दिल्ली मे पारे ने इतिहास में पहली बार 49 डि़ग्री का स्तर छूकर सारे रिकार्ड़ ध्वस्त कर दिए हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी में झुलस रहा है। वैज्ञानिकों की राय में यह ग्लोबल वॉमिग का नतीजा है जिसका असर अब नजर आने लगा है। उन्होंने चेताया है कि उत्तर भारत में भीषण लू चलने और पूर्वोत्तर में अचानक बाढ आने़ समेत ग्लोबल वार्मिंग का असर बना रहेगा तथा आगे स्थिति और खराब होगी। बीते रविवार को दिल्ली के दो मौसम स्टेशनों मंगेशपुर और नजफगढ़ पर ४९ डि़ग्री से अधिक तापमान दर्ज हुआ। यह पूरे भारत में पारे का सबसे ऊंचा स्तर था। ऐसा नहीं कि सिर्फ दिल्ली में ऐसे हालात हैं। हरियाणा‚ उत्तर प्रदेश‚ पंजाब‚ राजस्थान‚ मध्य प्रदेश‚ महाराष्ट्र के कुछ इलाकों‚ बिहार और झारखंड में भी रविवार को तापमान ४५ डिग्री के ऊपर दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश के बांदा में भी तापमान ४९.० डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। उत्तर भारत जहां भीषण गर्मी से जूझ रहा है‚ वहीं केरल और लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई। इसके अलावा‚ मौसम कार्यालय ने केरल के पांच जिलों के लिए ‘रेड़ अलर्ट’ जारी किया है। उधर पूर्व में‚ असम के कुछ जिले अचानक आई बाढ़ और बड़़े पैमाने पर भूस्खलन की चपेट में हैं‚ जिससे रेल और सड़़क संपर्क बाधित हो गया है। भारत में इस साल मार्च से ही गर्मी की लहर महसूस की जा रही है। निश्चित रूप से यह जलवायु परिवर्तन का नतीजा है जिसके बारे में अभी तक तो हम सिर्फ पढ़ रहे थे‚ लेकिन यह अब हमारे सामने आकर खड़़ा हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल अप्रैल में उत्तर–पश्चिम और मध्य भारत में औसत अधिकतम तापमान १२२ साल में सबसे ज्यादा रहा है। तापमान में बढ़ोतरी से लू‚ ज्यादा समय तक गर्मी का मौसम रहने‚ सर्दी का मौसम घटने जैसी स्थिति पैदा होगी। जलवायु परिवर्तन न केवल तापमान बढ़ा रहा है बल्कि मौसम के पैटर्न को भी बदल रहा है। यह भविष्य में सामने आने वाले कई खतरों का संकेत भी है। भारतीय उपमहाद्वीप पर ‘ला नीना’ के कारण कम दबाव से पश्चिमी हवाओं और मध्य पूर्व से भारत में गर्म हवा का टकराव हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला वैश्विक रणनीति का हिस्सा है। हमें आप को तो कुछ साल पहले फ्रांस और यूरोप में बनी उस स्थिति से बचना है जब भीषण गर्मी ने सैकड़़ों बुजुर्गों और बेसहारा लोगों की जान ले ली थी।
भाजपा नेताओं के साथ BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सुनी ‘मन की बात’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात की। इस दौरान साल 1975 में देश में इंदिरा सरकार द्वारा...