भारत ने गत शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका द्वारा लाए गए उस प्रस्ताव पर भाग नहीं लिया‚ जिसमें यूक्रेन के ४ प्रांतों को रूस में विलय की कड़े शब्दों में निंदा की गई थी। इस प्रस्ताव में यह भी मांग की गई थी कि रूस यूक्रेन में तैनात अपने सैनिक बलों को तत्काल वापस बुलाए। इससे पहले भी यूक्रेन के मसले पर संयुक्त राष्ट्र में लाए गए प्रस्तावों से भारत दूर ही रहा था‚ इसलिए किसी को इस समय आश्चर्य नहीं हुआ। लेकिन रूस–यूक्रेन नीति को लेकर यह प्रश्न प्रासंगिक है कि क्या भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति अपने पूरे समर्थन के सैद्धांतिक रवैये से पीछे हट रहा हैॽ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रतिनिधि ने हर बार कहा था कि नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। यूक्रेन के ४ प्रांतों को रूस में शामिल किए जाने से संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों की खुली अवहेलना होती है। यह अहम सवाल है कि भारत ने इन चारों प्रांतों में जनमत संग्रह और उसके बाद रूस में उनके शामिल होने की कार्रवाई का विरोध क्यों नहीं कियाॽ संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रु चिरा कंबोज ने मतदान से दूर रहने पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि तनाव बढ़ाना किसी के हित में नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि बातचीत की मेज पर लौटने के रास्ते तलाशे जाएं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति पर समग्रता से विचार करने के बाद भारत ने मतदान में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया। वैश्विक राजनीति में भारत अपने राष्ट्रीय हितों के अनुकूल किसी भी वांछित रवैये को अपनाने के लिए स्वतंत्र है। रूस के साथ भारत की परंपरागत मित्रता और रक्षा उपकरणों के लिए क्रेमलिन पर निर्भरता भी एक बड़ी वजह है जिसके कारण नई दिल्ली ने इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया। हालांकि रूस–यूक्रेन युद्ध को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति पुतिन से अपनी चिंताओं को अवगत कराते रहे हैं। इसी चिंता के तहत उन्होंने समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक में पुतिन को कहा था कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं है।’ यह सच है कि रूस का अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के साथ जारी टकराव के कारण भारत के आर्थिक हितों को धक्का पहुंच रहा है। भारत विकासशील देश है और वह किसी भी गुट में शामिल हुए बगैर ही अपना समुचित विकास कर पाएगा। इसलिए नई दिल्ली संतुलन बना कर आगे बढ़ रहा है।
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