गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के एमसीडी चुनावों का हवन सोमवार को पूरा हो गया. गुजरात के आखिरी चरण की वोटिंग कंप्लीट होते ही सोमवार शाम से अलग-अलग एग्जिट पोल भी जारी कर दिए गए. प्रायः सभी एग्जिट पोल में बीजेपी जहां गुजरात और हिमाचल प्रदेश में सत्ता पर फिर से वापसी करती दिख रही है तो एमसीडी में आम आदमी पार्टी उसे मात देती दिख रही है. आइए आपको बताते हैं किस एग्जिट पोल में किसका पलड़ा है भारी.
1. एबीपी न्यूज सी वोटर (ABP NEWS-CVOTER)
एबीपी न्यूज सी वोटर के एग्जिट पोल की बात करें तो इसने गुजरात में बीजेपी के लिए 128 से 140 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. कांग्रेस को 31-43 सीटें तो आम आदमी पार्टी को 3-11 सीटें दी हैं. अब अगर हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां एबीपी न्यूज सी वोटर ने बीजेपी के लिए 33 से 41 सीटें, कांग्रेस के लिए 24 से 32 सीटें तो आम आदमी पार्टी के लिए जीरो सीट का अनुमान लगाया है.
2. आजतक एक्सिस माय इंडिया (Aajtak Axis my india)
आजतक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में भी बीजेपी आगे है. गुजरात में जहां इसने बीजेपी को 129 से 151 के बीच सीटें दी हैं, तो कांग्रेस को 16 से 30 और आप को 9 से 21 सीटें मिलने का अनुमान है. इसी एग्जिट पोल ने हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को 24-34 सीटें दिखाई हैं, जबकि कांग्रेस को 30-40 सीटों पर ही समेट दिया है. आप को जीरो सीटें ही दिखाईं हैं. ये एकमात्र सर्वे ऐसा है जो हिमाचल में कांग्रेस की सरकार का अनुमान जता रहा है.
3. इंडिया टीवी मैटराइज (India TV Matrize)
इंडिया टीवी मैटराइ ने अपने एग्जिट पोल में गुजरात में जहां 112 से 121 सीटें, कांग्रेस को 51 से 61 सीटें और आम आदमी पार्टी को 4 से 7 सीटें दी गईं हैं. दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में इस एग्जिट पोल ने बीजेपी को जहां 35-40 सीटें दी हैं तो कांग्रेस को 26-31 सीटों पर आगे दिखाया है. यहां भी आप के खाते में जीरो सीट ही बताई गई है.
4. न्यूज 24 और टुडे चाणक्या (News 24 Today Chanakya)
इस एग्जिट पोल ने गुजरात में जहां बीजेपी को 150 सीटें दी हैं, तो कांग्रेस को 19 सीटें बताई हैं. वहीं आम आदमी पार्टी को 11 सीटें दिखाई हैं. हिमाचल प्रदेश में इस एग्जिट पोल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही 33 सीटों पर जीत का दावा किया है. आम आदमी पार्टी यहां भी जीरो है.
एमसीडी चुनाव को लेकर अलग-अलग एग्जिट पोल
एमसीडी चुनाव को लेकर आजतक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी को 69 से 91 सीटें तो कांग्रेस को 3-7 सीटें मिल रही हैं. यहां बाजी आप मारती दिख रही है. उसके खाते में 149 से 171 सीटें दिखाई गईं हैं. न्यूज एक्स जन की बात ने बीजेपी को 70 से 92 सीट, कांग्रेस को 4 से 7 सीट तो आप को 159 से 175 सीट दी है. टाइम्स नाऊ ईटीजी ने अपने एग्जिट पोल में एमसीडी में बीजेपी को 89 से 94 सीट तो कांग्रेस को 6 से 10 सीटें दी हैं. इसने आप को 146 से 156 सीटें दी हैं. जी न्यूज बार्क ने अपने एग्जिट पोल में बीजेपी को 82 से 94 सीट, कांग्रेस को 8 से 14 सीट और आप को 134 से 146 सीट दी है.
हिमाचल में रिवाज कायम? पंजे ने दिखाया दम, BJP की वापसी में ऐसे अटकाया रोड़ा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव
के लिए 12 नवंबर को हुई वोटिंग के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. हालांकि, सोमवार 5 दिसंबर को सामने आए एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच काटे की टक्कर देखने को मिली है. एबीपी न्यूज-सी वोटर के एग्जिट पोल में 33 से 41 सीटों के साथ बीजेपी वापसी के संकेत दे रही है तो वहीं कांग्रेस के खाते में भी 24-32 सीटें जा सकती हैं.
राज्य में कांग्रेस का बीजेपी को टक्कर देना और 24 से 32 सीटों पर जीत हासिल करने के संकेत के कई कारण हो सकते हैं. इसमें ओल्ड पेंशन स्कीम अहम देखी जा रही है.
आइये समझते हैं किन कारणों के चलते हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस बीजेपी को टक्कर देने में सफल रही है….
कांग्रेस राज्य में चुनाव प्रचार के लिए एड़ी चोटी लगाते दिखी थी. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में मोर्चा संभालते हुए जनता से सीधा संपर्क साधा. राज्य में राहुल गांधी को छोड़ पार्टी के तमाम बडे़ नेता प्रचार मैदान में कूदते दिखाई दिए. खुद सोनिया गांधी भी शिमाला में दिखीं हालांकि वो चुनाव प्रचार से दूर रहीं. इसके अलावा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, रणदीप सुरजेवाला, अलका लांबा समेत कई बड़े नेता चुनाव प्रचार का हिस्सा बने.
वहीं, पार्टी के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम भी एक ट्रंप कार्ड की तरह साबित होते दिख रही है. इसके अलावा कांग्रेस की कई योजनाएं और वादे भी लोगों को प्रभावित करते दिख रहे हैं. 18 साल से बड़ी सभी महिलाओं को प्रति महीने 1500 रुपये देने की गारंटी से लेकर 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा कांग्रेस के पक्ष में साबित होते दिख रहा है.
बीजेपी को इन कारणों के चलते लग सकता है झटका…
जानकारों के मुताबिक, बीजेपी को सबसा बड़ा झटका राज्य में ओल्ड पेंशन स्कीम के चलते लगा है. इसके अलावा, राज्य में महंगाई, बेरोजगारी समेत 5 साल की एंटी इनकंबेंसी ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है. साथ ही कोरोना के दौरान सेहत विभाग में घोटाला, पुलिस भर्ती पेपर लीक भी बीजेपी के खिलाफ दिखीं.
MCD में पहली बार AAP:250 में से 146-171 सीटें जीतने का अनुमान, 15 साल से BJP काबिज
दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव के एग्जिट पोल आने शुरू हो गए हैं। शुरुआती रुझान में दुनिया के सबसे बड़े निगम में से एक MCD की सत्ता 15 साल बाद भाजपा के हाथ से फिसलकर आम आदमी पार्टी (AAP) के हाथ में जाती दिख रही है।
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया और टाइम्स नाउ-ईटीजी के एग्जिट पोल के मुताबिक MCD में आप की सरकार भारी बहुमत से बनती दिख रही है। भाजपा दूसरे और कांग्रेस का करीब पूरी तरह से सफाया होता दिख रहा है।
इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के अनुसार, MCD की कुल 250 सीटों में से आप को 149 से 171, भाजपा को 69 से 91 और कांग्रेस को 3 से 7 सीटें मिलने के आसार हैं। आप का आंकड़ा बहुमत यानी 126 सीटों के आंकड़ों से काफी ज्यादा है।
कांग्रेस के पास लोकसभा-विधानसभा की एक भी सीट नहीं
दिल्ली में 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस और AAP अपना खाता भी नहीं खोल पाई थीं। 2020 विधानसभा चुनाव में 70 सीटों में से AAP को 62 और BJP को 8 सीटें मिली थीं, जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP को 67 और BJP को 3 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 2020 और 2015 के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी।
मैदान में उतरे 1,349 उम्मीदवार
MCD चुनाव 2022 के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में उतरे। इनमें 709 महिला प्रत्याशी थीं। BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। JDU ने 23 सीटों पर, तो AIMIM ने 15 सीटों पर कैंडिडेट उतारे।
BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4 और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे। इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी रहे।
13,638 मतदान केंद्रों पर वोटिंग
चुनाव आयोग ने पूरी दिल्ली में 13,638 मतदान केंद्र बनाए थे। इनमें लगभग 1 लाख कर्मचारियों को तैनात किया गया। वोटर्स की सुविधाओं के लिए 68 मॉडल मतदान केंद्र और 68 पिंक मतदान केंद्र बनाए गए। इन पोलिंग बूथ पर कुल 40 हजार जवानों की तैनाती की गई। चुनाव में 56,000 EVM मशीन का इस्तेमाल किया गया। बूथों पर चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीके से मतदान के लिए CCTV लगवाए थे।
MCD क्या काम करती है?
जनता को सुविधाएं प्रदान करना। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों, फुटपाथ और बाजारों की सफाई, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना शामिल है।
प्राइमरी स्कूलों का संचालन और सड़क, ओवर ब्रिज, सार्वजनिक शौचालय जैसे पब्लिक प्लेस का निर्माण-रखरखाव।
वाटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम मैनेजमेंट, स्लम एरिया में डेवलपमेंट के काम।
पार्क, लाइब्रेरी, स्ट्रीट लाइट्स और पार्किंग क्षेत्रों का रखरखाव। कई पार्किंग के ठेके भी MCD देती है।
MCD के जरूरी कामों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शामिल है, जिसमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हर घर से और कलेक्शन पॉइंट्स से कचरा इकट्ठा किया जाए।
MCD का काम यह सुनिश्चित करना है कि इमारतों का निर्माण उसके द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार हो।
MCD श्मशान घाट चलाने और जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार है।