र्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा हमेशा जातीय जनगणना के पक्ष में रही और 2 जून 2022 को बिहार में जातीय जनगणना कराने का कैबिनेट का फैसला भी उस सरकार का था‚ जिसमें दो उपमुख्यमंत्री भाजपा के थे। महागठबंधन को इसका श्रेय लूटने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि BJP ने विधानसभा और विधान परिषद में जातीय जनगणना का समर्थन किया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल थी। और ये सारी बातें ऑन रिकॉर्ड हैं।
जब तेजस्वी डिप्टी सीएम नहीं थे, तभी लिया गया था फैसला: सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना कराने का फैसला जिस एनडीए सरकार ने किया, उसमें तेजस्वी प्रसाद यादव डिप्टी सीएम नहीं थे। सुशील मोदी ने कहा कि साल 2011 में जब सामाजिक, आर्थिक और जातीय आधार पर जनगणना कराने पर संसद में चर्चा हुई थी। तब भी भाजपा ने इस मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना के बाद बिहार तीसरा राज्य है, जहां बीजेपी के समर्थन से जातीय जनगणना शुरू हो रही है।
सरकार सर्वदलीय बैठक कर जनगणना के विषय में बताएं: सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बतायें कि जब जातीय जनगणना शुरू कराने देने का फैसला जून 2022 में हुआ था। तब यह काम सात महीने देर से जनवरी 2023 में क्यों शुरू कराया जा रहा है? श्रेय लेने वालों को इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए गठित विशेष आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजानिक नहीं की गई ? क्या सरकार गारंटी देगी कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजानिक की जाएगी ? सुशील मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना में लोगों से क्या-क्या सवाल पूछे जाएँगे और गणना की प्रकिया क्या होगी। इसकी जानकारी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को देने के लिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
नीतीश बतायें उपजाति की गणना क्यों नहीं
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान बहुत ही खेदजनक है कि जातीय जनगणना में उपजाति की गणना नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बिहार के सभी दलों ने सर्वसम्मति से जाति जनगणना कराने की बात की थी। आज अचानक नीतीश कुमार का बयान आता है कि उपजाति की जनगणना नहीं होगी। उपजाति से उनका क्या अर्थ हैॽ क्या ब्राह्मण समाज में महापात्र‚ भ^ समाज नहीं गिना जायेगा या उनको अलग जाति मानी जायेगी। कुशवाहा समाज में दांगी समाज को उसकी उपजाति नहीं माना जायेगा। बनियां में कम से कम ६५ उपजातियां हैं‚ क्या सभी को वैश्य में मानेंगे या उनकी अलग जातियां होंगीॽ
नीतीश कुमार को यह सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना चाहिए कि उपजाति की जनगणना वह क्यों नहीं कराना चाहते ॽ श्री जायसवाल ने कहा कि वह इसलिए उपजाति की जनगणना नहीं करवा रहे क्योंकि नालंदा में कुर्मी जाति की उपजाति की संख्या पांच प्रतिशत भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जनगणना के हरियाणा‚ राजस्थान और उडसा जैसे तीन मॉडल हमारे पास हैं। हरियाणा ने इतने अच्छे ढंग से जातीय‚ सामाजिक और आर्थिक जनगणना करायी है‚ इसी प्रकार की जनगणना नीतीश कुमार को करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश जी से अनुरोध है कि वे झूठ बोलना बंद कर दें एवं बिहार की जनता को स्पष्ट करें कि उपजाति का क्या अर्थ होता हैॽ जनगणना पर अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि बिहार में रोहिंगिया और बंगलादेशी मुसलमानों को कैसे सदस्यता से रोक पायेंगे।