अंततः सर्वोच्च न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से निर्धन वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए १० फीसद आरक्षण का प्रावधान करने वाले 101वें संविधान संशोधन की वैधता को दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से बरकरार रखा। न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि १०१वें संशोधन को संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करने वाला नहीं कहा जा सकता। न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी‚ न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला ने न्यायमूर्ति माहेश्वरी से सहमति जताई। इन तीनों न्यायमूर्तियों ने १० फीसद ईड़ब्ल्यूएस को बरकरार रखा। लेकिन प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति रवींद्र भट्ट ने अपनी असहमति जताई। असहमति का आधार यह है कि संशोधन के दायरे से एससी‚ एसटी और पिछड़े़ वर्ग के निर्धन वर्ग को बाहर रखने से उनके साथ अन्याय होगा। इसलिए यह संशोधन के मूल भावना के विरुद्ध है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ जो सामाजिक भेद–भाव था‚ जिसे आरक्षण के द्वारा हटाने की कोशिश की गई‚ वह पूरी तरह उनकी गरीबी मेें अन्तर्निहित था। उन्हें आरक्षण देने का सीधा–सीधा अर्थ यह था कि इस वर्ग को आरक्षण के जरिये गरीबी से निकाला जाए। इसलिए जब उन्हें पहले से ही आरक्षण का लाभ मिल रहा है तो नये आरक्षण के तहत उन्हें आरक्षण के भीतर आरक्षण देने का तार्किक रूप से कोई अर्थ नहीं है। लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए तक केंद्र सरकार का १०१वें संविधान संशोधन करने का एक राजनीतिक आशय भी था। वर्तमान आरक्षण के विरुद्ध सवर्ण जातियों में आक्रोश पैदा हो रहा था और बार–बार इस तरह इंगित कर रही थी कि दलित‚ पिछड़े़ और अति पिछड़़ी जातियों की तुलना में सवर्ण जातियों में भी निर्धनों और अति निर्धनों की विराट संख्या है जो स्वयं को सामाजिक ‘अन्याय’ का शिकार मानती हैं। केंद्र सरकार ने इस संशोधन के माध्यम से इस वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया है। एक तथ्य यह भी है कि आरक्षण संवेत तौर पर गरीबी के निराकरण में सहायक नहीं हुआ। बल्कि इसका लाभ विभिन्न आरक्षित जातियों के सबल समूहों को ही मिला। यह ऐसी स्थिति है जो आगे चलकर अरक्षण के कई तरह की मांगे उठा सकती है। वास्तव में होना यह चाहिए कि उस आरक्षणविहीन और समतापूर्ण समाज की अवधारणा को क्रियान्वित किया जाए जिसमें किसी को भी आरक्षण की जरूरत न पड़े़॥।
NCP नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हत्या , 2 गिरफ्तार ,फरार तीसरे आरोपी की हुई पहचान
मुंबई में NCP (अजित गुट) नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन पर...