बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (BSSC) के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने FIR दर्ज कर ली है। सूत्रों के अनुसार इस केस को आर्थिक अपराध इकाई ने एग्जाम के स्टैटिक मजिस्ट्रेट के बयान पर दर्ज किया है। बड़ी बात यह है कि मामला सामने आने के बाद से ही EOU एक्टिव हो गई। इस केस की जांच के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई है। अब यह टीम अपने स्तर से जांच में भी जुट गई है।
शुक्रवार की देर रात इस स्पेशल टीम ने दो जगहों पर छापेमारी भी की है। सूत्रों का दावा है कि काफी हद तक इस मामले में EOU की स्पेशल टीम को लीड मिल चुकी है। आज इस मामले में बड़ा अपडेट भी हो सकता है। वैसे आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि जल्द ही इस केस का खुलासा हो जाएगा।
किसी सेंटर से पेपर लीक होने का शक
BSSC का एग्जाम शुक्रवार को दो पालियों में था। पहली पाली सुबह 10:15 बजे से शुरू हुई थी, जिसे दोपहर 12:15 बजे तक चलना था। लेकिन, एग्जाम शुरू होने के महज 45 मिनट के अंदर ही इसका पेपर लीक हो गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जब इस मामले की जांच EOU ने शुरू किया तो टीम के हाथ काफी जानकारियां लगी।
सूत्रों के अनुसार BSSC ऑफिस आए बगैर ही क्वेश्चन पेपर सीधे एग्जामिनेशन सेंटर जाती है। जो एक, दो नहीं, बल्कि पूरे 5 लेयर में पैक होती है। इसलिए जांच टीम को शक है कि BSSC एग्जाम का यह क्वेश्चन पेपर किसी एग्जामिनेशन सेंटर से ही लीक हुआ है। इसी पॉइंट पर जांच भी चल रही है। कुछ लोगों से पूछताछ भी हुई है।
पिछली बार चेयरमैन की हुई थी गिरफ्तारी
BSSC एग्जाम का पेपर एक बार पहले भी लीक हो चुका है। तब उस दरम्यान पटना पुलिस ने FIR दर्ज कर केस की जांच की थी। उस दरम्यान IPS मनु महाराज पटना के SSP थे। केस की जांच करते हुए पटना पुलिस ने काफी सबूत जुटाए। फिर उस केस में जो बड़ी गिरफ्तार हुई, उसने सबको चौंका दिया था। उस वक्त IAS अधिकारी सुधीर कुमार BSSC के चेयरमैन थे। पुलिस टीम ने इन्हें ही गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस वक्त इनके अलावा कई और लोगों की गिरफ्तारियां हुई थी।
BSSC पेपर लीक मामले में केस दर्ज: किसी सेंटर से पेपर आउट होने का शक; छात्र नेता बोले- बिहार के पेपर बाहरी एजेंसी क्यों छापे
छात्र नेता दिलीप कुमार ने भास्कर के पास BSSC तृतीय स्नातक परीक्षा के प्रश्न पत्र के पन्ने शुक्रवार को पहली शिफ्ट की परीक्षा खत्म होने से पहले भेजे थे। भास्कर इस खबर को सामने लेकर आया। यह सिद्ध हो गया कि दिलीप के पास जो प्रश्न पत्र थे, वही परीक्षा में पूछे गए थे।
दिलीप ने बीपीएससी 67वीं पीटी का प्रश्नपत्र तब सामने लाए थे, जब परीक्षा चल रही थी। आखिरकार वह परीक्षा सभी केन्द्रों पर रद्द करनी पड़ी थी और फिर से परीक्षा लेनी पड़ी। उस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
दरअसल, बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तृतीय स्नातक प्रारम्भिक परीक्षा का शुक्रवार को प्रश्न पत्र प्रथम पाली में छात्रों के पास 10:53 पहुंच गया था. छात्र नेता दिलीप कुमार ने अपने व्हाट्सएप पर इस प्रश्न पत्र को शेयर कर दिया. 10:59 पर कई छात्रों ने उनके पास प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट भेज दिया था. यह पहला मौका नहीं है, जब बिहार में नौकरी के लिए आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट हुआ हो. इसके पहले बीएसएससी का प्रश्न पत्र लीक हो गया था और आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले की जांच कर कई लोगों को गिरफ्तार किया था.
एक बार फिर से बिहार में परीक्षा की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. हालांकि, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच करवाकर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.