इंडोनेशिया के बाली में बुधवार को खत्म हुई G-20 समिट के दूसरे और आखिरी दिन एक अजीब वाकया हुआ। समिट के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच मीडिया कैमरों के सामने बहस हो गई। जिनपिंग ने ट्रूडो से शिकायती लहजे में कहा कि आपसे जो बातचीत होती है, वो मीडिया में लीक क्यों हो जाती है? इस पर ट्रूडो ने भी मुस्कराते हुए, लेकिन सख्ती से जवाब दिया कि हम कुछ छिपाने में यकीन नहीं रखते और कनाडा में ऐसा ही होता है।
बहस के दौरान दोनों नेताओं और खासकर जिनपिंग की बॉडी लैंग्वेज बिल्कुल अलग नजर आई। वो मंदारिन (चीन की भाषा) में बात कर रहे थे। उनकी बात को साथ में मौजूद इंटरप्रिटर (दुभाषिया या अनुवाद करने वाला) ट्रूडो तक अंग्रेजी में पहुंचा रहा था।
आखिर हुआ क्या था?
- समिट खत्म होने के बाद ट्रूडो हॉल से बाहर निकल रहे थे। तभी उनके सामने शी जिनपिंग आ गए। दोनों ने हाथ मिलाए। बातचीत की शुरुआत में ही जिनपिंग उखड़े नजर आए। वायरल हो रहे वीडियो में दोनों की बातचीत का ज्यादातर हिस्सा सुनाई देता है।
- जिनपिंग ने बातचीत की शुरुआत ही तल्ख और शिकायती लहजे में की। कहा- हम जो भी बातें करते हैं, वो मीडिया में लीक हो जाती है। यह गलत बात है। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए, क्योंकि इस तरह तो बातचीत नहीं हो सकती। आपको गंभीरता से पेश आना चाहिए।
- जिनपिंग की इस शिकायत का जवाब ट्रूडो ने सौम्य तरीके से दिया। कहा- हम खुली और आजाद तरीके से बातचीत में यकीन करते हैं और आगे भी ऐसा ही करेंगे। कंस्ट्रक्टिव डायलॉग यानी बातचीत होनी चाहिए, लेकिन कई बार कुछ मुद्दों पर विचार अलग भी होते हैं। हम कुछ छिपाते नहीं हैं।
- ट्रूडो की इस बात पर जिनपिंग फिर भड़क गए। कहा- तो फिर ऐसा कीजिए कि बातचीत से पहले शर्तें तय कर लीजिए। इतना कहने के बाद जिनपिंग ने ट्रूडो से बेमन से हाथ मिलाया और चल पड़े।
Dramatic footage from G20 as Canadian PM Justin Trudeau, Chinese Prez Xi are seen engaged in a heated argument as the latter expresses displeasure over details of talks getting leaked to media.pic.twitter.com/RSsVQdLL0g
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 16, 2022
तल्खी पुरानी है
मंगलवार को समिट के पहले दिन ट्रूडो ने जिनपिंग से कहा था कि चीन उनके देश के चुनावों में दखलंदाजी की कोशिश कर रहा है। दोनों नेताओं के बीच हुई इस आपसी बातचीत को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जारी कर दिया। जिनपिंग को यह बात अखर गई और बुधवार को उन्होंने खुलेआम कैमरों के सामने इस नाराजगी का इजहार कर दिया।
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में कनाडा की मीडिया ने इंटेलिजेंस अफसरों के हवाले से एक अहम खुलासा किया था। इसके मुताबिक कनाडा में 2019 में हुए इलेक्शन में चीन ने साजिश के तहत दखलंदाजी की थी। इस मामले में कनाडाई पुलिस ने चीन की कंपनी के लिए काम करने वाले अपने देश के एक नागरिक को गिरफ्तार भी किया था। आरोप है कि वो चीन तक कनाडा के ट्रेड सीक्रेट पहुंचाता था।
बातचीत होती रही
- जिनपिंग और ट्रूडो के बीच 3 साल पहले भी जी-20 समिट के दौरान जापान के ओसाका में मुलाकात हुई थी। इसके पहले 2015 में दोनों नेता तुर्कीये में मिले थे। तब भी G-20 समिट थी। इसके अलावा 2016 और 2017 में भी जिनपिंग-ट्रूडो बातचीत कर चुके हैं।
- चीन और कनाडा के रिश्तों में तनाव 2018 में आया। तब चीन की बदनाम हुवेई इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के दो अफसरों को कनाडा ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। जवाब में चीन ने दो कनाडाई नागरिकों पर फर्जी आरोप लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया।
- खास बात यह है कि हुवेई इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेक्नोलॉजी पर अमेरिका समेत कई देशों में जासूसी के आरोप लगे और उसे भारत समेत तमाम देशों में बैन कर दिया गया। इससे चीन बौखला गया।
- वैसे, इस समिट के दौरान जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच करीब 3 घंटे सीक्रेट मीटिंग हुई। इस बारे में मीडिया को ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।