प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 अक्टूबर‚ 2022 को देश में ५जी सेवाओं का उद्घाटन किया। इसी के साथ टेलकॉम कंपनी एयरटेल ने ५जी सेवाओं की शुरु आत दिल्ली‚ मुंबई‚ बेंगलुरू और वाराणसी सहित ८ शहरों में कर दी। रिलायंस जिओ और वोडाफोन–आईडिया भी जल्दी ही अपनी सेवाएं आरंभ करेंगी। यह 5जी के प्रसार का प्रथम चरण है‚ जिसमें कुल 13 शहरों में 5जी सेवाएं शुरू की जाएंगी। जाहिर है कि पूरे देश में 5जी सेवाओं का विस्तार 2024 तक ही हो पाएगा। 5जी सेवा की देश में शुरुआत में डिजिटल इंडिया के चार स्तंभों–उपकरण की लागत‚ डिजिटल कनेक्टिविटी‚ डाटा लागत और डिजिटल फर्स्ट दृष्टिकोण पर अमल करते हुए किया गया है। अब हम दूरसंचार तकनीक के लिए दूसरे देशों पर आश्रित नहीं रहे। प्रधानमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में विश्वास जताया कि 5जी से उद्योग और व्यवसाय को लाभ पहुंचेगा। अर्थव्यवस्था बेहतर होगी। भारत विश्व का ७३वां देश बन गया है‚ जहां ५जी सेवाएं उपलब्ध हैं।
1जी से शुरू होने वाले वैश्विक वायरलेस मानक मोबाइल नेटवर्क की 5वीं पीढ़ी और ४जी के ठीक बाद वाली पीढ़ी है ५जी। १जी की शुरु आत १९८० में हुई थी‚ जिससे एनालॉग वॉयस मिला‚ वहीं 2जी का आरंभ १९९० में हुआ जिससे डिजिटल वॉयस ईजाद हुआ जिसको कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस या संक्षेप में सीडीएमए तकनीक के नाम से जाना जाता है। 3जी का प्रारंभ २००० में हुआ था‚ जहां से मोबाइल डाटा मिलना शुरू हुआ था। २०१० में ४जी सेवाओं की शुरु आत हुई थी‚ 4जी द्वारा प्रदत्त एलटीई तकनीक द्वारा मोबाइल ब्रॉडबैंड़ युग का आगाज हुआ। वायरलेस मानक मोबाइल नेटवर्क का हालिया संस्करण ५जी नई तकनीक ऑर्थोगोनल फ्रीक्वेंसीडिवीजन मल्टीप्लेक्सिंग (ओएफडीएम) पर आधारित है‚ जो हस्तक्षेप को कम करने के लिए विविध चैनलों में डिजिटल सिग्नल को संशोधित करने की प्रक्रिया है। 5जी में ओएफडीएम तकनीक के साथ ही न्यू रेडियो (एनआर) एयर इंटरफेस‚ सब–६ गिगाहर्ट्ज और मिलीमीटर वेव जैसी व्यापक बैंड़विड्थ तकनीकों का भी उपयोग किया जाता है। ५जी के प्रसार के लिये कम–शक्ति वाले सेल्युलर एक्सेस नोड‚ स्माल सेल का भी उपयोग किया जाता है। उच्च आवृत्तियों के कारण 5जी की रेडियो तरंगों का प्रसार लंबी दूरी तक संभव नहीं हो पाता है‚ इसलिए स्माल सेल का प्रयोग महत्वपूर्ण हो जाता है। ज्यादा गति प्राप्त करने के लिए ५जी नेटवर्क में बहुत सारी ऑपरेटिंग आवृत्तियों का उपयोग किया जाता है‚ जिसे मिलीमीटर वेवबैंड़ के नाम से जाना जाता है। लो–बैंड़ ५जी ६००–८५० मेगाहर्ट्ज के बीच काम करता है‚ जो वर्तमान के ४जी नेटवर्क से केवल मामूली तेज है। मिड–बैंड़ 5जी २.५–३.७ गीगाहर्ट्ज रेंज में काम करता है‚ और १००–९०० एमबीपीएस के बीच स्पीड देता है। हाई–बैंड़ 5जी‚ २५–३९ गीगाहर्ट्ज की गति पर संचालित हो सकता है‚ इसे एमएम वेव स्पेक्ट्रम के रूप में जाना जाता है।
५जी से नेटवर्क की सुदृढ़ संरचना होती है‚ जिसमें मशीनों‚ वस्तुओं‚ उपकरणों सहित लगभग सब कुछ एक साथ जोड़ा जा सकता है। ५जी वायरलेस तकनीक‚ पीक डेटा स्पीड‚ अल्ट्रा लो लेटेंसी‚ अधिक विश्वसनीयता‚ विशाल नेटवर्क क्षमता‚ नगण्य विलंब‚ और बढ़ी हुई उपलब्धता प्रदान करता है‚ जिससे उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव मिलता है। 5जी समेकित‚ अत्यधिक सक्षम वायु इंटरफेस है‚ जिसे अगली पीढ़ी के उपयोग अनुभवों को बेहतर बनाने‚ नये परिनियोजन मॉडल को सुदृढ़ बनाने और नई सेवाओं के लिए विस्तारित क्षमता के साथ संरचित किया गया है। ५जी मोबाइल पारिस्थितिकी तंत्र को नये क्षेत्रों सुरक्षित परिवहन‚ दूरस्थ स्वास्थ्य सेवा‚ सटीक कृषि‚ बेहतर आपूर्ति „शृंखला सहित कई अन्य क्षेत्रों में विस्तारित करेगा। ५जी का उपयोग तीन प्रमुख कनेक्टेड सेवाओं में किया जाता है‚ जिसमें उन्नत मोबाइल ब्रॉडबैंड़‚ मिशन–महत्वपूर्ण संचार और बड़े पैमाने पर आईओटी शामिल हैं। ५जी हमारे स्मार्टफोन को उन्नत मोबाइल ब्रॉडबैंड़ प्रदान करेगा‚ जिससे हम कम लागत–प्रति–बिट के साथ वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसी नई तकनीकों का उपयोग कर पाएंगे। ५जी मिशन–महत्वपूर्ण संचार को तेज गति प्रदान करेगा जिससे कम समय में आवश्यक सेवाओं का निष्पादन संभव होगा। आईओटी के इस्तेमाल से वाहनों और चिकित्सा प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा। ड्रोन और रोबोटिक्स का उपयोग भी संभव हो सकेगा।
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार ५जी का पूर्ण प्रभाव २०३५ तक दुनिया भर में महसूस किया जाएगा। ५जी के बेहतर उपयोग से २०३५ तक १३.१ ट्रिलियन मूल्य के उत्पाद एवं सेवाओं के अतिरिक्त व्यापार का योगदान मिलेगा। २०३० तक सिर्फ स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े ऐप से आधा बिलियन डॉलर से ज्यादा का नया व्यवसाय सृजित होगा। ५जी से कई क्षेत्रों में नये रोजगार बढ़ने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है‚ जैसे ओईएम‚ ऑपरेटरों‚ सामग्री निर्माता‚ ऐप डवलपर्स और उपभोक्ताओं इत्यादि मामलों में ५जी की संवर्धित „ाृंखला से २२.८ मिलियन रोजगार सृजन की संभावना है।
हालांकि‚ ५जी तकनीक से संचारित सभी रेडियो सिग्नल समस्याओं और जनजीवन के स्वास्थ्य पर उसके प्रभाव पर शोध के बाद ५जी तकनीक को सुरक्षित पाया गया है‚ लेकिन सुरक्षा कारणों और अधिकांश भौगोलिक क्षेत्रों में तकनीक के लिए बुनियादी ढांचे की कमी के कारण कार्यान्वयन लक्ष्य हासिल करना मुश्किल लगता है। सुदूर गांवों और कस्बों तक ५जी का पूर्ण लाभ तुरंत नहीं पहुंच पाएगा। ज्यादातर पुराने उपकरण ५जी के लिए सक्षम नहीं होंगे। अभी देश के ९.७ प्रतिशत स्मार्टफोन ही ५जी के अनुकूल हैं। तेज इंटरनेट गति से साइबर अपराध भी तेजी बढ़ेंगे। अभी ५जी में अतिरिक्त सुरक्षा व निजता के लिए जरूरी प्रक्रिया को कार्यान्वित नहीं किया जा सका है‚ लेकिन निश्चित ही ५जी से हर वर्ग के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को काफी सहूलियत होगी।