बिहटा के अमनाबाद में पीला सोना (बालू) के अवैध खनन के बर्चस्व में दो गिरोहों के बीच अंधाधुंध फायरिंग में गोलियों के खोखे रेत की तरह उड़ते रहे और बालू खून से सनता गया लेकिन पुलिस करीब 11 घंटे तक नेटवर्क से बाहर रही।
अत्याधुनिक हथियारों से हुई फायरिंग में कई लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है। घटनास्थल पर मिले खोखे इसकी गवाही दे रहे हैं। पूरे घटनाक्रम में पुलिस का रिस्पांस टाइम सवालों के घेरे में है। सिटी एसपी पश्चिम राजेश कुमार, शुक्रवार को एएसपी दानापुर अभिनव धीमान, बिहटा व मनरे थाना की पुलिस के साथ नाव से सोन पार कर अमनाबाद दियारा पहुंचे और करीब एक घंटे के बाद ही लौट आए।
इतनी बड़ी वारदात के बाद भी एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों दूसरे दिन भी मौके पर नहीं गए। पुलिस मुख्यालय का आदेश है कि बड़ी घटना होने पर एसपी, एसएसपी भी घटनास्थल पर जाएंगे।
पुलिस जहां जाने से कतराती है भास्कर टीम वहां तक पहुंची, पड़ताल में 6 बड़े खुलासे…
1 छिपाई जा रही मौतें :
गांव बोला-16 मौत, पुलिस की गिनती 1… दो घर तो हमारी टीम ही हो आई। एक गौरैयास्थान के शत्रुघ्न राय हैं और दूसरे ब्यापुर भूधर टोला के लालदेव राय।
2 तीन माह से गोलीबारी : 3 माह से रोज गोली चल रही थी। लगातार आवेदन दिया गया पर किसी ने कोई नोटिस नहीं ली। ऐसे दर्जनभर आवेदन की प्रतियां हमारे (भास्कर) पास हैं।
3 रात में ही फायरिंग की पुलिस को सूचना :
बुधवार की रात को गांववालों ने पुलिस को फोन किया पर नहीं पहुंची। चौकीदार को सब पता था उसने पुलिस को क्यों नहीं बताया?
4 डॉग स्क्वायड लगे तो मिलेंगी बालू में दबी लाशें : माफिया जेसीबी से गड्ढा खोददकर उसी में बॉडी गाड़ देते हैं। पुलिस मौके पर डॉग स्क्वॉयड लाए तो दियारा से और शव मिलेंगे।
5 गोलीबारी के लिए बदनाम इलाके में आउटपोस्ट तक नहीं : अमनाबाद में बालू खनन को लेकर 2017 में भी ऐसा ही गैंगवार हुआ था। बावजूद कोई ओपी तक नहीं बना।
6 पुलिस बोली-150 कारतूस मिला, ग्रामीण बोले- 500 से अधिक चुनकर हमने दिए: गांववालों ने 25 किलो की बोरी में खोखे चुनकर दिए है। छह स्थानों पर खून के निशान भी थे।
कारबाइन से लेकर एके-47 तक से ताबड़तोड़ फायरिंग
बालू माफियाओं के पास कारबाइन से लेकर एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार हैं। इन्हीं हाथियारों का इस्तेमाल दाेनों गुटों ने किया।
दियारा से मारी गई गोली अमनाबाद घाट तक पहुंची
बुधवार की रात जिन हथियारों से गोली चली उसका रेंज इतना था कि उस पार से चली गोली अमनाबाद घाट से भी दूर तक पहुंच गई।
दुस्साहस : बालू माफियाओं ने एसपी पर चलाई गोलियां
अमनाबाद में बालू के अवैध खनन को लेकर हुई गोलीबारी के बाद शुक्रवार को पटना पश्चिम के एसपी और दानापुर के एएसपी के नेतृत्व में चलाए जा रहे कांबिंग ऑपरेशन के दौरान अपराधियों ने पुलिस पार्टी पर ही फायरिंग शुरू कर दी। एसपी के नेतृत्व में पुलिस गुरुवार को अमनाबाद में हुई फायरिंग मामले में श्रीराय नाम के एक व्यक्ति के घर छापेमारी करने गई थी। इसी बीच श्री राय , उसके दो बेटों प्रवीण कुमार, नवीन कुमार, उसके चचेरे भाई गोपाल राय और उसके सहयोगियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस पर गोली चलाते हुए वे भाग निकले।
पिछले डेढ़ साल में 4780 मामले दर्ज
बिहार में बालू के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण को लेकर डेढ़ साल में बिहार पुलिस ने 4780 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2021 से 30 जून 2022 तक पटना, भोजपुर, सारण समेत 13 जिलों में 9475 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बालू के अवैध खनन में लगे आठ हजार से अधिक वाहनों को जब्त किया गया है। इसमें 5880 ट्रैक्टर, 2139 ट्रक, 149 हाइवा, 97 पोकलेन और 45 जेसीबी व लोडर शामिल हैं। इसके अलावा बालू की अवैध ढुलाई कर रहे 3417 नाव व अन्य वाहनों को भी पुलिस ने जब्त किया है।
माफिया को नेताओं का संरक्षण
अकेले पटना और भोजपुर में बालू के अवैध उत्खनन में कई माफिया लिप्त हैं। इन गैंग्स को सफेदपोशों का भी संरक्षण प्राप्त है। कहीं संरक्षण तो कहीं बंदूक के बल पर बालू से नोट छापने का खेल कई वर्षों से चल रहा है। प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी खूनी खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
पटना और भोजपुर जिले के बॉर्डर पर बिहटा में गुरुवार को सोन नदी से अवैध तरीके से बालू निकालने को लेकर माफिया के दो गुटों में सैकड़ों राउंड फायरिंग हुई। इस गोलीबारी में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 9 लोग घायल हुए हैं। फिलहाल एक शव मिला है, बाकी शवों की तलाश की जा रही है।
बताया जा रहा है कि बालू पर वर्चस्व को लेकर बालू माफिया के गुट बिहटा के अमनाबाद गांव में आपस में भिड़ गए। बात बढ़ती गई और दोनों पक्षों में फायरिंग शुरू हो गई। घटना के बाद माफिया गुटों ने सभी शवों को छुपाने की भी कोशिश की। दोनों जिलों की पुलिस मौके पर जांच कर रही है। मौके से 150 से ज्यादा कारतूस के खोखे मिले हैं।
बिहटा में पुलिस टीम पर बालू माफियाओं ने बरसाई गोलियां:अमनाबाद में छापेमारी करने गई थी पुलिस, तीन महिलाओं को किया गिरफ्तार
गुरुवार को बिहटा के अमनाबाद में बालू माफियाओं के बीच हुए गैंगवार की वारदात के बाद अब पुलिस टीम पर हमला हुआ है। शुक्रवार को पटना पुलिस की टीम गैंगवार को अंजाम देने वाले बालू माफिया के घर छापेमारी करने गई थी। उस बीच 4 लोगों ने पुलिस टीम को देख बैक टू बैक गोली चलानी शुरू कर दी। माफियाओं को पुलिस ने भी गोली से ही जवाब दिया। जिसके बाद माफिया और उसके बेटे व भतीजे वहां से फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने बालू माफिया के घर में छापेमारी की। वहां से एक कट्टा, 5 गोली और कैश में रुपए बरामद किया। फिर उस घर से तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया।
SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों के अनुसार अमनाबाद में हुए गैंगवार के बाद पुलिस टीम ने पूरे इलाके में कांबिंग ऑपरेशन शुरू कर दी है। पूरे इलाके को सर्च किया जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस की टीम बालू माफिया श्री राय के घर गई। वहां पर श्रीराय, इसके दो बेटों प्रवीण कुमार, नवीन कुमार और चचेरे भाई गोपाल राय ने पुलिस की टीम पर ही गोलीबारी शुरू कर दी थी। जवाबी कार्रवाई के बाद ये सभी फरार हो गए। पुलिस टीम ने श्रीराय की पत्नी लक्ष्मीनिया देवी, प्रवीण की पत्नी विनीता देवी और नवीन कुमार की पत्नी मुन्नी कुमारी को गिरफ्तार कर लिया है।
बिहार पुलिस मुख्यालय ने दावा किया है कि बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस टीम पूरी तरह से मुस्तैद है। अवैध खनन वाले इलाके में लगातार कांबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। साथ ही दो पुलिस अफसरों के साथ 30 जवानों की टीम को अमनाबाद इलाके में तैनात किया गया है।
ADG मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार के अनुसार फौजिया और सिपाही ग्रुप के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। सिपाही गिरोह का मुख्य सरगना जेल में है। इस कारण इस ग्रुप के बाकी लोगों ने अपना वर्चस्व बनाए रखने और दूसरे ग्रुप से बदला लेने के लिए गैंगवार की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस टीम शिकंजा कसने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है।
बचकर भाग निकला श्रीराय व उसके दो बेटे
छापेमारी करने गयी पुलिस पर फायरिंग करते हुए श्रीराय व उसके दो बेटे निकल भागे. हालांकि पुलिस ने श्री राय, बेटे प्रवीण व नवीन कुमार की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया. इधर, खनन मंत्री रामानंद यादव, विधायक गोपाल रविदास और संदीप सौरभ ने ग्रामीणों से मुलाकात की. वहीं, घटना के अगले दिन उन लोगों के परिजन सामने आये, जो गायब हैं. मनेर के शत्रुघ्न राय और लालदेव राय के परिजनों का कहना है कि गोलीबारी के समय ये दोनों वहीं थे और नहीं लौटे हैं.