बिहार में 11 जनवरी तक अत्यधिक ठंड, शीतलहर, घना कोहरा आदि की चेतावनी मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी की गई है. बुधवार के बाद ही धुंध में कमी के आसार जताए गए हैं. इधर, मौसम विज्ञान विभाग पटना के पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार को पटना का अधिकतम तापमान 14.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री तक रहने का अनुमान है. मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक सौरव कुमार की मानें तो 14-15 जनवरी के बाद से ठंड से राहत की उम्मीद की जा सकती है.
राजधानी पटना में न्यूनतम तापमान गिरकर 6.2 डिग्री हो गया, वहीं गया में न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री से थोड़ा बढ़कर 3.7 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया पर शीतलहरी और अत्यधिक धुंध का आलम बरकरार रहा. औरंगाबाद में धूप खिलने पर स्कूल खोल दिए गए और तापमान 5.2 डिग्री दर्ज किया गया. इधर, नवादा में अधिकतम तापमान 20.4 डिग्री दर्ज किया गया. भागलपुर, पटना और पूर्णिया में अच्छा खासा कोहरा छाया रहा.
17 जनवरी से सर्दी की सेकंड वेव आने वाली है। 31 जनवरी तक प्रचंड ठंड पड़ेगी। आने वाले दो से तीन दिनों में ऐसी ही कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसके बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
थोड़ी राहत से लगेगा कि ठंड कम हुई है, लेकिन सेकेंड वेव आते ही एक बार फिर ठंडी हवाएं हडि्डयां कपकपाने वाली होंगी।
मौसम विभाग के एक्सपर्ट बताते हैं कि बिहार में प्रदूषण के कारण ठंड का प्रभाव काफी देखा जा रहा है। मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार बताते हैं कि इस बार हवा के प्रभाव कम होने के कारण बारिश कम हुई है।
इस कारण से ठंड का प्रभाव और समय काफी लंबा हो गया है। दिसंबर और जनवरी में बारिश हुई ही नहीं है। बारिश नहीं होने से वातावरण में पीएम 2.4 के साथ अन्य पार्टिकल की मात्रा बढ़ जाती हैं।
प्रदूषण के कारण ही फॉग तेजी से बढ़ता है। इस बार ऐसा ही हो रहा है। बारिश नहीं होने के कारण फाग की स्थिति सामान्य नहीं हो रही है। अगर प्रदूषण नहीं होता तो ठंड की ऐसी स्थिति नहीं होती। दोपहर 12 बजे तक कोहरा का प्रभाव नहीं होगा।
एक्सपर्ट बताते हैं कि जब बारिश होती है तो डस्ट पार्टिकल सेटल हो जाते हैं, इससे बड़ी राहत होती है। प्रदूषण नहीं होता है तो फॉग बनता भी है तो जल्दी छट जाता है। इस बार जनवरी में बारिश होने का कोई अनुमान नहीं है, ऐसे में प्रदूषण के कारण समस्या बढ़ती जाएगी।
जानिए कैसे चलती है ठंड की साइकिल
मौसम वैज्ञानिक आनंद शंकर बताते हैं कि ठंड की साइकिल होती है। मौसम विभाग ठंड का सीजन जनवरी और फरवरी को मानता है। इन दो माह में ही सर्दी होती है। अगर दिसंबर में या फिर जनवरी में बारिश हो गई तो कोहरा छट जाता है, धूप से राहत होती है।
इस वर्ष ठंड में हालात पूरी तरह से अलग हैं, फॉग नहीं छट रहा है जिससे ठंड का प्रभाव अधिक दिखाई दे रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड का वेब जनवरी में दो बार और फरवरी में दो बार आता है। अमूमन 15 दिनों की साइकिल होती है।
जनवरी में एक वेब पूरा हो गया है, अब दूसरा वेब 17 से आने वाला है। पूर्वानुमान है कि पहले वेब से दूसरी वेब ज्यादा ठंड वाली होगी।
पटना में 6 डिग्री से कम होगा तापमान
मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार के मुताबिक मोजूदा समय में न्यूनतम तापमान जो सामान्य में 9 डिग्री होना चाहिए वह 6.2 डिग्री तक पहुंच गया है। अधिकतम तापमान जो सामान्यत: 20 डिग्री होना चाहिए वह अब 14 डिग्री पहुंच गया है।
अधिकतम तापमान में -5.6 डिग्री की गिरावट हुई है, इसकी तरह न्यूनतम तापमान में 2.6 डिग्री की गिरावट देखी जा रही है।
जनवरी में ठंड की सेकेंड वेव में पटना का पारा 6 डिग्री से नीचे आ सकता है। ऐसे ही राज्य के अन्य जिलों में भी ठंड का प्रभाव सेकेंड वेव में काफी अधिक देखने को मिल सकता है।
बिहार में 2003 का टूट रहा रिकॉर्ड
बिहार में ठंड का कई रिकॉर्ड टूट रहा है। मौसम विभाग के एक्सपर्ट बताते हैं कि 2003 के बाद 2022 में ठंड का रिकॉर्ड टूट रहा है। गया में पारा 2 डिग्री तक पहुंच गया है।
राज्य के अन्य जिलों में भी तापमान में 2003 की तरह ठंड बढ़ती हुई दिख रही है। जनवरी में 2023 की ठंड कई साल का रिकॉर्ड तोड़ सकती है, क्योंकि इस बार बारिश की संभावना नहीं बन रही है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि 2003 और 2013 में अधिक ठंड पड़ी है। अब 2023 में मौसम इसे दोहरा रहा है। सामान्य से कम तापमान होने का पूर्वानुमान है।
इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गया में पारा 1.5 डिग्री से कम हो सकता है। पटना में 4 से 5 डिग्री तक ठंड पड़ सकती है।
गया में बेहाल करेगी ठंड
राज्य में गया सबसे ठंडा है। आने वाले दिनों में ठंड यहां और परेशानी बढ़ाएगी। मौसम विभाग के एक्सपर्ट का कहना है कि गया में तापमान 1.5 डिग्री तक या उससे कम भी हो सकता है। कोहरा नहीं छटने के कारण ठंड में राहत होने वाली नहीं है। पटना में भी ठंड का असर धीरे धीरे बढ़ता दिख रहा है।
आम लोगों के लिए मौसम विभाग का अलर्ट
- किसी भी परिवहन के माध्यम से वाहन चलाते समय या फिर बाहर निकलते समय सावधानी बरतें
- वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग करें
- अपनी यात्रा के शेड्यूल के लिए एयरलाइंस और रेलवे व राज्य परिवहन से संपर्क में रहें
- जब तक आपात स्थिति न हो, बाहर नहीं निकलें
परिवहन और विमानन के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ने परिवहन और विमानन के लिए भी अलर्ट जारी किया है। हवाई अड्डे पर सुबह के समय में दृश्यता 100 से 1000 मीटर के बीच रहने की संभावना है। खुले क्षेत्रों में सतह का तापमान 5 तक गिर सकता है। इस कारण यात्रा में समस्या आ सकती है। इसके लिए सुरक्षा को लेकर उपाय किया जाना चाहिए।
जानिए कहां कैसा रहेगा मौसम
पूर्वानुमान के मुताबिक एक्सपर्ट बताते हैं राज्य में आने वाले ठंड का प्रभाव दो तरह से हो रहा है। एक तरफ कोल्ड डे तो दूसरी तरफ कोल्ड वेव पड़ रहा है।
जनवरी में ऐसे ही मौसम बना रहेगा। सुबह के समय कोहरा पूरी तरह से छाया रहेगा और हवा से कनकनी बढ़ेगी।
राज्य के दक्षिण बिहार में कोल्ड वेब की स्थिति बनी रहेगी। वहीं नार्थ बिहार में अपर लेयर में फाग लगातार बना रहेगा। कोल्ड वेव और कोल्ड डे की स्थिति से पूरे बिहार में ठंड अधिक महसूस होगी।
ठंड के दूसरे स्केल में फिर से पटना के साथ जिलों में ठंड बढ़ जाएगी, इस दौरान कोहरा परेशान करेगा। 17 जनवरी से तापमान पूरी तरह हडि्डयां कंपाने वाला ही होगा।
मार्च तक नहीं मिलेगा ठंड से छुटकारा
एक्सपर्ट की माने तो इस बार बरसात में कम हुई है, इस कारण से ठंड पर इसका बड़ा प्रभाव दिख रहा है। एक्सपर्ट बताते हैं कि ठंड लंबी खिंच सकती है। मार्च में भी 2003 की तरह ठंड हो सकती है।
वर्ष 2003 में एक मार्च को पटना का तापमान 2.3 डिग्री रहा। इस बार भी 2003 की तरह बारिश कम हुई है, इस कारण से पूर्वानुमान है कि ठंड फरवरी से आगे बढ़ जाएगी और मार्च के प्रथम सप्ताह में भी ठंड एहसास होगा।
बिहार की राजधानी में बढ़ती ठंड और कोहरे की वजह से पटना हवाई अड्डे पर उड़ानों में देरी हो रही है। सभी उड़ानें 2 से तीन घंटे की देरी से चल रही हैं। सुबह घने कोहरे के कारण पटना हवाईअड्डे पर उड़ान संचालन कई घंटों तक बाधित रहा, जिससे एयरलाइनों को अपने समय में बदलाव करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप टर्मिनल भवन में अराजकता, लंबी प्रतीक्षा और यात्रियों की लंबी कतारें लगी रहीं। सोमवार को इंडिगो की दो उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि 19 उड़ानों को पुनर्निर्धारित करना पड़ा क्योंकि कई पांच घंटे की देरी से हुईं। खराब मौसम के कारण इंडिगो की मुंबई-पटना (6E-6735) फ्लाइट मुंबई लौट गई। पहली उड़ान दोपहर 1 बजे के आसपास पटना हवाई अड्डे पर संचालित हुई क्योंकि सुबह के समय दृश्यता 50 मीटर तक गिर गई थी। जो विमान के उतरने के लिए ठीक नहीं थी। कम विजिबिलिटी और देरी का अन्य उड़ानों की समय-सारणी पर व्यापक प्रभाव पड़ा, जिसके कारण पार्किंग वे की समस्या पैदा हो गई, जिससे पायलटों को एक साथ घंटों तक हवा में कई चक्कर लगाने पड़े।