साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण आज 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को शुरू हो चुका है। बता दें सूर्य ग्रहण के कारण धार्मिक और शुभ मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगा। सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर शुरू हुआ है। यह ग्रहण शाम 6 बजकर 32 मिनट पर खत्म हो जाएगा। सूर्य ग्रहण करीब 4 घंटे तीन मिनट तक चलेगा। वहीं ग्रहण का सूतक का काल 12 घंटे पहले ही शुरू हुआ था
बांके बिहारी समेत देश के प्रमुख मंदिरों के पट हो चुके बंद
सूर्य ग्रहण शुरू होने से पहले ही देश के प्रमख मंदिरों और देवालयों के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान भगवान पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए ग्रहण की बुरी छाया से बचने के लिए सभी मंदिरों के दरवाजें बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण की समाप्ति के बाद भगवान को गंगाजल से स्नान कराकर पूजा-पाठ करते हैं।
शाम को साढ़े पांच बजे खत्म होगा ग्रहण
यह आंशिक सूर्य ग्रहण पटना सहित बिहार और देश के अन्य हिस्सों में भी दिखेगा। पटना में ग्रहण की अवधि करीब आधा घंटा होगी। सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले ही लग जाता है। इस प्रकार पटना में सूर्य ग्रहण का सूतक सूर्योदय से पहले ही सुबह 4.42 बजे ही शुरू हो चुका है।
पटना में मंगलवार की शाम 4.42 से सूर्य ग्रहण लगेगा। उसके 12 घंटा पहले सूतक लग जाएगा। शाम 5 बजकर 11 मिनट पर सूर्य ग्रहण का मध्य होगा। शाम 5 बजकर 13 मिनट पर ग्रहण से मोक्ष हो जाएगा। वैसे तो ग्रहण इसके बाद तक चलेगा। लेकिन, ग्रहण की अवधि में ही पटना में सूर्यास्त हो जाएगा। पटना में ग्रहण का मध्य सूर्यास्त से ठीक पहले होगा। इसलिए तब सूर्य बिल्कुल पश्चिमी क्षितिज पर दिखाई देगा। सूर्यास्त के बाद का ग्रहण पटना में दृश्य नहीं होगा। पटना में मंगलवार को सूर्योदय सुबह 5.53 बजे जबकि सूर्यास्त शाम 5.13 बजे ही हो जाएगा। ग्रहण की समाप्ति के बाद गंगा और अन्य जलाशयों में स्नान करने के बाद पूजा आदि करनी चाहिए। इसके बाद ही भोजन बनाना और ग्रहण करना चाहिए।
देश में सबसे पहले इसे अमृतसर में शाम 4.19 बजे से देखा जा सकेगा। वहीं, मुंबई में शाम 6.09 बजे तक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। ज्यादातर जगह ग्रहण सूर्यास्त के साथ ही खत्म होगा।
दुनियाभर की बात करें, तो अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक आज का सूर्य ग्रहण यूरोप, नॉर्थ-ईस्ट अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया में दिखाई देगा। इस सूर्य ग्रहण के बाद 8 नवंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण भी होगा, जो एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में दिखेगा।
बिड़ला तारामंडल, कोलकाता के खगोल वैज्ञानिक देवी प्रसाद दुआरी के मुताबिक सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में आसानी से देखा जा सकेगा। देश के पूर्वी हिस्सों में ये ग्रहण दिख नहीं पाएगा, क्योंकि इन क्षेत्रों में उस समय सूर्यास्त हो चुका होगा। ग्रहण की शुरुआत शाम 4 बजे के बाद हो जाएगी। ग्रहण का समय अलग-अलग जगहों के हिसाब अलग-अलग रहेगा, 4.50 बजे तक ग्रहण अधिकतर शहरों में दिखने लगेगा।
दिवाली के बाद ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा एक दिन बाद
आज का ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए सूतक की वजह से इस साल दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का गैप है। अब गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी। 2022 के बाद दीपावली और सूर्य ग्रहण का योग 2032 में 3 नवंबर को बनेगा।
इस बार दीपावली पर सूर्य ग्रहण और बुध, गुरु, शुक्र, शनि का अपनी-अपनी राशि में हैं, ऐसा योग पिछले 1300 सालों में नहीं बना है। और इसका सूतक सुबह चार बजे से शुरू हो गया है। वहीं, दिवाली जैसे बड़े त्योहार पर सूर्य ग्रहण होने से कई तरह के कन्फ्यूजन पैदा हो गए हैं। जैसे लक्ष्मी जी की चौकी कब हटानी है, ग्रहण के समय खाने को कैसे सुरक्षित और पवित्र रखें, सूतक का समय क्या रहेगा, ग्रहण का सभी राशियों पर कैसा असर होगा, ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखने की सलाह क्यों दी जाती है, सूर्य ग्रहण देखते समय आंखों की केयर कैसे करें?
इन कन्फ्यूजंस को दूर करने के लिए हमने अलग-अलग एक्सपर्ट्स से बात की है। धर्म-ज्योतिष का पक्ष बता रहे हैं उज्जैन के एस्ट्रोलॉजर पं. मनीष शर्मा, आयुर्वेद का पक्ष बता रहे हैं डॉ. राम अरोरा, महिलाओं के लिए टिप्स दे रही हैं उज्जैन की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. मोना गुप्ता (MS) और आंखों की केयर के लिए टिप्स दे रहे हैं भोपाल के आई स्पेशलिस्ट डॉ. पवन चौरसिया
अगले महीने लगेगा चंद्र ग्रहण
अगले ही महीने चंद्र ग्रहण लगने वाला है। आठ नवंबर को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण पटना में सूर्यास्त से पहले ही शुरू हो जाएगा। यह ग्रहण करीब ढाई घंटे लंबा होगा। अगले साल यानी 2023 में पटना में कोई भी सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। 2023 के मई और अक्टूबर महीने में दो आंशिक और छाया चंद्रग्रहण लगेंगे। सबसे दिलचस्प बात 2024 में होगी। इस साल पटना में कोई भी सूर्य या चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसके बाद सीधे 2025 के सितंबर महीने में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
शहर के अनुसार बदलता है समय
चंद्र और सूर्य ग्रहण का समय सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्रोदय, चंद्रास्त की तरह ही स्थान के अनुसार बदल जाता है। उदाहरण के लिए भारत के पूर्वी और पश्चिमी छोर के शहरों में सूर्योदय-सूर्यास्त के समय में करीब एक घंटे का अंतर पाया जाता है। https://www.timeanddate.com/eclipse/in.html नाम की वेबसाइट पर आप अपने शहर या नजदीकी शहर का नाम डालकर ग्रहण का सही स्थानीय समय पता कर सकते हैं।
स्वाति नक्षत्र वाले नहीं देखें ग्रहण
ज्योतिष के अनुसार ग्रहण का असर हर जीव पर पड़ता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस सूर्य ग्रहण से मेष राशि वालों को स्त्रीकष्ट, वृष राशि वालों को सौख्य, मिथुुन वालों को चिंता, कर्क राशि वालों को व्यथा, , सिंह राशि वालों को श्री, कन्या वालों को क्षति, तुला वालों को घात, वृश्चिक वालों को हानि, धनु वालों को लाभ, मकर वालों को सुख, मीन वालों को मृत्यु तुल्य कष्ट मिलेगा। यह ग्रहण स्वाति नक्षत्र और तुला राशि में लग रहा है। इसलिए स्वाति नक्षत्र और तुला राशि वालों को यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए।