चीन (China) में कोरोना मामलों में भारी उछाल के बीच उसका पड़ोसी देश भारत (India) भी समय रहते सतर्क हो गया है. इस कड़ी में न सिर्फ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को संसद में बयान दिया, बल्कि देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना (Corona Virus) पर एक उच्च स्तरीय बैठक कर तमाम उपाय अभी से अपनाने की सलाह दी. माना जा रहा है कि क्रिसमस और 31 दिसंबर को नए साल की पूर्व संध्या पर केंद्र की और से राज्यों को नए सिरे से कुछ दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं. हालांकि केंद्र से पहले कुछ राज्य़ों ने अपने-अपने स्तर पर बैठक कर सावधानी भरे कदम उठाने के निर्देश पहले से दे दिए हैं. इनमें कोरोना परीक्षण समेत सोशल डिस्टेंसिंग समेत मास्क की फिर वापसी हो रही है.
चीन जैसा खतरा भारत को नहीं
भारत में बीएफ.7 सब वैरिएंट से जुड़े संक्रमण के कुछ मामले मिलने के बाद चीन और अन्य देशों से आने वाले यात्रियों के परीक्षण समेत तमाम अन्य ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं. हालांकि हाल-फिलहाल चीन से फ्लाइट्स की आवाजाही रोकने जैसा कोई फैसला नहीं हुआ है. गौरतलब है की चीन में ओमीक्रॉन का बीएफ.7 सब वैरिएंट दुनिया भर को चौंका और डरा रहा है. हालांकि भारत के संदर्भ में विशेषज्ञ कह चुके हैं कि युवा आबादी होने और प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से बीएफ.7 चीन जितना कहर यहां नहीं बरपा सकेगा. फिर भी विशेषज्ञ सर्दी के इस मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह जरूर दे रहे हैं. इनके पीछे उनका तर्क यही है कि इस मौसम में सांस संबंधी संक्रमण ज्यादा होता है, तो ऐसे में सावधानी बरतना बेहतर रहेगा. गौरतलब है कि भारत में बीएफ.7 सब-वैरिएंट का पहला मामला अक्टूबर के महीने में देखने में आया था. ऐसे में केंद्र सरकार 25 और 31 दिसंबर के मद्देनजर नए दिशा-निर्देश जारी कर सकती है. इस बार भी निम्न कदम उठाए जा सकते हैं…
ये सुझाव दिए जा सकते हैं
सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना फिर से जरूरी किया जा सकता है.
हाथों को अच्छे से धोकर उन्हें सैनिटाइज करने पर फिर से जोर दिया जा सकता है.
नए साल और उसकी पूर्व संध्या पर होने वाले कार्यक्रमों के मद्देनजर भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दे सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर हो सकता है.
एयरपोर्ट पर कोरोना परीक्षण और उनकी ट्रेसिंग फिर से अनिवार्य की जा सकती है. खासकर वे लोग जो चीन की यात्रा पर हाल ही में गए हों.
संभव है कि अगले हफ्ते से कोविड-19 परीक्षण और क्वारंटाइन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी कुछ ठोस सामने आ जाए.
अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की उपलब्धता का नए सिरे से आकलन किया जा सकता है.
बूस्टर डोज लगाने का अभियान प्रभावी तरीके से छेड़ा जा सकता है.
सावधानी बरतें और कतई नहीं घबराएं
स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की मानें तो सरकार कोविड संक्रमण की संख्या को चरम स्तर पर नहीं फैलने देने के लिए प्रतिबद्ध है. उनका कहना है इस बार चाहे जो हो जाए, कोरोना को घुसने नहीं देंगे वाली नीति अपनाई जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया की अध्यक्षता में बुधवार को भी कोविड-19 समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि अभी कुल मामलों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है. फिर भी मौजूदा और उभरते रूपों पर नजर रखने के लिए निरंतर निगरानी की जा रही है. बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत की योग्य आबादी में से केवल 27 से 28 प्रतिशत ने ही कोविड की ऐहतियाती खुराक ली है. इस दर को देखते हुए लोगों को टीका लगवाना चाहिए और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना चाहिए. इसके साथ ही वीके पॉल ने लोगों से नहीं घबराने की अपील भी की है.