प्राकृति को सहेजने और उसकी उपासना का पर्व है छठ। प्रकृति से सामंजस्य और उसकी आराधना को बेहद पवित्रता के साथ संजोया जाता है‚ मगर इसी दौरान देश के दूसरे स्थानों पर कमाने आए बिहार‚ उत्तर प्रदेश और झारखंड़ के लोग ट्रेन में बेहद ‘अप्राकृतिक’ तरीके से ठूंस कर गंतव्य पर पहुंचते हैं। १००–१५० की क्षमता वाली बोगियों में भेड़़–बकरी की तरह बस सवार हो जाते हैं‚ बिना जाने–समझे कि वो इंसान हैं और सम्मान और सुविधा के साथ यात्रा करना उनका हक है। किसी और पर्व–त्योहार में इस तरह की ड़राने वाली यात्रा के दृश्य देखने को नहीं मिलते हैं‚ मगर छठ के समय यह दिखता है। सरकारों के तमाम सतरंगी सपने दिखाए जाने के बीच छठ पर्व के दो–तीन पहले बिहारियों के लिए ट्रेनें कम पड़़ जाती हैं। किंतु आश्चर्य की बात है कि लाखों बर्थ का थोथा दावा करने वाली रेलवे को लज्जा तक नहीं आती। क्या मंत्री‚ क्या मंत्रालय और क्या छुटभैये नेता; सब जनता की मजबूरी का चाव से मजा लेते हैं। दरअसल‚ ऐसे दृश्य अब वार्षिक समारोह की तरह नमूदार होते हैं। १२५ से ज्यादा पूजा स्पेशल ट्रेन पता नहीं किस रूट पर अपनी फेरी लगाती हैंॽ यह वाकई शोध का विषय है कि रेलवे की हाड़़तोड़़ मेहनत के बावजूद छठ पर अपने गांव–घर जाने वाला ट्रेन पर सवार क्यों नहीं हो पाताॽ॥ देश का मजाक बनाती तस्वीरें और दृश्यों की टाइमिंग देश में बुलेट ट्रेन शुरू करने से मेल खा रही हैं। क्या यह उचित नहीं होगा कि देश में बुलेट ट्रेन की जगह पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए और लोगों को सम्मानजनक यात्रा कराई जाए। रेलवे का पूरा सिस्टम फिसड्ड़ी साबित हुआ है। एशिया में दूसरा और विश्व में भले भारतीय रेल नेटवर्क चौथे स्थान पर होने के चलते छाती चौड़़ी करे‚ मगर छठ पर्व के समय इसकी पतली हालत देखकर शर्म और गुस्सा एक साथ आता है। आखिर‚ लंबे वक्त में सरकार ने रेलवे की दशा–दिशा सुधारने को लेकर सुस्ती क्यों दिखाईॽ एक सवाल बिहार को बदल देने का दावा करने वाली सरकारों से भी कि आखिर‚ रोजगार के स्तर पर उसने क्या कियाॽ एक सवाल उन राज्य सरकारों से भी जहां बड़़ी तादाद में बिहार‚ उप्र और झारखंड़ की जनता अपना खून–पसीना सब कुछ झोंक देती है‚ मगर रिटर्न गिफ्ट के नाम पर उन्हें न तो कायदे का रोजगार मिलता है‚ और न सम्मान। क्या अपने सूबे के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वालों के लिए उन्हें कुछ करना नहीं चाहिएॽ
GST काउंसिल की बैठक आज, इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा
GST काउंसिल की आज यानी 9 सितंबर को बैठक होगी. इस बैठक में इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST सहित...