राज्य में इस बार कम वर्षा होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। हालांकि राज्य सरकार ने किसानों की हरसंभव मदद के लिए कमर कस ली है। जुलाई माह में वर्षा कम होने के कारण कई जिलों में धान की रोपनी देरी से प्रारंभ हुई। अधिकतर जिलों के द्वारा बताया गया कि ५० प्रतिशत से कम धान की रोपनी हुई है। यह तथ्य सोमवार को सामने आया‚ जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी जिलों के ड़ीएम के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर कम बारिश से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। बैठक में जिलावार वर्षापात की स्थिति की जानकारी प्राप्त की गई एवं जिलावार फसल आच्छादन की स्थिति की समीक्षा की गई। अधिकतर जिलों के द्वारा बताया गया कि ५० प्रतिशत से कम धान की रोपनी हुई है। कई जिलों में १० प्रतिशत से कम रोपनी की रिपोर्ट मिली है। जुलाई माह में अधिकतर जिलों में वर्षा की स्थिति औसत से काफी कम दर्ज की गयी है‚ परंतु विगत १० दिनों में वर्षापात की स्थिति में सुधार होने के कारण रोपनी एवं फसल आच्छादन में कुछ बढोतरी हो रही है। १० जिलों में ८० प्रतिशत से अधिक धान रोपनी का कार्य हो चुका है‚ लेकिन अब भी जमुई‚ मुंगेर‚ लखीसराय‚ नवादा‚ शेखपुरा‚ गया‚ जहानाबाद एवं अरवल में धान रोपनी २५ प्रतिशत से कम दर्ज की गयी है तथा १० जिलों में ५० प्रतिशत से कम रोपनी हुई है। दक्षिण बिहार के कुछ जिलों में धान की रोपनी का प्रतिशत काफी कम दर्ज किया गया है। इन जिलों के ड़ीएम ने बताया कि वर्षापात की कमी के कारण धान आच्छादन काफी कम हुआ है। अगले सप्ताह तक रोपनी की संभावना है‚ किंतु अब इसमें बहुत ज्यादा बढोतरी होने की संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि जिन इलाकों में रोपनी नहीं हो पायी है‚ उनका आकलन कर लिया जाये‚ ताकि किसानों को राहत पहुंचाई जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा सुयोग्य किसानों को डीजल अनुदान देने के लिए सभी जिलों को राशि उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कृषि विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि डीजल अनुदान की राशि के लिए प्राप्त आवेदनों की शीघ्र जांचकर किसानों को डीजल अनुदान उपलब्ध कराया जाये। डीजल अनुदान की सहायता के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि अल्पवर्षा की स्थिति को देखते हुए किसानों को निरंतर विद्युत आपूर्ति हो‚ इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि फीडर के लिए १६ घंटे की विद्युत आपूर्ति का निर्देश दिया गया है। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव को कृषि फीडर को कम से कम १८ घंटे बिजली उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि जहां–जहां बिजली की कमी अथवा यांत्रिक दोष के कारण राजकीय नलकूप बंद हैं‚ वहां मरम्मत करवाकर उन्हें चालू करया जाये। राजकीय नलकूपों के लिए प्रतिदिन १६ घंटे बिजली आपूर्ति करवाने का निर्देश दिया गया। ॥ मुख्य सचिव ने कृषि विभाग के सचिव को आकस्मिक फसल योजना पर तेजी से कार्य करने तथा पर्याप्त बीज का स्टोरेज करने का निर्देश दिया‚ ताकि यदि अगस्त में भी यदि पर्याप्त वर्षा नहीं हुई‚ तो किसानों को वैकल्पिक फसल के लिए बीज उपलब्ध कराया जा सके। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को नहरों‚ कृषि फीडर तथा डीजल अनुदान के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके अलावा जिलाधिकारियों को प्रतिदिन जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक बुलाने का निर्देश दिया गया। राज्य स्तर पर प्रतिदिन सुबह १० बजे आपातकालीन प्रबंधन समूह की बैठक बुलाने का निर्देश आपदा प्रबंधन विभाग को दिया गया‚ जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। ॥ ॥ सभी जिला पदाधिकारी कृषि समन्वयक के साथ जिला स्तर पर २ अगस्त को बैठक करेंगे तथा उन्हें सभी पंचायतों में भेजकर वहां की वास्तविक स्थिति का आकलन करेंगे तथा किसानों को हरसंभव मदद पहुंचायेंगे ।
बिहार कांग्रेस ने पांच लोकसभा सीटों से प्रत्याशियों के नाम का किया ऐलान
बिहार की पांच लोकसभा सीटों से सोमवार (22 अप्रैल) को कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान हो गया है....