नगर निकाय चुनाव में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ देने के मामले में Patna High Court में बुधवार को सुनवाई हुई. नगर निकाय चुनाव कराये जाने का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार ने नगर निकाय चुनावों में ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण देने के लिए एक डेडीकेटेड कमीशन का गठन कर दिया है. डा नवीन चंद्र आर्या को अति पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है. चार अन्य सदस्यों का यह आयोग सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के आलोक में अपनी रिपोर्ट जल्द ही राज्य सरकार को सौपेगी. सरकार उसी रिपोर्ट के आधार पर निकाय का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग से कराने का अनुरोध करेगी. राज्य सरकार द्वारा दिये गए इसी अंडरटेकिंग के बाद पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के रिव्यू पेटीशन को निष्पादित कर दिया.
नगर निकाय चुनाव में ईबीसी आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने अति पिछडा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने बुधवार को राज्य सरकार व अन्य की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई की। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि अति पिछड़े़ वर्ग के राजनीतिक पिछडेपन के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया गया है। यह कमीशन राज्य में अति पिछड़े़ वर्ग में राजनीतिक पिछडेपन पर अध्ययन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौपेंगी। इसके बाद राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर राज्य चुनाव आयोग राज्य में नगर निकायों का चुनाव कराएगी। आयोग के अध्यक्ष नवीन कुमार आर्य को बनाया गया है।
वहीं अरविंद निषाद‚ ज्ञान चंद पटेल और तार केशर ठाकुर को आयोग का सदस्य बनया गया है। सरकार के इस निर्णय के बाद उम्मीद है कि दिसम्बर से पहले नगर निकाय के चुनाव होंगे। कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार व अन्य द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं को निष्पादित कर दिया। दरअसल‚ नगर निकाय चुनाव में ईबीसी आरक्षण पर ४ अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने निकाय चुनाव में ईबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव चुनाव को स्थगित कर दिया था। इसके बाद राज्य सारकार ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की। इसमें राज्य सरकार ने बताया कि ईबीसी आरक्षण के लिए सरकार ने विशेष कमीशन का गठन किया है। कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार व अन्य द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं को निष्पादित कर दिया। आयोग के सभी सदस्य बृहस्पतिवार की सुबह १०.३० में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे। नवीन आर्य जदयू प्रदेश के महासचिव हैं‚ जबकि अरविंद निषाद जदयू के प्रवक्ता हैं।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना कर राज्य में अतिपिछड़ों को आरक्षण दिये बिना चुनाव कराने की जिद पर अड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उच्च न्यायालय में मुंह की खानी पड़ी। मोदी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि यदि सरकार ने विशेष आयोग बनाने का निर्णय पहले कर दिया होता‚ तो यह फजीहत नहीं होती। न्यायालय ने उनके अहंकार को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव पर रोक लगने का हवाला देकर हम नीतीश कुमार से बार–बार कह रहे थे कि निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाया जाए तब हमें आरक्षण–विरोधी बताया जाने लगा। भाजपा सांसद ने पूछा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद के चलते निकाय चुनाव बीच में रुकने से अतिपिछड़ों के जो करोड़ों रुपये नुकसान हुए‚ उसकी भरपायी कौन करेगा। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में सरकार को झुकना पड़ा और आयोग बनाकर आरक्षण देने और दिसंबर के पहले निकाय चुनाव कराने की बात माननी पड़ी।