बिहार में एक कहावत है कि आटा-सत्तुआ बांधकर चढ़ जाना यानि दुश्मन पर पूरी ताकत से चढ़ाई कर देना। बिहार बीजेपी ने भी कुछ ऐसा ही किया है। बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें समाधान यात्रा में ही कोई पूछ नहीं रहा और वह बातें देश यात्रा की कर रहे हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि ‘उन्होंने साढ़े तीन सौ करोड़ का जहाज खरीद ही लिया है तो उन्हें नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान की यात्रा भी करनी चाहिए।’ नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद ने कहा कि ’17 साल बाद भी यदि वह समाधान यात्रा पर निकले हैं तो इसका मतलब है कि वह अपना राजनीतिक समाधान चाहते हैं। वह अब अपने राजनीतिक समाधान की तलाश में हैं।’
इतने सालों से सत्ता में लेकिन छात्रों की समस्या का समाधान नहीं- BJP
सम्राट चौधरी ने बीएसएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के सवाल पर कहा की यह दुर्भाग्य की बात है कि वो इतने समय से मुख्यमंत्री हैं और उनके राज्य में बच्चों की पिटाई हो रही है। उन्होंने नीतीश कुमार के शासन के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इतने लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं फिर भी छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बीपीएससी और बीएसएससी दोनों परीक्षाओं से जुड़ी छात्रों की समस्याओं के समाधान की बात कही। वही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के गैर जिम्मेदाराना बयान पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये तो उनकी नीतीश सरकार का धर्म ही है कि बच्चों की समस्या का समाधान करने की बजाय उन पर लाठी चलवाई जाए।
बताते चलें कि बेतिया में नीतीश कुमार से जब यह सवाल पूछा गया कि पटना में बीएसएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज हुई है तो उन्होंने आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। वही उनके पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा छात्रों पर लाठी पहली बार नहीं चली है। उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर सवाल करते हुए पूछा कि क्या यह लाठीचार्ज पहली बार हुई है छात्रों पर लाठी तो पहले भी चली है। इसमें बड़ी बात क्या हो गई?
‘नीतीश सिर्फ पलटी मार कर राज करना चाहते हैं’
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने समाधान यात्रा पर नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि ‘वह पलटी मार कर राज करना चाहते हैं। सत्ता में बने रहने के लिए वह यह सब कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना अस्तित्व खो चुके हैं। अब उन्हें कुछ याद ही नहीं रहता है। बिहार को ऐसे लोगों की जरूरत है, जिन्हें बातें याद रहे और सरकार में ऐसे आदमी की जरूरत है जो चीजों को याद रखें और कुछ नया करे।