मशहूर पंजाबी गायक गुरदास मान का दुनिया भर में चर्चित गाना ‘दिल दा मामला है’ फिर से चर्चा में है। इसलिए नहीं कि अचानक यह गाना फिर से लोकप्रिय होने लगा है। इसलिए कि आजकल सोशल मीडिया में ऐसी तमाम खौफनाक खबरें सामने आ रही हैं जिनमें हंसते–खेलते लोगों को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई।
ज्यादातर देखा गया है कि दिल का दौरा या हार्ट अटैक ६० वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों आता है। दिल का दौरा पड़ने के और कारणों में से प्रमुख है मधुमेह या शुगर के मरीज और ब्लड प्रेशर के मरीज। इन मरीजों में हार्ट अटैक की आशंका काफी अधिक होती है। इसके साथ ही धूम्रपान करने वाले व्यक्ति भी दिल के मरीज कब बन जाते हैं‚ इसका पता नहीं चलता। इसका कारण यह है कि धूम्रपान करने से दिल का दौरा पड़ने की आशंका तीन गुना बढ़ जाती है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को जब पता चलता है कि वो दिल का मरीज बन गया है तब तक काफी देर हो जाती है। ४० वर्ष की आयुवर्ग के लोगों को दिल का दौरा पड़ना अधिक धूम्रपान करने की वजह से होता है। साथ ही जो व्यक्ति तनाव की जिंदगी जीते हैं‚ नियमित व्यायाम नहीं करते‚ बेवजह और हर समय जंक फूड का सेवन करते हैं। वे भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। क्या कभी आप ने सुना है किसी हट्टे–कट्टे व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गईॽ आजकल ऐसी तमाम खबरें सामने आ रही हैं‚ जहां व्यक्ति अपने रोजमर्रा के काम या आराम के समय अचानक बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई। मृत्यु का कारण दिल का दौरा। कुछ लोग इसे चीन से आए कोरोना के वायरस का साइड इफेक्ट बता रहे हैं। एक शोध के अनुसार अमेरिका में कोविड से ठीक हुए व्यक्तियों में २० तरह के ह्रदय रोग के लक्षण पाए गए। इनमें उन लोगों के मुकाबले‚ जिन्हें कोविड नहीं हुआ‚ ह्रदय गति रुक जाने या हार्ट फेल होने की आशंका ७२ फीसद अधिक पाई गई। इनमें औरों के मुकाबले स्ट्रोक आने की आशंका भी १७ प्रतिशत अधिक पाई गई। एक शोध के अनुसार कोविड के बाद होने वाली दिक्कतों के कारण इसे ‘लांग कोविड’ यानी लंबा चलने वाला कोविड कहा जा रहा है। इसके आम लक्षण थकान‚ दिल की तेज धड़कन‚ सांस फूलना‚ संज्ञानात्मक कठिनाइयां‚ मांसपेशियों में कमजोरी व पुराना दर्द हैं। डॉक्टरों के अनुसार इन आम लक्षणों के अलावा पेट के रोग भी हो सकते हैं। यह लक्षण अलग–अलग आयुवर्ग में भी अलग ही पाए जाते हैं। इनका सही समय पर उपचार करके इन पर काबू पाया जा सकता है। यदि आपको ये लक्षण ज़्यादा समय तक महसूस होते हैं तो आप क्या करेंॽ
डाक्टरों के अनुसार ९० फीसद तक के मामले माइल्ड पाए गए हैं। इनका घर पर ही उपचार किया जा सकता है। माइल्ड लक्षण की परिभाषा में आने वाले लक्षण सिर दर्द‚ मांसपेशियों का दर्द और ऐसिडिटी हैं। डाक्टरों के मुताबिक यदि आपको ऐसे लक्षण हैं तो अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें। खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं। ऐसा करने से इन लक्षणों से निजात पाई जा सकती है। यदि फिर भी आप इन लक्षणों के शिकार होते हैं तो डॉक्टर की सलाह लें। ये तो हुई माइल्ड लक्षणों वाले ९० प्रतिशत लोगों की बात। यदि आप उन १० प्रतिशत लोगों की श्रेणी में आते हैं‚ जिन्हें लगातार खांसी हो रही हो‚ सांस फूल रही हो‚ ह्रदयरोग के लक्षण हों या घबराहट होती हो वे तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। उनके लक्षण अनुसार उनका एक्सरे या सीटी स्कैन किया जाएगा और उसी मुताबिक इलाज होगा। किसी भी सूरत में बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी ऐसी जांच न कराएं। यह बात जगजाहिर है कि जांच करते समय जो भी किरण हमारे शरीर में जाती है उसका कोई न कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है। जिस तरह पिछले कुछ दिनों में देश–विदेश से ऐसी खबरें सामने आई हैं‚ जिनमें लोगों को अचानक दिल का दौरा पड़ा और वे परलोक सिधार गए।
यानी कोविड का असर दिल पर भी पड़ रहा है। घटना चाहे दक्षिण कोरिया की हो जहां सड़क किनारे चलते–चलते जम्मू के अनिल कुमार की मौत हो गई। ठीक उसी तरह सितम्बर के पहले सप्ताह में देश के अलग–अलग हिस्सों से भी ऐसी ही कुछ घटनाएं सामने आई। बरेली‚ जम्मू और मैनपुरी में तीन लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई‚ वो उस समय जब वे मंच पर नाच रहे थे। गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान को हाल ही में मॉनिंग वाक करते हुए सीने में दर्द हुई और अस्पताल ले जाया गया‚ जहां पता चला कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। गणेश की उम्र ३५–४० के बीच की है। वे अपने स्वास्थ्य के प्रति भी खूब सचेत रहते हैं। पासवान नियमित मॉर्निंग वाक के साथ–साथ वर्क आउट भी करते हैं। ऐसी दुर्घटना आपका पद और रुतबा नहीं देखती। इसलिए इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है कि अभी कोविड का खतरा पूरी तरह टला नहीं। ह्रदयय रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिल के मामले को हल्के में न लें और दिल के प्रति सतर्क रहें। दिल को मजबूत रखें और अपने हौसलों को भी।