सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। छपरा के पास मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र में इन लोगों की मौत हुई है। इससे पहले कल इस घटना को लेकर राज्य विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। बता दें कि नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। पूर्ण शराबबंदी के बाद भी राज्य में शराब का कारोबार जारी है। समय-समय पर जहरीली शराब से मौत की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो शराब पियेगा वह मरेगा ही। जो पियेगा वह मरेगा ही यह सही बात है। मैंने प्रशासन को निर्देशित किया है गरीब लोगों को नहीं पकड़े। जो बड़े शराब तस्कर हैं उनको पुलिस पकड़े। मैं प्रशासन से हमेशा कहता रहता हूं जो गड़बड़ी करते हैं उन्हें पकड़ें। छपरा शराब से मौत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब से अभी तक जितने लोगों की मौत हुई है वह बहुत ही गलत काम हुआ है। विधानसभा में मैंने विपक्ष को इसलिए बोला क्योंकि उन्होंने शराबबंदी लागू करने का समय उसके पक्ष में नारा लगाया था। गरीब लोग जो थोड़ा शराब लेकर बेच रहे हैं उन्हें प्रशासन पकड़े नहीं समझाए। जहरीली शराब से बीजेपी के शासित राज्यों में जहां मौत हो रही है उस पर वह कुछ नहीं बोलते हैं। बीजेपी वाले सच्चाई को लोगों तक जाने नहीं देते हैं। बीजेपी तीन-चार महीने तक हमारे साथ थे तब उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं लगती थी। आज साथ नहीं हैं तो दिक्कत उन्हें लग रहा है। विपक्ष भी अभियान चलाएं शराब लोग ना पिएं सरकार का सहयोग करें।
जो शराब पियेगा वो मरेगा ही… छपरा शराबकांड पर बोले सीएम नीतीश कुमार