केरल का नाम आते ही समय की धारा के साथ चलने वाले और प्रगतिशील समाज की छवि उभरती है। एक ऐसा राज्य‚ जिसकी आबादी शत–प्रतिशत साक्षर है। मानव विकास के सभी मापदंडों में अव्वल। ऐसे में दो महिलाओं की नरबली पर सहसा विश्वास नहीं होता। दरअसल‚ कोच्चि में मोहम्मद शफी नाम के तांत्रिक ने जल्द अमीर बनने का सपना दिखाकर एक दंपति को नरबलि के लिए राजी कर लिया। तीनों ने मिलकर दो महिलाओं की बेहद ही निर्मतता से हत्या कर दी। एक महिला को १५००० रु पये का लालच देकर तो दूसरी महिला को एक्टिंग का सपना दिखा कर अगवा किया गया था। इन पिशाचों की दरिंदगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक महिला के इन्होंने ५६ टुकड़े़ किए। तीनों आरोपितों पर मांस खाने का भी संदेह है। कुछ महीने पहले अंजाम दिए गए इस हत्याकांड़ में चार लोगों की गिरफ्तारी और विशेष जांच दल के गठन के बाद मामले की तस्वीर और साफ होगी। बहरहाल‚ इस घटना के बाद केरल में अंधविश्वास को लेकर कानून की मांग तेज हो गई है। हालांकि राज्य में ‘केरल प्रिवेंशन ऑफ इरेडिकेशन ऑफ इनह्यूमन एविल प्रैक्टिस‚ टोना–टोटका और काला जादू बिल’ कर्नाटक और महाराष्ट्र की तर्ज पर तैयार किया गया है‚ जो २०१९ से लागू किए जाने के इंतजार में हैं। इसमें १ से ७ साल की जेल और ५ हजार से ५० हजार रु पये जुर्माने का प्रावधान है। इसमें उन परंपराओं के खिलाफ प्रावधान तय किए गए हैं‚ जिनमें किसी तरह की कोई शारीरिक हानि होती हो। कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत न हो‚ इसलिए सत्तारूढ़ दल इसे टाल रहा था। केरल की यह घटना बताती है कि कथित धार्मिक भावनाओं के खिलाफ सख्ती नहीं बरतना किस कदर वीभत्स हो सकता है। ये तो खैर कानूनी बात हुई‚ जिसके माध्यम से ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है‚ लेकिन जब तक तार्किकता की ठोस जमीन नहीं होगी ऐसी वारदात होने की आशंका बरकरार रहेगी। हमें नहीं भूलना चाहिए कि किसी अंधविश्वास/काला जादू की जड़ छोटे–छोटे टोटकों में है। हम तार्किक समाज की जगह अंधश्रद्धा को महत्व देते हैं। नतीजतन हमें ऐसा खामियाजा भुगतना पड़़ता है। इसी घटना के साथ ही बिहार के एक चर्चित मंत्री का दावा भी सुर्खियों में है‚ जिसमें उन्होंने भभूत प्राप्त होनी की बात कही है। लिहाजा यह जरूरी हो जाता है कि समाज जिन लोगों से सीखता–समझता है‚ वे उसकी महत्ता को समझें।
कहां छिपा है पाकिस्तान का परमाणु भंडार?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत बेहद गुस्से में है. सरकार ने कई कठोर कदम भी उठाए हैं, जिससे पाकिस्तान बुरी...