प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5जी टेस्ट बेड लांच कर देश को समर्पित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उन्हें देश को अपना, खुद से निर्मित 5G Testbed राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है. यह टेलिकॉम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नॉलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है.
उन्होंने कहा कि मैं इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी साथियों को, हमारे IITs को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. 5Gi के रूप में जो देश का अपना 5G standard बनाया गया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है. ये देश के गांवों में 5G टेक्नॉलॉजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा. पीएम मोदी ने आगे कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी. इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि 5G टेक्नोलॉजी भी देश की गवर्नेंस में, ease of living, ease of doing business में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है. इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और logistics, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा. इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोज़गार के भी अनेक अवसर बनेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि आने वाले 15 सालों में 5जी से भारतीय अर्थव्यवस्था को 450 मिलियन डॉलर का फ़ायदा होने वाला है. इस दशक के अंत तक 6जी व्यवस्था शुरू कर पाएं इसके लिए टास्क फोर्स काम कर रही है. उन्होंने कहा कि 2जी का काल हताशा, निराशा, पॉलिसी पैरालिसिस और भ्रष्टाचार का था. वहां से निकल कर हम 3जी, 4 जी , 5जी और 6जी तक क़दम बढ़ाए हैं और ये पूरी गति और पारदर्शिता के साथ हो रहा है.
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे- मोदी
मोदी ने कहा कि 5G के रूप में जो देश का अपना 5G standard बनाया गया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है। ये देश के गांवों में 5G टेक्नोलाजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। 5G टेक्नोलाजी भी देश की गवर्नेंस में जीवन में सुगमता, व्यापार करने में सुगमता में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लाजिस्टिक्स हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोजगार के भी अनेक अवसर बनेंगे।
पालिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर 5G और 6G की तरफ बढ़े’
पीएम ने आगे कहा कि आत्मनिर्भरता और स्वस्थ स्पर्धा कैसे समाज में अर्थव्यवस्था में प्रभाव पैदा करती है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारा टेलिकाम सेक्टर है। 2G काल की निराशा, हताशा, करप्शन, पालिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर देश ने 3G से 4G और अब 5G और 6G की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए हैं।
आज हम देश में टेली डेनसिटी और इंटरनेट यूजर के मामले में दुनिया में सबसे तेजी से विस्तार कर रहे हैं तो उसमें टेलीकाम समेत कई सेक्टर्स की भूमिका रही है। बीते वर्षों में सरकार जिस तरह नई सोच और एप्रोच के साथ काम कर रही है, उससे आप सभी भली-भांति परिचित है। भारत में मोबाइल निर्माण इकाइयां 2 से बढ़कर 200 से अधिक हो गई हैं। भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब है।
टेक्नोलाजी के व्यापक उपयोग को बनाया प्राथमिकता’
पीएम ने कहा कि 2014 में जब हम आये, तो हमने सबका साथ सबका विकास और इसके लिए टेक्नोलाजी के व्यापक उपयोग को अपनी प्राथमिकता बनाया। इसके लिए जरूरी था कि देश के करोड़ों लोग आपस में जुड़े, सरकार से भी जुड़ें और सरकार की सभी इकाइयां भी एक प्रकार से एक ऑर्गेनिक इकाई बनाकर आगे बढ़ें। इसलिए हमने जनधन आधार और मोबाइल की ट्रिनिटी को डायरेक्ट गवर्नेंस का माध्यम बनाना तय किया। मोबाइल गरीब से गरीब परिवार की भी पहुंच में हो, इसके लिए हमनें देश में ही मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग पर बल दिया।
लाखों गांवों में पहुंचा इंटरनेट- मोदी
पीएम ने कहा कि 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं। आज हम करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं। कुछ समय पहले सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित अनेक जनजातीय जिलों में 4जी सुविधा पहुंचाने की बड़ी शुरुआत की है।
इससे पहले, प्रेस रिलीज में बताया गया कि परियोजना में भाग लेने वाले अन्य संस्थानों में IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बाम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फार एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर आफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलाजी (CEWiT) शामिल हैं। इस परियोजना को 220 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया गया है।