भारतीय मुद्रा रुपया बीते महीनों में तेजी से गिरा है और बीते शुक्रवार को ड़ॉलर का मूल्य बढ़कर 81 रुपये पर जा पहंचा। सरकार के लिएयह चिंता की बात है क्योंकि रुपये में गिरावट को थामने की गरज से भारतीय रिजर्व बैंक के विदेशी मुद्रा भंड़ार में खासी गिरावट दर्ज की गई है। बीते आठ महीनों–मध्य जनवरी से मध्य सितम्बर के बीच–में भारत के विदेशी मुद्रा भंड़ार में लगभग ९० बिलियन ड़ॉलर की कमी आई है यानी प्रति माह लगभग ११ बिलियन ड़ॉलर की गिरावट रही। आर्थिक परिदृश्य पर नजर ड़ालें तो पाते हैं कि सरकार के लिए स्थिति खासी जटिल है‚ और अगले १२ से १८ महीनों में बारह से ज्यादा राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में रुपये की गिरावट उसके लिए बड़़ी चुनौती है। अर्थव्यवस्था को मुद्रास्फीति में उछाल का सामना करना पड़़ रहा है। अभी यह ७ प्रतिशत से ज्यादा है‚ और इसे काबू में रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी करनी पड़़ी है। अर्थव्यवस्था के ७ प्रतिशत यह उससे कुछ कम की दर से बढ़ने का आकलन है। रोजगार का मसला बड़़ा है‚ और रोजगार का मसला कई राज्यों में चुनाव सन्निकट होने से सरकार के लिए चिंता का सबब है‚ क्योंकि इस मसले पर उसका जबरदस्त घेराव हो सकता है। सरकार दुविधा में है कि आक्रामक मौद्रिक नीति से महंगाई थामने की कवायद क्या ठीक रहेगी या उदार ब्याज नीति से आर्थिक गतिविधियां बढ़ाई जाएं ताकि रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसरों का सृजन हो सके। ब्याज दर बढ़ाकर पश्चिमी देश महंगाई को काबू रखने को तरजीह देते हैं‚ लेकिन मौजूदा स्थिति में सख्त मौद्रिक नीति शायद उतना बेहतर विकल्प नहीं है। बेशक‚ सख्त मौद्रिक नीति के जरिए महंगाई थामने के प्रयास किए जाते हैं‚ लेकिन भारत में ज्यादातर नीति–निर्माताओं को लगता है कि भारत में महंगाई ‘आयातित’ है। इसलिए ब्याज दरों में वृद्धि और धीमे–धीमे रुपये के अवमूल्यन के नफा–नुकसान की चर्चा हो रही है। मौद्रिक नीति कमेटी २८ सितम्बर से शुरू हो रही अपनी बैठक में मौद्रिक नीति की सख्ती या नरमाई को लेकर चर्चा करने वाली है‚ और ३० सितम्बर को घोषणा कर दी जाएगी कि क्या किया जाए। इस बीच‚ ज्यादातर अर्थवेत्ताओं का मानना है कि मौद्रिक नीति उदार होनी चाहिए क्योंकि महंगाईके लिए घरेलू की बजाय बाहरी कारकों को जिम्मेदार माना जा रहा है।
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पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी इस्लामाबाद को कंटेनर सिटी में...