जय प्रकाश विश्वविद्यालय यानी जेपीविवि की संबद्ध इकाई श्रीधर दास डिग्री कॉलेज में फर्जी रजिस्ट्रेशन मामले में जेडीयू विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव भी जांच की जद में आ गए हैं. एमएलसी समेत उस समय के 5 अन्य पदाधिकारी व कमिर्यों को चार्जशीटेड किया है. बता दें कि सत्र 2012-15 में सीट से ज्यादा एडमिशन तथा फर्जी पंजीयन के आधार पर परीक्षा में शामिल करने के मामले में विजलेंस की जांच चल रही है. अब वर्तमान में जदयू एमएलसी सह जेपीयू के तत्कालीन डीएसडब्लू डॉ. वीरेन्द्र नारायण यादव पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
हालांकि, इस मामले में आरोपी बने विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव ने न्यूज 18 को बताया कि उन्होंने कुलपति के निर्देश पर सीट बढ़ाने का पत्र जारी किया था, जो जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा है और उन्हें न्याय मिलेगा. यहां यह भी बता दें कि जिन पांच पदाधिकारियों के खिलाफ विजलेंस ने चार्जशीट दाखिल की है उनमें, तत्कालीन सहायक डीएसडब्लू रविन्द्र प्रसाद यादव, तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. तपस्वी प्रसाद सिंह, रजिस्ट्रार सेल के तत्कालीन सहायक रामेश्वर ठाकुर तथा परीक्षा नियंत्रक के सहायक मुकेश कुमार तिवारी के खिलाफ शामिल हैं. बता दें कि उपरोक्त सभी के खिलाफ विजलेंस पूर्व में ही एफआईआर दर्ज करा रखी थी.
इनके अलावा विजलेंस द्वारा डीबीएसडी कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य अर्जुन प्रसाद यादव, निरंजन कुमार, सहायक राजेश्वर प्रसाद, जेपीविवि के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. दिव्यांशु कुमार तथा रजिस्ट्रार सेक्शन के सहायक प्रकाश रंजन को पहले ही चार्जशीटेड किया जा चुका है. फोटो नंबर-66, 67 -दो पूर्व वीसी, तीन पूर्व रजिस्ट्रार को विजलेंस दी क्लीन-चिट विजलेंस ने मामले में जांच के दौरान कुल 12 लोगों को आरोपी बनाया था.
हालांकि, सितंबर के शुरूआती दिनों में लगातार जांच के बाद जहां मामले में आरोपित बनाए गए वर्तमान एमएलसी सह तत्कालीन डीएसडब्लू प्रो. वीरेन्द्र नारायण यादव सहित 5 अन्य के खिलाफ चार्जशीट निगरानी कोर्ट में दाखिल कर दिया है. वहीं, विजलेंस ने पूर्व से आरोपी बनाए गए कुल 12 लोगों में से 7 व्यक्ति जिसमें जेपीविवि के दो पूर्व वीसी क्रमश: प्रो.एसएन दूबे, प्रो. द्वीजेन्द्र गुप्ता, तथा जेपीविवि विवि के तत्कालीन व वर्तमान रजिस्ट्रार सह एमयू के प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो.आरपी बबलू,पूर्व रजिस्ट्रार प्रो.विजय प्रताप कुमार, अनिल कुमार, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डा.शकिल अहमद अता तथा सहायक विधा भूषण श्रीवास्तव को क्लीन चिट दे दी है. बता दें कि इस मामले के खिलाफ विवि के वर्तमान रजिस्ट्रार प्रो. आरपी बबलू ने कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी.
कोर्ट में उपस्थित हुए विजलेंस के एडीजे
उधर पिछले 1 सितंबर को ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच में सुस्ती से नाराज होकर विजलेंस के एडीजे को 29 सितंबर को सशरीर कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. इस आदेश के बाद ही विजलेंस के पदाधिकारियों की सक्रियता काफी बढ़ गई थी. गुरुवार को सुनवाई कर रहे जज सत्यवर्थ वर्मा ने विजलेंस के एडीजे को विभाग के सूस्त कार्यशैली पर कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने विवि के वर्तमान तथा तत्कालिन रजिस्ट्रार की चर्चा करते हुए कहा कि 5 साल तक जांच के नाम पर मामले को पेंडिंग रखना किसी के कैरियर को बर्बाद करने के समान है.
उन्होंने कहा कि एडीजे से कहा कि उनके मातहत पदाधिकारी कितने लापरवाह हैं इसकी बानगी यही है कि जो मामले में निर्दोष हैं उन्हें दोषी बना दिया गया. 5 साल के बाद उन्हे दोषमुक्त बताया जा रहा है. मामले में विजलेंस की ओर से स्पेशल पीपी अरविंद कुमार ने तथा डा.बबलू की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश ने रखा. छात्र के फर्जी पंजीयन के आधार पर परीक्षा में शामिल करा दिया गया था.