीं किया होता। जब जेडीयू आरजेडी के विलय की बात हो रही थी तो जनता दल यूनाइडेट के किसी नेता ने आवाज नहीं उठाई।
बिहार के दो-दो बार मुख्यमंत्री रहे सहज जीवन शैली के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर की आज जयंती मनाई जा रही है। राज्य सरकार की ओर से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। जानकारों की मानें, तो इस मौके पर जेडीयू के अंदर की बात खुलकर सामने आएगी। जयंती को लेकर जेडीयू और महागठबंध उत्साहित हैं। पूरे पटना शहर में कर्पूरी ठाकुर से जुड़े पोस्टर लगा दिये गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री को लेकर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शामिल होना है। जेडीयू के अंदर के सूत्रों की मानें, तो इस कार्यक्रम से उपेंद्र कुशवाहा ने दूरी बनाई हुई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा कर्पूरी जयंती के मौके पर जेडीयू के कार्यक्रम में शामिल होंगे, इस पर संशय है। उपेंद्र कुशवाहा जयंती को अपने आवास पर मनाने की जुगत में जुटे हुए हैं। हाल में जेडीयू के अंदर को हलचल हुई है। जिस तरह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कई बातें कही हैं। उसे लेकर कयास लगाये जा रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा कुछ स्पेशल स्टेप उठाने जा रहे हैं।
विदाई तय !
सियासी जानकारों की मानें उपेंद्र कुशवाहा की जेडीयू से विदाई तय है। नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की ओर से इशारों में ही उपेंद्र कुशवाहा को बहुत कुछ कह दिया गया है। नीतीश कह चुके हैं कि वे उपेंद्र कुशवाहा से जुड़े मामले को नहीं देखते। उसके बाद ललन सिंह का बयान आया था कि उपेंद्र कुशवाहा खुद ही बतायें कि पार्टी में उन्होंने क्या योगदान दिया औऱ पार्टी में कितनी मजबूती से हैं। इधर, ये भी खबर आ रही है कि दो फरवरी को आयोजित होने वाले महात्मा फूले समता परिषद के कार्यक्रम को जेडीयू ने रोक दिया है। पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह ने साफ इशारा किया है कि उपेंद्र कुशवाहा किसी दूसरे सामाजिक संगठन के नाम पर समारोह का आयोजन नहीं कर सकते।
2 फरवरी को फैसला
आपको बता दें कि दिल्ली से पटना लौटने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से खुलकर बातचीत की थी। उन्होंने इशारों में कहा कि जेडीयू के बड़े नेता बीजेपी के संपर्क में हैं। उसके बाद सियासी माहौल बिहार में गर्म हो गया। जेडीयू की ओर से प्रतिक्रिया आने लगी। नीतीश कुमार ने उपेंद्र के सवाल पर कहा कि आप उन्हीं से इन सब बातों को पूछ लीजिए, इसका जवाब वही देंगे। हम लोग इन सब चीजों को देखते नहीं हैं। नीतीश ने आगे कहा कि आप उन्हीं से पूछिये और उनकी बातों को दिखाइए और छापिए। नीतीश कुमार ने ये बातें इस तरह से बोली, जैसे पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता को लेकर वो पूरी तरह केयरलेस हैं। ऊपर से उपेंद्र कुशवाहा के कार्यक्रम को लेकर जेडीयू की ओर से आदेश जारी करना आग में घी का काम किया है। जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा की एक्टिविटी यानी उनके कार्यक्रम पर रोक लगाई है।
कुशवाहा के कार्यक्रम पर रोक
उधर, कुशवाहा ने साफ किया है कि वे हर हाल में दो फरवरी को कार्यक्रम करेंगे। बिहार के सभी जिलों में महात्मा समता फूले परिषद का कार्यक्रम होगा। जानकारों की मानें, तो 2 फरवरी उपेंद्र कुशवाहा के लिए निर्णायक साबित होगा। चर्चा है कि इसी दिन उपेंद्र कुशवाहा को लेकर ललन सिंह अंतिम फैसला लेंगे। ललन सिंह उपेंद्र कुशवाहा पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं। ललन सिंह उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कई बार मीडिया में बयान दे चुके हैं। एक निजी चैनल से बातचीत में ललन सिंह ने कहा कि किसी को कोई बांधकर नहीं रखता है। उपेंद्र कुशवाहा कई तरह के बयान दे रहे हैं। ऐसा क्यों कर रहे हैं। समझ में नहीं आता। बीजेपी के संपर्क में रहने वाले नेताओं को जेडीयू पहचान लेती है। बीजेपी के संपर्क में एक ही नेता थे। उन्हें पकड़ लिया गया तो इस्तीफा देना पड़ा।
ललन का कुशवाहा पर अटैक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ललन सिंह ने ये भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को हम बहुत महत्व दे चुके हैं। जिन लोगों को जेडीयू में जगह देने की बात कही, उन्हें जगह दी। पार्टी के अंदर जो भी उनके लोग आये उन्हें पूरी तरह सम्मानजनक जगह दी गई। जेडीयू के कोई नेता बीजेपी के संपर्क में नहीं है। निजी चैनल से बातचीत में ललन सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी के 2022 में 46 लाख सदस्य बने। बढ़कर अब 75 लाख हो गये हैं। सबकी मेहनत से पार्टी बनी है। उपेंद्र कुशवाहा पर कहा कि हमको नहीं मालूम मंत्री बनने की इच्छा उन्होंने रखी नही थी। हमलोगों से नहीं कहा। हो सकता है आपलोगों से यानी पत्रकारों से कहा होगा। ललन सिंह ने कहा कि जेडीयू कमजोर नहीं हो रही है। हमें कुढ़नी में 72 हजार वोट आए। यही मानक होता है पार्टी के कमजोर और मजबूत होने का।