बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मंगलवार को कहा कि वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के निर्देश पर मंत्री बने थे और उनके कहने पर ही पद भी इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा पद छोड़ना कोई इतनी बड़ी चर्चा का विषय नहीं। सुधाकर ने कहा कि चर्चा का विषय उन मुद्दों का है जिन पर मैंने इस्तीफा दिया। कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड में एक सभा को संबोधित करते हुए सुधाकर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास कैबिनेट के किसी भी मंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार है, लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि जिन मुद्दों पर मैंने इस्तीफा दिया है, उन पर चर्चा होनी चाहिए।
सुधाकर ने कहा कि जब मैं कृषि मंत्री था तो मैंने बिहार के किसानों के लिए एक कृषि रोड मैप तैयार करने की मांग की थी। वे बीज और उर्वरक पर सब्सिडी नहीं चाहते हैं लेकिन वे अपनी फसलों के अधिकतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसे लाभकारी मूल्य चाहते हैं। यही किसानों की असली लड़ाई है। सुधाकर ने पूछा कि कौन कह रहा है कि नेता सरकार में रहकर सवाल नहीं उठा सकते? मैं उन्हें चुनौती देना चाहता हूं। देश के संविधान ने हमें सरकार में रहकर लोगों की अनियमितताओं को उठाने का अधिकार दिया है। सुधाकर ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने मुझे कैबिनेट में शामिल होने का निर्देश दिया फिर राजद सुप्रीमो के ही कहने पर मैंने पद छोड़ा।
अपने विभाग के अफसरों से नाराज थे सुधाकर
गौरतलब है कि सुधाकर सिंह ने दो दिन पहले रविवार को इस्तीफा दे दिया था। राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर नीतीश कैबिनेट में कृषि मंत्री का दायित्व संभाल रहे थे। मंत्री बनने के बाद से ही वह अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से नाराज थे। सार्वजनिक मंच से उन्होंने अपने विभाग के अफसरों को चोर बताते हुए खुद को चोरों का सरदार कह दिया था।