जी नहीं‚ नोटबंदी हुई नहीं है। अभी तो बस नोटबंदी करने की मांग उठी है। यह होने और करने से पहले का टोटका होता है ताकि जब हो जाए तो कहा जाए कि जनता की बेहद मांग पर ऐसा किया गया है। वह जमाना याद है‚ जब भोंपू के साथ रिक्शा पर पूरे शहर में घूम–घूमकर यह प्रचार किया करता था कि जनता की बेहद मांग पर फलां थियेटर में फलां फिल्म आ रही है। यह कुछ–कुछ वैसा ही टोटका लग रहा है। जनता की मांग उठनी शुरू हो गई है–नोटबंदी लाओ। पहले यह मांग उठी थी बाबा रामदेव जैसों की ओर से। अब यह मांग उठ रही है मोदी जी की ओर से। अरे नहीं प्रधानमंत्री जी यह मांग नहीं कर रहे हैं। खुद करेंगे क्या पगले! यह मांग तो छोटे मोदी जी ने उठाई है। अरे नहीं यार‚ नीरव मोदी ने नहीं उठाई है। नहीं–नहीं ललित मोदी ने भी नहीं उठाई है। पता नहीं क्यों लोग उन्हें ही छोटा मोदी समझते हैं। यह मांग तो सुशील मोदी ने उठाई है भाई! हां–हां‚ वही बिहार वाले। अब राज्य सभा में आ गए हैं न तो अब बिहार की बात नहीं करते। अब उन्होंने बडा काम हाथ में ले लिया है। नोटबंदी करवाने का। बडे मोदी जी ने जो काम कर दिखाया‚ छोटे मोदी उसकी मांग तो कर ही सकते हैं। वैसे भी वे कोई छोटा भीम नहीं हैं कि बडे–बडे काम अंजाम देकर बस छोटे–छोटे बच्चों का मन बहलाते रहें। वे तो बडे–बडों के मन में खौफ पैदा कर रहे हैं।
अदालत अभी पहले वाली नोटबंदी के मामले की सुनवाई कर रही है कि क्या हुआ था‚ कैसे हुई थी–जरा बताओ तो। सरकार हीले–हवाले कर रही है कि सब अच्छा हुआ था जी‚ कोई दिक्कत नहीं हुई थी। छोडो अब जो हो गया सो हो गया। मिट्टी पाओ। अब यह बताने का फायदा भी क्या कि लोग कई दिनों तक लाइन में लगे रहे थे। लाइन में लगे–लगे ही न जाने कितनों ने तो दम ही तोड दिया था। काम–धंधे चौपट हो गए। लोगों के रोजगार छिन गए थे। छः साल बाद जिंदगी अब भी पटरी पर नहीं आई है। लोग तो कहते हैं कि अर्थव्यवस्था भी पटरी पर नहीं आई है। पर चलो अब सरकार यह कह सकती है कि अब यह वाली नोटबंदी और हो जाने दो सर जी। फिर इकट्ठा ही बता देंगे कि क्या हुआ था और कैसे हुआ था। वैसे भी अगर सरकार पांच साल में बदलती है‚ तो कोई छोटी–मोटी नोटबंदी छः साल में एक बार तो हो ही जानी चाहिए। थोडी जीवंतता आए‚ थोडी अफरा–तफरी सी मचे। कुछ तो मजा आए। जनता बेशक‚ पांच साल में चुनाव तो भूल जाती है‚ लेकिन नोटबंदी वह छः साल बाद भी नहीं भूली है। आज भी आठ बजते ही एक खौफ सा तारी हो जाता है। वैसे अगर दो हजार के नोट में चिप लगी थी‚ तो भी नोट गायब कैसे हो गए यार!