आज विजयादशमी है। बिहार में पटना के गांधी मैदान समेत कई जगहों पर रावण वध का आयोजन किया गया है लेकिन सुबह से ही बादलों ने आसमान में डेरा डाल रखा है। पिछले दो दिन हुई बारिश ने नवरात्री में काफी खलल डाला। मौसम विभाग ने आज भी पूरे बिहार में बारिश का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में रावण वध कमिटियों को बरसात का डर सता रहा है।
पटना के गांधी मैदान में बुधवार की शाम रावण दहन समारोह का आयोजन किया गया है. झांकी के आने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भगवान श्रीराम औऱ उनके छोटे भाई लक्ष्मण की आरती उतारेंगे. इस दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ बिहार सरकार के कई मंत्री भी वहां मौजूद रहेंगे. दशहरा कमेटी के तत्वावधान में राजधानी के गांधी मैदान मे कार्यक्रम शाम 4:30 बजे शुरू हो जाएगा.
5 बजे शाम को रावण के पुतले का दहन किया जाना है. दशहरा कमेटी के लोगों ने बताया कि कोरोना के कारण दो साल के बाद गांधी मैदान में रावण वध कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस साल कार्यक्रम में राज्य भर से लाखों लोगों के शामिल होने की उम्मीद जतायी जा रही है. राजधानी पटना के विभिन्न इलाकों से भ्रमण करने के बाद श्रीराम एवं लक्ष्मण की झांकी गांधी मैदान में प्रवेश करेगी. झांकी के आगमन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भगवान श्रीराम एवं भ्राता लक्ष्मण की आरती उतारेंगे. इसके साथ ही रावण वध समारोह शुरू हो जाएगा.
दशहरा कमेटी से जुड़े लोगों ने बताया कि गांधी मैदान में इस वर्ष 70 फीट के रावण का पुतला का दहन होगा. 65 फीट का मेघनाद एवं 60 फीट का कुंभकरण होगा. पुतला का निर्माण गया के कुशल कलाकारों द्वारा किया गया है. कपड़ा, बांस, कागज, रस्सी आदि से पुतला का निर्माण गांधी मैदान में ही किया गया है. इस वर्ष गांधी मैदान में बनने वाली सोने की लंका दो मंजिल की बनाई गई है. उसे भव्य तरीके से सजाया गया है. लंका के अंदर ही अशोक वाटिका का निर्माण किया गया है, जहां सीता जी को बैठाया जाएगा.
दशहरा कमेटी ने लोगों से अपील की है कि जब अभिभावक गांधी मैदान में बच्चे को लाते समय उनकी पैंट या शर्ट की जेब में नाम एवं फोन नंबर की एक पर्ची अवश्य डाल दें, इससे अगर गांधी मैदान में बच्चा गुम हो जाता है तो उसे आसानी से खोज लिया जाएगा. नाम एवं नंबर होने पर उसे अभिभावकों तक दशहरा कमेटी ने घर तक पहुंचाने की प्लानिंग पहले से तय कर ली है.
जिला और पुलिस प्रशासन ने भी अपनी तरफ से रावण वध कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने को लेकर विशेष सतर्कता और तैयारी की है. पटना के प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि की अध्यक्षता में कई बार गांधी मैदान में बैठकर भी हुई है और एहतियात के तौर पर कई फैसले लिए गए हैं. दरअसल कुछ साल पहले गांधी मैदान में रावण वध कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मचने से एक साथ कई लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद से प्रशासन रावण पद कार्यक्रम को लेकर विशेष तौर पर सतर्कता बरतता रहा है.
पटना में रावण दहन का है पाकिस्तान कनेक्शन, जानें गांधी मैदान में कब और कैसे शुरू हुई यह परंपरा
आजादी से पहले बिहार में रावण दहन की ऐसी कोई परंपरा नहीं थी. 1954 तक पटना में कहीं रावण दहन नहीं होता था. गांधी मैदान में पहली बार इसका आयोजन 1955 में हुआ. बेहद छोटे पैमाने पर हुए इस आयोजन में करीब दो-दो सौ लोग शामिल हुए थे. रावण दहन का यह आयोजन देश विभाजन के बाद पाकिस्तान के पंजाब से पटना आये परिवारों ने किया था. उस वक्त करीब 350 परिवार पटना में आये थे, उन्हीं में से कुछ लोगों ने इस परंपरा की गांधी मैदान में शुरुआत की थी.
बक्शी राम गांधी के आग्रह पर दुर्गा प्रसाद शर्मा बने थे अध्यक्ष
गांधी मैदान में रावण दहन के पहले आयोजन को लेकर समाचार पत्रों में छपी रपट के अनुसार यह पंजाबी समुदाय का आयोजन था, जिसमें पटना के आम लोगों की भागीदारी न के बराबर थी. बताया जाता है कि पाकिस्तान से पंजाबी समाज के लोगों ने पटना में 1954 में दशहरा कमेटी का गठन किया. पाकिस्तान से आये बक्शी राम गांधी के आग्रह पर बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन के मालिक दुर्गा प्रसाद शर्मा इस कमेटी के अध्यक्ष बने. कमेटी में पीके कोचर, ओपी कोचर, विशन दास, टीआर मेहता, प्रेमनाथ अरोड़ा, ओपी बिहारी, संतोष चंद्रा समेत अन्य लोगों शामिल थे. इस प्रकार पाकिस्तान से आये पंजाबी परिवार ने बिहार में 1955 में रावण दहन की नींव रखी गयी.
वैद्यनाथ आयुर्वेद भवन उठाता था आयोजन का खर्च
वैद्यनाथ आयुर्वेद के तत्कालिक मालिक दुर्गा प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में गांधी मैदान में दशहरा कमेटी ने रावण दहन समारोह का आयोजन किया. इस आयोजन के लिए पैसे की व्यवस्था मुख्य रूप से बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन ही करता था. वैसे कमेटी के अन्य सदस्य भी आर्थिक सहयोग दिया करते थे. पटना के इतिहास पर काम करनेवाले डॉ ए सिंह कहते हैं कि कमेटी के एक सदस्य के पास आइस फैक्ट्री नाम से एक कोल्ड स्टोरेज था. वहां जो किसान अपनी फसल रखने आते थे, उनसे दशहरा आयोजन के चंदा वसूला जाता था. कोल्ड स्टोरेज जिस परिवार का था, उसी परिवार का आज पटना में चाणक्या नाम का सितारा होटल है.
1990 में लालू यादव मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार हुए शामिल
गांधी मैदान में दशहरा का आयोजन की भव्यता 1990 के बाद आयी है. इसे ब्रांड बनाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की अहम भूमिका रही है. लालू प्रसाद बिहार के पहले मुख्यमंत्री हैं जो गांधी मैदान में पाकिस्तान से आये समाज की ओर से आयोजित इस रावण दहन कार्यक्रम में शामिल हुए. लालू प्रसाद के बाद यह परंपरा बिहार में सतत जारी है. वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मौके पर गांधी मैदान जाते रहे हैं और इस बार भी जायेंगे. मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद गांधी मैदान में आम लोगों की भीड़ में बेतहाशा बढ़ोतरी होती गयी. दशहरा कमेटी के अध्यक्ष कमल नोपानी की मानें तो रावण दहन देखने को पटना व इसके आसपास इलाकों से काफी संख्या में आते रहे हैं.