जोशीमठ पर संकट बरकार है। जैसे जैसे वक्त बीत रहा है, धीरे-धीरे दरारें चौड़ी हो रही है। जोशीमठ को बचाने के लिए प्रशासन ने एक्शन शुरू कर दिया है। इस वक्त जोशीमठ के बद्रीनाथ रोड पर बने दो होटलों को गिराने की कार्रवाई जारी है। पूरे इलाके पर ड्रोन से नज़र रखी जा रही है। जोशीमठ को बचाने के लिए होटल और मकान गिराए जा रहे हैं लेकिन मामला मुआवजे पर फंसा हुआ है। लोग कह रहे हैं कि उन्हें जो कंपनसेशन मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है।
NTPC के खिलाफ फूट पड़ा स्थानीय लोगों का गुस्सा
यहां के लोगों का दर्द है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। घरों और सड़कों पर पड़ी दरारें की चौड़ाई लगातार बढ़ रही है। डेंजर जोन से लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। इस बीच NTPC के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। जोशीमठ के लोग NTPC के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। हाथों में बैनर लेकर लोग सड़कों पर निकले हैं और अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
जबरन घर खाली कराने पर सड़क पर उतरे लोग
वहीं, आपको बता दें कि जोशीमठ के छावनी बाजार मोहल्ले के लोगों ने 2 घंटे तक बदरीनाथ एनएच को रेलवे आरक्षण केन्द्र के निकट बाधित रखा। लोगों ने यहां पर जाम लगाकर सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रर्दशन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन जोर जबरदस्ती कर लोगों को उनके घर से हटा रहा है, लेकिन व्यवस्थाएं नहीं की जा रही है।
होटल माउंट व्यू और मलारी इन को जमींदोज करने का काम जारी
जोशीमठ के ‘माउंट व्यू’ और ‘मलारी इन’ होटलों को तोड़ा जा रहा है। होटल को मैनुअली तोड़ा जा रहा है ताकि किसी भी तरह का बड़ा नुकसान ना हो। मौक़े पर आला अधिकारी मौजूद हैं। किसी भी हालात से निपटने के लिए SDRF की टीम भी ग्राउंड जीरो पर तैनात है। मलबा हटाने के लिए मौके पर बुलडोजर का भी इंतज़ाम किया गया है। होटल तोड़ने की कार्रवाई से पहले प्रशासन ने इलाके में मुनादी करके लोगों को आस-पास से हटा दिया है।
उत्तराखंड के जोशीमठ में मंगलवार को 2 होटल गिराए जाएंगे। यहां मकानों में दरारें आने के बाद एक्सपर्ट टीम ने यह फैसला लिया है। लग्जरी होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू में से पहले मलारी इन को गिराया जाएगा। दोनों 5-6 मंजिला होटल हैं।
इन्हें गिराने का काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) की निगरानी में होगा। SDRF की टीम भी मौके पर मौजूद है। इस मामले पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी। अदालत ने इनकार कर दिया है। सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
पूरे इलाके की साइंटिफिक स्टडी हुई, कुछ इलाके सील किए जाएंगे
दो होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू गिराए जाएंगे। SDRF के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि टीम ने आज होटल मालारी इन गिराने का फैसला किया है। सबसे पहले ऊपरी हिस्सा गिराया जाएगा। दोनों होटल एक-दूसरे के काफी करीब आ चुके हैं। इनके आसपास मकान हैं, इसलिए इन्हें गिराना जरूरी है। होटल और ज्यादा धंसे तो गिर जाएंगे। SDRF तैनात कर दी गई है। लाउडस्पीकर से लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा जा रहा है।
उत्तराखंड के DGP ने कहा अभी 678 इमारतें असुरक्षित हैं। ज्यादातर इमारतों को खाली करा लिया गया है। ये प्रक्रिया अभी जारी है। पूरे इलाके की साइंटिफिक स्टडी हो चुकी है और कुछ इलाकों को सील भी किया जाएगा।
आज के बड़े अपडेट्स…
- लोगों ने जोशीमठ में मार्च निकाला और नारेबाजी की। उनका कहना है कि पुनर्वास ठीक से किया जाए और मुआवजा उचित हो।
- आज गृह मंत्रालय की एक टीम जोशीमठ आएगी और लैंडस्लाइड में हुए नुकसान का जायजा लेगी।
- अब तक 4 हजार लोगों को जोशीमठ के खतरे वाले इलाकों से हटाया गया है।
आज के दो बड़े बयान
1. सुप्रीम कोर्ट- लोकतांत्रिक संस्थाएं इस मामले को देख रहीं
सुप्रीम कोर्ट ने जोशी मठ पर दायर की गई स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लोकतंत्र के जरिए चुने गए संस्थान है, जो इस मामले को देख रहे हैं। हर मामला हमारे पास लाना जरूरी नहीं।
2. होटल मालिक बोले- नोटिस तो दिया जाना था
होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा, “अगर लोगों के भले के लिए इमारत गिराई जानी है तो मैं सरकार के साथ हूं। फिर चाहे जरा सी ही दरार ही क्यों न आई हो। लेकिन मुझे नोटिस तो दिया जाना था। होटल का मूल्यांकन करते। मैंने ऐसा करने को कहा है। इसके बाद मैं चला जाऊंगा।”
जोशीमठ को तीन जोन में बांटा गया
राज्य सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का फैसला किया है। ये जोन होंगे- डेंजर, बफर और सेफ जोन। डेंजर जोन में ऐसे मकान होंगे जो ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं। ऐसे मकानों को मैन्युअली गिराया जाएगा, जबकि सेफ जोन में वैसे घर होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और जिसके टूटने की आशंका बेहद कम है। बफर जोन में वो मकान होंगे, जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारों के बढ़ने का खतरा है। एक्सपर्ट्स की एक टीम दरार वाले मकानों को गिराने की सिफारिश कर चुकी है।
लैंडस्लाइड से हमारा कोई लेना देना नहीं- NTPC
राज्य की पावर प्रोड्यूसर कंपनी NTPC ने कहा है कि तपोवन विष्णुगढ़ प्रोजेक्ट का जोशीमठ में हो रहे लैंडस्लाइड से कोई लेना-देना नहीं है। बता दें कि जोशीमठ लैंडस्लाइड के लिए NTPC के एक हाइड्रो प्रोजेक्ट को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि NTPC के हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए सुरंग खोदी गई, जिस वजह से शहर धंस रहा है। हालांकि NTPC ने इन सब बातों को खारिज कर दिया है।
जोशीमठ का हाल बयां करती 3 तस्वीरें…
जोशीमठ के मकानों पर रेड क्रॉस
जोशीमठ के सिंधी गांधीनगर और मनोहर बाग एरिया डेंजर जोन में हैं। यहां के मकानों पर रेड क्रॉस लगाए गए हैं। प्रशासन ने इन मकानों को रहने लायक नहीं बताया है। चमोली DM हिमांशु खुराना ने बताया कि जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन बैन कर दिया गया है।
यहां 603 घरों में दरारें आई हैं। ज्यादातर लोग डर के चलते घर के बाहर ही रह रहे हैं। किराएदार भी लैंड स्लाइड के डर से घर छोड़कर चले गए हैं। अभी तक 70 परिवारों को वहां से हटाया गया है। बाकियों को हटाने का काम चल रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे रिलीफ कैंप में चले जाएं।
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उत्तराखंड के जोशीमठ पर डूबने का खतरा:बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार के कई घर-दुकानों और होटलों में दरारें
चार धाम के प्रमुख धाम बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार कहलाने वाले उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशी मठ के शहर पर डूबने का खतरा है। यहां एक साल में करीब 500 घरों, दुकानों और होटलों में दरारें आई हैं। इस वजह से यह रहने योग्य भी नहीं बचे हैं। शहर के लोगों की आंदोलन की चेतावनी के बाद मंगलवार को प्रशासन ने भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की।