बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़ने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। वे भाजपा के विरु द्ध संयुक्त विपक्ष का मोर्चा बनाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। इस राजनीतिक लIय को प्राप्त करने के लिए वह लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। नीतीश ने रविवार को राजद प्रमुख लालू यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। जाहिर है कि इस मुलाकात के दौरान दिल्ली एनसीआर में पिछले ५ दिनों से हुई लगातार बारिश पर बात नहीं हुई होगी। बातचीत का मुद्दा विपक्षी एकता ही था। यह बातचीत आगे भी जारी रहेगी। नीतीश ने इसी दिन पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जन्म तिथि पर फतेहाबाद में आयोजित ‘सम्मान’ रैली में भी भाग लिया। इनेलो के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने यह रैली आयोजित की थी। इस ‘सम्मान’ रैली में नीतीश कुमार‚ शरद पवार‚ सीताराम येचुरी‚ सुखबीर बादल और तेजस्वी यादव आदि नेताओं ने भाग लिया। यहां रोचक तथ्य यह है कि नीतीश का विश्वास है कि कांग्रेस को साथ लिये बिना विपक्षी एकता संभव नहीं है‚ लेकिन इस रैली में कांग्रेस को आमंत्रित ही नहीं किया गया। इसी तरह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव‚ टीआरएस के चंद्रशेखर राव‚ टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने इस रैली से अपने को दूर रखा। काफी समय से चले आ रहे ऐसे मेल–मिलापों का एक निष्कर्ष यह कि भाजपा विरोधी दल एकजुट नहीं हो सकते। जब एक व्यक्ति विपक्षी एकता की पहल करता है तो अन्य कई विपक्षी दल उस पहल से किनारा कर लेते हैं और जब दूसरा पहल करता है तो पहले वाले किनारा कर लेते हैं। यह स्थिति बताती है कि भाजपा का अखिल भारतीय एकीकृत चुनावी विरोधी मंच तैयार करना असंभव नहीं तो बेहद कठिन अवश्य है। बेहतर तो यह होता कि सभी क्षेत्रीय विपक्षी दल अपने–अपने प्रदेशों में भाजपा को चुनौती देने की अपनी स्थानीय रणनीति बनाते और अधिकाधिक चुनावी लाभ लेने का प्रयास करते। रही कांग्रेस की बात तो एक मात्र ऐसी विपक्षी पार्टी है जिसकी भारी क्षरण के बाद भी अखिल भारतीय उपस्थिति है। इसलिए कांग्रेस का को विपक्षी रणनीति में शामिल होना तय रहेगा‚ लेकिन चुनाव से पूर्व कांग्रेस के साथ मिलकर रणनीति बनाना किसी भी क्षेत्रीय दल के लिए लाभदायक नहीं रहेगा। जब चुनाव संपन्न हो जाए तब अपनी क्षमता और शक्ति के अनुसार भाजपा विरोधी मोर्चा बनाएं अन्यथा जो प्रयास वे इस समय कर रहे हैं उसका कोई दूरगामी लाभ नहीं है।
अपने बच्चों को अग्रेज़ी पढ़ाएंगे, दूसरे के बच्चों को कठमुल्ला, मौलवी बनाएंगे………
यूपी विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। पहले ही दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही...