मुंबई के आर्थर रोड जेल से बाहर आने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत के तेवर बदले से नजर आए। भाजपा और प्रधानमंत्री पर हमलावर रहने वाले राउत ने उनसे और गृहमंत्री अमित शाह से मिलने की इच्छा जताई। इतना ही नहीं, उद्धव से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के कामकाज की भी जमकर तारीफ की।
उन्होंने यह भी कहा कि अगले दो-तीन दिनों में देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात करूंगा। एक दिन पहले ही पात्रा चॉल घोटाला केस में मुंबई की PMLA कोर्ट ने संजय राउत को जमानत दी है। मुंबई के आर्थर रोड जेल से बाहर आने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत मातोश्री पहुंचे। वहां उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इसके बाद दोनों ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
राज्य सरकार ने कुछ अच्छे फैसले लिए: संजय राउत
मुंबई में संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है। सरकार ने कुछ डिसीजन अच्छे लिए हैं, मैं उनका स्वागत करूंगा। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि राज्य को उप मुख्यमंत्री फडणवीस चला रहे हैं और वे राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं।
सांसद संजय राउत ने आगे कहा- जिन लोगों ने ये साजिश रची थी, अगर उनको आनंद मिला होगा तो मैं इसमें उनका सहभागी हूं। मेरे मन में किसी के लिए कोई शिकायत नहीं है। मैं पूरे सिस्टम को या फिर किसी केंद्रीय एजेंसी को दोष नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि हमने आज तक ऐसा राजनीतिक प्रतिशोध नहीं देखा।
ठाकरे का केंद्र और एजेंसियों पर तंज
राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मुसीबत के समय साथ दिया। वहीं, उद्धव ने कहा- संजय तुम तो हमारे ही हो। आज वो दिन नहीं है। कल का जो आदेश है, वो देश के लिए आदर्श है। राज्य और केंद्र के लिए एजेंसियां क्या हैं ये सब जानते हैं।। लोग अब सवाल उठाएंगे कि क्यों न ED को बंद कर देना चाहिए?
ED ने जमानत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी
राउत की जमानत के फैसले को प्रर्वतन निदेशालय (ED) ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस भारती डांगरे इस पर सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने रिहाई का आदेश तुरंत रोकने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा- सेशन कोर्ट ने फैसला लेने में एक महीना लिया है तो आप हमसे एक दिन में फैसले की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
31 जुलाई को अरेस्ट हुए थे शिवसेना सांसद
ED ने राउत को 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इससे पहले 9 घंटे पूछताछ की थी। राउत से 28 जून को भी ED ने पूछताछ की थी। उनके घर की तलाशी के दौरान ED को 11.5 लाख रुपए नकद मिले थे। राउत या उनके परिवार के लोग इन पैसों का सोर्स नहीं बता पाए थे। संजय पर 1,039 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाले का आरोप है।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
उत्तरी मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर है, यह पात्रा चॉल के नाम से मशहूर है। यहां पर 47 एकड़ में 672 घर हैं। 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी MHADA ने रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू किया और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड यानी GACPL को 672 किराएदारों का पुनर्वास और इलाके को रिडेवलप करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया।
GACPL को पात्रा चॉल के 672 किराएदारों को फ्लैट देना था, MHADA के लिए 3 हजार फ्लैट बनाना था और शेष को निजी डेवलपर्स को बेचना था। हालांकि ED का दावा है कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने MHADA को गुमराह किया।