रूस के राष्ट्रपति पुतिन कह रहे हैं कि हम परमाणु बम छोड़ दूंगा‚ खबरदार! हालांकि‚ यह बात नार्थ कोरिया के किम जोंग भी कई सालों से कह रहे हैं। पर पुतिन किम जोंग नहीं हैं। पुतिन के पास बहुत सारे परमाणु बम हैं और पुतिन उतने नान सीरियस नहीं हैं‚ जितने किम जोंग नॉन सीरियस हैं। किम जोंग ने अपनी वंदना पूजा के लिए कई गीत लिखवाए हैं‚ अभी पुतिन उस लेवल तक ना पहुंचे‚ इसलिए पुतिन को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। और पुतिन रूस के राष्ट्रपति हैं चीन के नहीं यानी पुतिन के एटम बम भी रूसी हैं‚ चाईनीज नहींं। इस बात को नहीं भुलाया जाना चाहिए। पुतिन जनमत संग्रह करवा रहे हैं‚ उन इलाकों में‚ जो इलाके वो यूक्रेन से छीन चुके हैं। जनमत संग्रह करके यह पता लगेगा कि वो इलाके तो रूस में ही शामिल होना चाहते थे। पुतिन ने उन इलाकों को रूस में पहले मिला लिया है‚ बाद में पूछ रहे हैं पब्लिक से कि रूस में शामिल होना आपको ठीक लगता है नहीं। बड़े आदमी ऐसे ही करते हैं‚ लोगों की राय लेते हैं मनोरंजन के लिए‚ बाकी जो करना होता है‚ वो तो पहले ही कर मारते हैं। जनमत संग्रह बहुत खतरनाक टाइप की गतिविधि है इसके जरिये कुछ भी सही साबित किया जा सकता है। मुझे डर है कि कुछ शरारती लोग रूस में अगर यह कह दें कि भारत भी रूस का हिस्सा है‚ तो पुतिन भारत पर भी हमला करने की सोच सकते हैं। पर पुतिन बड़े नेता हैं‚ पहले वह भारत पर हमला करेंगे फिर जनमत संग्रह करवाएंगे। पुतिन कुछ भी कर सकते हैं। पुतिन परिष्कृत किस्म के किम जोंग हैं। किम जोंग परम बेवकूफ किस्म के पुतिन हैं। जनमत संग्रह तरह तरह से काम आता है‚ नेताओं के। मैं जिस इलाके में सुबह वॉक पर जाता हूं उस इलाके का नाम कड़कड़ है‚ सोचता हूं कि खबर छपवा दूं कि आलोक पुराणिक कड़कड़ गणतंत्र के प्रधानमंत्री हो गए‚ जनमत संग्रह में। जनमत संग्रह खुद आलोक पुराणिक ने किया और वोट भी सिर्फ आलोक पुराणिक ने ही डाला। जनमत संग्रह सिर्फ पुतिन के ही काम क्यों आए‚ हमारे भी काम आना चाहिए ना।
देशभर में आज दशहरे का उत्सव, राजनाथ ने दार्जिलिंग में शस्त्र पूजा की
विजयदशमी के मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शस्त्र पूजना किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पश्चिम...