ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टकराव में दुनिया के कई और देश शामिल हो गए हैं। एक तरफ रूस ने बुधवार को बयान जारी कर अमेरिका पर आरोप लगाया था कि उसने नैन्सी पेलोसी को ताइवान भेजकर विवाद को हवा दी है और उकसाने वाला काम किया है। वहीं दूसरी तरफ कनाडा भी इस मसले में कूद पड़ा है और उसने चीन को इस तनाव के लिए जिम्मेदार ठहराया है। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि चीन जो कर रहा है, उसे लेकर हम बेहद चिंतित हैं। उसकी ओर से सेना की बड़े पैमाने पर तैनाती करना गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में चीन की हरकतों को भी किसी भी तरह से सही नहीं कहा जा सकता।
जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने यही बात कही। जोली और जर्मन विदेश मंत्री ने चीन से तनाव को कम करने की अपील की। बता दें कि नैन्सी पेलोसी ताइवान के एक दिवसीय दौरे पर पहुंची थीं और उसे लेकर चीन लाल हो गया है। 25 साल के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब अमेरिका कोई नेता ताइवान पहुंचा है। द्वीपीय देश ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता रहा है और कई बार सेना के जोर पर उस पर कब्जा जमाने की भी धमकियां दे चुका है। इस बीच जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों की ओर से भी इस मामले में बयान जारी किया गया है।
ग्रुप-7 देशों का कहना है, ‘ताइवान की खाड़ी में जिस तरह से आक्रामक सैन्य गतिविधि चल रही है, उसे सही नहीं कहा जा सकता। हमारे सांसदों का दुनिया के किसी भी इलााके में दौरा करना सामान्य है और रूटीन प्रक्रिया है। लेकिन चीन के रवैये ने तनाव पैदा कर दिया है और क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की गई है।’ जी-7 देशों की ओर से जो बयान जारी किया गया है, उसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के अलावा कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान और यूके के विदेश मंत्रियों ने साइन किए हैं। इसके अलावा यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधि की ओर से भी इस पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस तरह से अमेरिका को ताइवान के मसले पर जी-7 देशों का समर्थन मिला है। वहीं पाकिस्तान और रूस ने चीन का समर्थन किया है।
चीन और ताइवान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान से लौटते ही चीन और एग्रेसिव हो गया है। गुरुवार को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने ताइवान के ईदगिर्द 6 इलाकों में सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया।
चीन ने इस मिलिट्री एक्सरसाइज को ‘लाइव फाइरिंग’ नाम दिया है। चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक, यह मिलिट्री ड्रिल ताइवानी तट से सिर्फ 16 किमी दूर की जा रही है। इसमें असली हथियारों और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एक्सरसाइज 7 अगस्त चलेगी। चीन पहले यह ड्रिल ताइवान से करीब 100 किमी दूर करता था। लेकिन नैंसी के दौरे के बाद अब बेहद नजदीक पहुंच गया है।
चीन मिसाइल टेस्ट भी करेगा
PLA ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल शी यी ने कहा, ‘सैन्य अभ्यास के दौरान लॉन्ग रेज लाइव फायर शूटिंग की जाएगी। साथ ही मिसाइल का भी टेस्ट होगा।’
फोटोज में देखिए, चीन की मिलिट्री एक्सरसाइज


ताइवान से रवाना हुईं नैंसी पेलोसी:अब साउथ कोरिया जाएंगी; राष्ट्रपति वेन से मिलीं, कहा- US हमेशा ताइवान का साथ देगा
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान से रवाना हो गई हैं। वे यहां से साउथ कोरिया जा रही हैं। US डेलिगेशन के साथ पेलोसी 2 अगस्त को ताइपेई पहुंची थीं। बुधवार को उन्होंने ताइवान की संसद को संबोधित किया। नैंसी ने राष्ट्रपति साई इंग वेन से भी मुलाकात की।
इस दौरान पेलोसी ने कहा- सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका ताइवान का साथ देगा। हम हर पल उनके साथ है। हमें ताइवान की दोस्ती पर गर्व है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 43 साल पहले ताइवान के साथ खड़े रहने का जो वादा किया था, वो उस पर आज भी अडिग है।


अहम अपडेट्स-
- नॉर्थ कोरिया ने नैंसी पेलोसी की ताइवान विजिट की निंदा की है। उ. कोरिया के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अमेरिका चीन के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है।
- पेलोसी के ताइवान पहुंचने से नाराज चीन ने कहा- कुछ अमेरिकी नेता चीन-US के रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जो भी चीन के खिलाफ जाएगा, उसे इसकी सजा मिलेगी।
- चीन ने ताइवान के चारों ओर मिलिट्री ड्रील करने की बात कही है। इसे लेकर जापान ने चिंता जाहिर की है।
चीन ने ताइवान पर लगाए आर्थिक प्रतिबंध
इधर, पेलोसी की विजिट से बौखलाए चीन ने ताइवान के लिए आर्थिक परेशानियां खड़ी करना शुरू कर दिया है। चीनी सरकार ने ताइवान को नेचुरल सैंड के देने पर रोक लगा दी है। इससे ताइवान को काफी नुकसान हो सकता है। कोरोना महामारी के बाद से कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ताइवान के लिए इनकम का सोर्स बन गया है। ऐसे में रेत का निर्यात रोकने से ताइवान को आर्थिक नुकसान होगा। 1 जुलाई को भी चीन ने ताइवान के 100 से ज्यादा फूड सप्लायर से आयात (इम्पोर्ट) पर प्रतिबंध लगाया था।

पेलोसी की विजिट से नाखुश चीन क्या कर सकता है?
- चीन अब ताइवान पर और ज्यादा दबाव बनाने की कोशिश करेगा। इसके लिए चीन के फाइटर जेट्स ताइवान के हवाई सीमा क्षेत्र में पहले से ज्यादा घुसपैठ करेंगे।
- चीन ताइवान को उकसा सकता है। फाइटर जेट्स को ताइवान के हवाई सीमा क्षेत्र में भेज कर चीन ताइवान को हमला करने के लिए उकसाने की कोशिश करेगा।
- चीन की सरकार US का डिप्लोमैटिक विरोध कर सकती है। वह अमेरिका से अपने राजदूत किन गैंग को वापस बुला सकती है।
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चीन के खिलाफ ताइवान और अमेरिका तैयार
पेलोसी के ताइवान पहुंचने पर चीन ने ताइवान के पूर्व में समुद्र में मिसाइलों का परीक्षण किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका और ताइवान की सेनाएं चीन से निपटने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी नेवी के 4 वॉरशिप हाईअलर्ट पर हैं और ताइवान की समुद्री सीमा में गश्त कर रहे हैं। इन पर एफ-16 और एफ-35 जैसे हाईली एडवांस्ड फाइटर जेट्स और मिसाइलें मौजूद हैं। रीपर ड्रोन और लेजर गाइडेड मिसाइलें भी तैयार हैं। अगर चीन की तरफ से कोई हिमाकत की गई तो अमेरिका और ताइवान उस पर दोनों तरफ से हमला कर सकते हैं।संसद में पेलोसी के साथ मुलाकात के बाद राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने कहा कि उनका देश सैन्य खतरों के आगे नहीं झुकेगा।ताइवान की डेमोक्रेसी के समर्थन में US
ताइवान पहुंचने पर पेलोसी ने कहा था कि अमेरिका ताइवान की डेमोक्रेसी का समर्थन करना जारी रखेगा। ताइवान के 2.30 करोड़ नागरिकों के साथ अमेरिका की एकजुटता आज पहले से कहीं अधिक अहम है, क्योंकि दुनिया ऑटोक्रेसी (निरंकुशता) और डेमोक्रेसी के बीच एक विकल्प का सामना कर रही है। वहीं, चीन ने इस दौरे की निंदा करते हुए कहा है कि US आग से खेलना बंद करे।