हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Pradesh Assembly Election 2022) में कांग्रेस ने जीत हासिल की है. राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई और सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने सीएम पद की शपथ भी ग्रहण कर ली है, लेकिन अब इस सरकार के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. मुख्यमंत्री की कमान संभालते ही सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhu) ने विधायकों की बैठक में बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने सभी विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Himachal Pradesh CM) ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों की मीटिंग में सोमवार को फैसला लिया गया है कि हिमाचल भवन, सदन में जो लोगों से पैसा लिया जाता है वहीं अब MLAs से लिया जाएगा. आम नागरिक की तरह अब विधायक सब बकाया भुगतान करेंगे. साथ ही विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं को रिटर्न यानी वापस लिया गया है.
विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में हुई थी OPS आंदोलन की शुरुआत
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलन की शुरुआत लखनऊ से विजय कुमार बंधु (Vijay Kumar Bandhu) के नेतृत्व में कर्मचारियों ने की थी. आज उनके इस आंदोलन का असर देश भर में देखने को मिल रहा है. राज्य कर्मचारियों के बाद यह पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन अब रेवले कर्मचारियों तक पहुंच गया है. रेल कर्मचारियों ने झारखंड के धनबाद में एक सभा का आयोजन किया है. इसमें भी विजय बंधु मुख्य अतिथि हैं.
यूपी से 2013 में हुई थी पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन की मांग
अटेवा के प्रदेश मीडिया प्रभारी व राष्ट्रीय प्रवक्ता NMOPS डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन यूपी में 2013 में शुरू किया गया था. अब यह आंदोलन एनएमओपीएस (NMOPS) के रूप में पूरे देश में फैल गया है. इसी का परिणाम है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब के बाद हिमाचल प्रदेश में भी पुरानी पेंशन लागू होने जा रही है.
कांग्रेस ने भांप लिया कर्मचारियों का मूड
पुरानी पेंशन बहाली के लिये देशभर में एकजुट होते कर्मचारियों का मूड कांग्रेस ने भांप लिया है. यही कारण है कि उसने हिमाचल प्रदेश में खुलकर पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन किया था. इसका फायदा उन्हें विधानसभा चुनाव में मिला और कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में बन गयी है. इससे पहले छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने पुरानी पेंशन बहाली कर दी थी. इससे हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को यह भरोसा हो गया कि कांग्रेस पुरानी पेंशन जरूर लागू करेगी.
यूपी में समाजवादी पार्टी ने किया था पेंशन लागू करने का वादा
यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पुरानी पेंशन लागू करने का वादा किया था. इसका फायदा उन्हें कमजोर रणनीति के कारण पूरी तरह से नहीं मिल पाया. लेकिन बैलेट वोटिंग में समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को पछाड़ दिया था. इससे अनुमान लगाया गया था कि कर्मचारियों ने सपा के पक्ष में वोट किया. इसके बावजूद सपा सरकार नहीं बना पायी थी. हालांकि इस विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत जरूर बढ़ गया था.