ईड़ी ने बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड़ कार्यालय में मौजूद यंग इंडि़यन के कार्यालय को अस्थायी रूप से सील कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई ईड़ी द्वारा धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में की गई है। ईड़ी की इस कार्रवाई से कांग्रेस गुस्से में है। कांग्रेस नेताओं ने मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि पुलिसिया पहरे से सत्य की आवाज नहीं दबेगी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यालय के साथ राहुल और सोनिया के घर को घेर लिया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इन कार्रवाइयों से हम ड़रने वाले नहीं हैं। ईड़ी सूत्रों ने बताया कि ‘सबूतों को सुरक्षित रखने’ के लिए अस्थायी तौर पर कार्यालय को सील किया गया है‚ जिन्हें मंगलवार की छापेमारी के दौरान अधिकृत प्रतिनिधियों के अनुपस्थित होने की वजह से एकत्र नहीं किया जा सका था। सूत्रों ने बताया कि नेशनल हेराल्ड़ का बाकी कार्यालय इस्तेमाल के लिए खुला है। उन्होंने बताया कि ईड़ी ने यंग इंडि़यन के कार्यालय के बाहर एक नोटिस चस्पा किया है जिस पर जांच अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। नोटिस में लिखा गया है कि इस कार्यालय को एजेंसी की अनुमति के बिना खोला नहीं जा सकता। अधिकारियों ने बताया कि ईड़ी की टीम ने छापेमारी के वास्ते परिसर खोलने के लिए कार्यालय के प्रधान अधिकारी/प्रभारी को ई–मेल भेजा था‚ लेकिन जवाब का अब भी इंतजार है। ईड़ी ने नेशनल हेराल्ड़– एजेएल–यंग इंडि़यन करार से जुड़़े कथित धन शोधन के मामले की जांच के तहत मंगलवार को दिल्ली के आईटीओ के नजदीक बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड़ हाउस में नेशनल हेराल्ड़ के कार्यालय सहित कई ठिकानों पर छापा मारा था।
कांग्रेस‚ आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस समेत १७ विपक्षी दलों ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईड़ी) को मिले अधिकारों के संदर्भ में आए उच्चतम न्यायालय के एक हालिया फैसले को लेकर निराश जताते हुए बुधवार को कहा कि इस फैसले से ‘राजनीतिक प्रतिशोध में लगी’ सरकार के हाथ और मजबूत होंगे। इन दलों ने एक साझा बयान में यह उम्मीद भी जतायी कि शीर्ष अदालत का यह निर्णय बहुत कम समय के लिए होगा और आगे संवैधानिक प्रावधानों की जीत होगी। इस साझा बयान पर कांग्रेस‚ तृणमूल कांग्रेस‚ आम आदमी पार्टी (आप)‚ द्रविड़़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक)‚ इंडि़यन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल)‚ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)‚ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)‚ एमड़ीएमके‚ राष्ट्रीय जनता दल‚ रिवोल्यूशनरी सोशिल्स्ट पार्टी (आरएसपी) और शिवसेना समेत १७ दलों के नेताओं और निर्दलीय राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने हस्ताक्षर किए हैं।