सरकार ने हिंसक गतिविधियों में संलिप्तता‚ कमजोर वर्ग के मुस्लिम युवाओं को धार्मिक तौर पर कट्टर बनाने‚ आतंक के लिए वित्त पोषण‚ सामान्य मुस्लिम युवकों में भारतीय राज्य के प्रति नफरत पैदा करने के प्रयास के कारण पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडि़या (पीएफआई) और उससे संबद्ध संगठनों पर आतंकवाद रोधी कानून के तहत पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। वैसे तो ये सारे आरोप न्यायालय में साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किये जाएंगे और इन आरोपों की तथ्यात्मकता भी न्यायालय में ही तय होगी‚ लेकिन सरसरी तौर पर देखने से यह संदेहविहीन तथ्य है कि यह संगठन ‘स्टूडें़ट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडि़या’ (सिमी) का ही रूपांतरित संगठन है‚ जिस पर भारत विरोधी गतिविधियों के चलते ही प्रतिबंध लगाया गया है। अगर भारत की अखंड़ता‚ सुरक्षा और संप्रभुता की दृष्टि से देखा जाए तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी और पुलिस ने सचमुच एक बड़़ा और सराहनीय कार्य किया है‚ लेकिन इस तथ्य को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि मात्र प्रतिबंध लगाने और इसके सदस्यों के विरुद्ध कार्रवाई करने से ही इस समस्या का समाधान नहीं होगा। इस समय अनेक मुस्लिम संगठन लोकतांत्रिक मुखौटे की आड़़ में भारतीय राज्य को कमजोर करने का सुनियोजित षड़्यंत्र कर रहे हैं। इनके प्रयासों की व्याप्ति इतनी गहरी है कि बड़़ी संख्या में मुस्लिम नेता और उलेमा इनके समर्थन में उतर आए हैं। हैरानी की बात है कि लालू यादव जैसे विपक्षी नेता अपनी राजनीतिक झोंक में पीएफआई की तुलना आरएसएस से कर रहे हैं‚ और आरएसएस को पीएफआई से बड़़ा आतंकी संगठन करार दे रहे हैं। आरएसएस क्या है‚ और यह आतंकी संगठन है भी या नहीं‚ इस पर विवेचना बाद में की जा सकती है‚ लेकिन लालू यादव जैसों के बयान बहुत खतरनाक हैं। वे न केवल भारत विरोधी प्रयासों को वैधता प्रदान करते हैं‚ बल्कि भारत तोड़़ने की साजिश रचने वालों को उत्पीडि़़त बताने का प्रयास भी करते हैं। उन्हें इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों के हाथ का खिलौना नहीं बनना चाहिए। राजनीतिक हिसाब–किताब के लिए पूरा वक्त है‚ लेकिन देश की एकता‚ अखंड़ता को खतरे में ड़ालने वाले या उसे सीधे–सीधे चुनौती देने वाली ताकतों का फौरी उपचार आवश्यक है। सरकार को हर वह प्रयास करना चाहिए जिससे कि विघटनकारी और धार्मिक उन्माद फैलाने वाले तत्वों को चाहे वे जिस खोल में छिपे हों‚ पूरी शक्ति के साथ समाप्त करना चाहिए। प्रश्न भारत की अस्मिता का है‚ क्षुद्र राजनीति का नहीं।
रामनवमी के जुलूस को रोकने के लिए टीएमसी रच रही साजिश: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। बंगाल के बालुरघाट में उन्होंने मंगलवार को एक चुनावी रैली को...