बिहार में नयी राजद–जदयू–कांग्रेस सरकार के बीच मंत्रालय का बंटवारा हो गया है। मंत्रालय के बंटवारे में सबसे अधिक २१ विभाग राजद के पास तो जदयू के पास मात्र १२ विभाग रहेंगे। कांग्रेस को भी तीन विभाग से संतुष्ट होना पड़े़गा। अभी तक एनड़ीए सरकार में भाजपा का बडा रोल था। दूसरा नंबर जदयू और तीसरा नंबर हम का था। लिहाजा तीन पार्टियां होने की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं थी। लेकिन अब सत्ता में आधा दर्जन पार्टियां भागीदारी कर रही हैं। इसलिए विभागों के बंटवारे में थोडी मुश्किल आएगी। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मांगा है। बिहार में ४४ विभाग हैं। इन विभागों में संख्या के आधार पर हिस्सेदारी होती है तो ‚सबसे ज्यादा मंत्री पद राजद के खाते में जाएंगे। ये तेजस्वी पर निर्भर करता है कि वे जितने विभाग हैं उतने मंत्री रखेंगे या किसी एक मंत्री को अतिरिक्त विभाग देंगे। हिसाब के मुताबिक‚१६४ विधायकों का समर्थन नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा है। इनमें राजद के ७९‚ जदयू के ४५‚ लेफ्ट के १६‚ कांग्रेस के १९‚ हम के ४ और एक निर्दलीय की हिस्सेदारी है। ४४ विभागों का बंटवारा किया जाएगा तो ३.७२ विधायक पर एक विभाग का हिस्सा पडÃता है। संख्या के मुताबिक‚ राजद को २१ विभाग मिलेंगे। वहीं‚ जदयू को १२ से संतोष करना पडेगा। लेफ्ट के ४ विधायकों का समर्थन रहेगा। हम और निर्दलीय को एक–एक मंत्री पद से ही संतोष करना पड सकता है। अब ऐसे में महागठबंधन के दलों को तय करना है कि वो संख्या के आधार पर विभागों का बंटवारा करते हैं या फिर सिम्बलिक व्यवस्था लाते हैं।
कांग्रेस के पाले में भी आ सकते हैं तीन विभाग लेकिन उसने विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मांगा
जदयू को शिक्षा‚ जल संसाधन विभाग‚ योजना एवं विकास विभाग‚ ऊर्जा विभाग‚ कल्याण विभाग‚ सहकारिता विभाग‚ आपदा और जनसंपर्क विभाग दिए जा सकते हैं। इसके अलावा‚ कांग्रेस को राजस्व एवं भूमि सुधार‚ लोक अभियंत्रण विभाग‚ मद्य निषेध विभाग‚ पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग भी दिया जा सकता है। हम और निर्दलीय को उनके पुराने विभाग फिर से सौंपे जा सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ५ विभाग होते ही हैं। अब सवाल है कि क्या वे अपने इन विभागों को दूसरों को देंगे या नहीं। ऐसा कहा जा रहा है कि सामान्य प्रशासन‚ गृह‚ मंत्रिमंडल सचिवालय‚ निगरानी‚ निर्वाचन विभाग नीतीश अपने पास ही रखेंगे।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं‚ तो वे पथ निर्माण विभाग और नगर विकास अपने पास रख सकते हैं। वहीं‚ राजद के पास दूसरे बडे विभागों में स्वास्थ्य‚ नगर विकास विभाग‚ वित्त‚ वाणिज्य कर‚ उद्योग‚ कृषि‚ श्रम संसाधन आदि हो सकते हैं। राजद की ओर से तेजप्रताप यादव‚ आलोक कुमार मेहता‚ अनिता देवी‚ जितेन्द्र कुमार राय‚ चन्द्रशेखर‚ कुमार सर्वजीत‚ बच्चा पांडेय‚ भारत भूषण मंडल‚ अनिल सहनी‚ शाहनवाज/ शमीम अहमद‚ अख्तरुल इस्लाम शाहीन‚ मो. नेहालुद्ीन‚ रामचंद्र पूर्वे‚ समीर महासेठ‚ भाई वीरेन्द्र/सुरेन्द्र यादव/ललित यादव‚ कार्तिक सिंह/सौरभ कुमार‚ वीणा सिंह/ सुनील सिंह‚ रणविजय साहू/ मंजू अग्रवाल‚ संगीता कुमारी/ सुरेन्द्र राम के नाम की चर्चा है। इसी तरह जदयू की ओर से विजय कुमार चौधरी‚ विजेन्द्र प्रसाद यादव‚ अशोक चौधरी‚ उपेन्द्र कुशवाहा‚ शीला कुमारी‚ श्रवण कुमार‚ मदन सहनी‚ संजय कुमार झा‚ लेशी सिंह‚ सुनील कुमार‚ जयंत राज‚ जमां खान के नाम सुर्खियों में हैं‚ जबकि कांग्रेस की ओर से मदन मोहन झा/ अजीत शर्मा‚ शकील अहमद खान‚ राजेश कुमार हैं‚ जबकि संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह मंत्री बन सकते हैं।