बिहार में कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में जेडीयू को मिली हार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के सुर बदलते नजर आ रहे हैं. पहले उन्होंने देश में विपक्षी एकता को लेकर कई दौरे किए और मिशन 2024 पर फोकस किया, लेकिन अब वह ये सारी जिम्मेदारी ललन सिंह (Lalan Singh) को दे रहे हैं. शनिवार को नीतीश कुमार ने जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे. वहां बैठक खत्म होने के बाद वह मीडिया से मुखातिब हुए. उनसे 2024 मिशन को लेकर सवाल किया गया त ललन सिंह का नाम आगे कर दिया. इससे प्रतीत हो रहा कि कहीं न कहीं कुढ़नी की हार से नीतीश कुमार के दिल को ठेस लगी है.
अब ललन सिंह को विपक्षी एकता की जिम्मेदारी
पत्रकारों से बातचीत में शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश ने ललन सिंह की ओर देखते हुए कहा कि ये जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सब बताएंगे आपको. नीतीश ने कहा कि ये सब आपको बताएंगे ललन जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष. वही बताएंगे कि आगे क्या होना है. अब जो भी होने वाला है वो सब उन्हीं की जिम्मेदारी है. वही सब बताएंगे हमको कुछ नहीं पता. पत्रकारों ने उनसे मिशन 2024 को लेकर ही सवाल पूछा था कि आगे की क्या तैयारियां होंगी. बता दें कि कुढ़नी में जेडीयू के मनोज कुशवाहा को बीजेपी के केदार गुप्ता ने हराया था. इसके बाद विपक्ष ने हार का जिम्मा नीतीश कुमार को दिया और ललन सिंह को भी घेरा. हालांकि आरजेडी भी इस हार से खफा है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद इस हार का गुस्सा सीएम नीतीश कुमार पर उतार रहे हैं.
बीजेपी लगातार उन्हें अगस्त महीने से ही प्रधानमंत्री बनने वाली बात पर घेरती नजर आई है. मुख्यमंत्री अगस्त महीने से ही देश के कई राज्यों में जाकर विपक्षी एकता को जोड़ने का काम कर रहे थे. इस सिलसिले में वह कई बार दिल्ली भी गए थे. हालांकि फिर से कहा जा रहा कि वो दिल्ली की ओर रुख करेंगे. कुढ़नी में हार के बाद कहीं न कहीं नीतीश कुमार के हौसले पस्त दिख रहे. इस हार के बाद महागठबंधन में मंथन भी जारी है. उधर, बीजेपी 2025 में पूरे बिहार को जीतने की बात कर रही है और आरसीपी सिंह ने पहले ही कहा था कि जिस तरह से कुढ़नी और गोपालगंज में महागठबंधन हारी है नीतीश कुमार को जान जाना चाहिए कि लोकसभा में वह कितनी सीटें लाएंगे. इसलिए वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना छोड़ दें.