उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद राज्य सरकार ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा। दिग्गज राजनेता मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल से उत्तर प्रदेश के उनके पैतृक गांव सैफई ले जाया जा रहा है. उनका अंतिम संस्कार 11 अक्टूबर को सैफई में होगा. मुलायम सिंह यादव का आज सुबह (10 अक्टूबर) निधन हो गया। मुलायम सिंह के निधन से उनके बेटे अखिलेश यादव भावुक हो गए हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि मेरे आदरणीय पिता और सबके नेताजी नहीं रहे. समाजवादी पार्टी ने कहा कि सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव नहीं रहे. उन्होंने आज सुबह 8:15 बजे अंतिम सांस ली. वह 22 अगस्त से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. 2 अक्टूबर से वेंटिलेटर पर थे. सपा संरक्षक के पार्थिव शरीर को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई ले जाया जाएगा. नेताजी के निधन पर उनके पैतृक गांव सैफई में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. उनका जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई में हुई था. मुलायम सिंह के पिता सुघर सिंह यादव एक किसान थे और वे वर्तमान में मैनपुरी सीट से लोकसऊा सांसद थे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर बिहार सरकार ने 10 अक्टूबर को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। सीएम नीतीश कुमार मंगलवार को यूपी के सैफई जाएंगे और मुलायम सिंह की अंत्येष्टि में शामिल होंगे।
वहीं, सीएम नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि मुलायम सिंह यादव का निधन राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। मुलायम सिंह यादव देश के बड़े समाजवादी नेता थे। वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक एवं संरक्षक थे। उत्तर प्रदेश एवं देश के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनसे हमारा व्यक्तिगत लगाव था। उनके निधन से मुझे काफी दुख पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
उन्होंने दिल्ली से सटे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनका बीते कई दिनों से मेदांता में इलाज चल रहा था और हालत काफी नाजुक थी। मुलायम सिंह 82 साल के थे और मेदांता के आईसीयू में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। रविवार दोपहर को जब मुलायम का 7वां हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया था। तब भी मुलायम सिंह यादव की हालत नाजुक थी। वह लाइफ सेविंग्स ड्रग्स पर थे और ICU में वेंटिलेटर पर थे।
सीएम योगी ने जताया शोक
वहीं मुलायम सिंह के निधन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुखदायी है। उनके निधन से समाजवाद के एक प्रमुख स्तंभ एवं एक संघर्षशील युग का अंत हुआ है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना व शोकाकुल परिवार एवं समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ।”
सैफई के किसान परिवार में हुआ था मुलायम सिंह का जन्म
मुलायम सिंह यादव 3 बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहने के अलावा देश के रक्षा मंत्री भी रहे थे। उनके बेटे अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उस समय देश में ब्रिटिश शासन था और उत्तर प्रदेश को संयुक्त प्रांत या यूनाइटेड प्रॉविन्सेज के नाम से जाना जाता था।
उनके पिता का नाम सुघर सिंह यादव और मां का नाम मूर्ति देवी था। मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के पास राजनीति शास्त्र में तीन डिग्रियां थीं जिनमें इटावा के कर्म क्षेत्र पोस्ट ग्रैजुएट कॉलेज से ली गई बीए की डिग्री, शिकोहाबाद के एके कॉलेज से बीटी की डिग्री और आगरा यूनिवर्सिटी के भीम राव आंबेडकर कॉलेज से एमए की डिग्री शामिल है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के निधन पर पूरा देश शोक में डूब गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि मुलायम सिंह यादव जी एक विनम्र और जमीनी नेता थे। वह जनता की समस्याओं को लेकर संवेदनशील रहते थे। उन्होंने लोकनायक जय प्रकाश और डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारों का प्रचारित करने में पूरा जीवन लगा दिया। वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं देश की तमाम शख्सियतें मुलायम सिंह यादव के जुझारूपन की कायल रही हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछड़ों, गरीबों की आवाज बुलंद करने में मुलायम सिंह यादव अगुआ रहे। उनके गरीबों के हितों के लिए जुझारूपन को देखते हुए ही उन्हें ‘धरती पुत्र’ कहा जाने लगा। ये मुलायम सिंह यादव का अथक परिश्रम ही था कि अपने गठन के बाद से ही समाजवादी पार्टी सत्ता में अपनी धमक पेश करने लगी। तीन दशकों में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को नई ऊंचाइयां दीं। राजनीति में तमाम ऊंच-नीच के पल आए लेकिन मुलायम सिंह यादव का जुझारू अंदाज कायम रहा।
इसी साल जब मुलायम सिंह यादव अपनी बढ़ती उम्र से जूझ रहे थे और तबियत से काफी परेशान रहने लगे थे। वह चीजें भूलने लगे थे लेकिन राजनीति का दामन उन्होंने नहीं छोड़ा था। हालांकि सक्रिय राजनीति से वह दूर हो गए थे लेकिन सपा कार्यक्रमों में खासतौर पर युवाओं को संबोधित करने में वह पीछे नहीं रहते थे।आखिरी बार इसी साल फरवरी में मुलायम सिंह यादव सार्वजनिक चुनावी मंच पर दिखाई दिए। मौका था यूपी विधानसभा चुनाव का और सीट थी मैनपुरी की करहल सीट, जहां से अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे थे। उनके मुकाबले में एसपी सिंह बघेल खड़े थे। दरअसल मुलायम सिंह यादव का नाम तो समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में टॉप पर था लेकिन दो फेज का चुनाव बीत चुका था और नेताजी अब तक कहीं नहीं निकले थे। आखिरकार 17 फरवरी को मुलायम सिंह यादव तबियत खराब होने के बाद भी चुनावी मंच पर दिखाई दिए। मुलायम के मंच पर आए तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भर गया। वह कमजोर दिख रहे थे लेकिन कार्यकर्ता अपने बीच नेताजी को देखकर ही ऊर्जान्वित हो उठे थे।
मुलायम सिंह ने करहल की जनता को संबोधित किया और किसानों, नौजवानों एवं व्यापारियों को देश के विकास के लिए मजबूत स्तंभ करार दिया। उम्र और खराब तबियत का असर मुलायम पर साफ दिखाई दे रहा था। इस दौरान वह अखिलेश यादव का नाम भूल गए, यही नहीं वोट मांगना भी भूल गए। मुलायम की आवाज पर उम्र का असर दिख रहा था लेकिन उन्होंने भाषण जारी रखा। उन्होंने कई बार दोहराया कि सपा सरकार किसानों, व्यापारियों और युवाओं के लिए काम करेगी। इसी दौरान मुलायम जनता का आभार जताया और भाषण खत्म करने लगे तो बगल में खड़े धर्मेंद्र यादव ने उन्हें एक पर्ची पकड़ाई और करीब आकर कहा- वोट मांगिए। मुलायम सिंह यादव हंस दिए। इसके बाद उन्होंने अपील की तो अपने बेटे अखिलेश यादव का ही नाम भूल गए और कहा कि जो भी यहां उम्मीदवार हैं, उन्हें जिता देना। इस पर धर्मेंद्र ने फिर याद दिलाया तो मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश यादव को भारी मतों से जिता देना।