आखिरकार भारतीय बैड़मिंटन खिलाड़ियों का थामस कप जीतने का सपना साकार हो गया। इस सपने का साकार होने में 73 वर्ष का लंबा समय लगा। भारतीय खिलाडि़़यों ने फाइनल में 14 बार की चैंपियन इंड़ोनेशिया की चुनौती को ध्वस्त किया। हम भारतवासियों के दिलों में १९८३ में कपिल देव की अगुआई में क्रिकेट विश्व कप जीतने की यादें बनी हुइ हैं‚ उसी तरह इस सफलता को भी देशवासी दिलों में सहेजकर रखेंगे। भारतीय दल को इस चैंपियनशिप के शुरू होने से पहले अंड़रड़ॉग माना जा रहा था। इस टीम से किसी ने भी खिताब जीतने की उम्मीद तो नहीं की थी‚ लेकिन पदक के साथ लौटने की उम्मीद जरूर की जा रही थी। अलबत्ता‚ भारतीय शटलरों के करिश्मे ने सभी के मन खुश कर दिए हैं। हाल के दिनों में देश में लक्ष्य सेन के रूप में नई प्रतिभा उभरकर आई है। पर वह क्वार्टर फाइनल में मलयेशिया और सेमीफाइनल में डे़नमार्क के खिलाफ विजय नहीं पा सके थे। इसलिए इंड़ोनेशिया के एंथोनी गिनटिंग के खिलाफ फाइनल के पहले सिंगल्स में उतरने और पहले गेम को सहज अंदाज में हार जाने से लगा कि आखिरी किला शायद ही फतह हो‚ लेकिन अगले दो गेम में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करके भारत को पहला मैच जिताया। उसने टीम में नई स्फूर्ति भर दी। इसके बाद सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी ने इस चैंपियनशिप में किए शानदार प्रदर्शनों के सिलसिले को आगे बढाते हुए भारत को कप के और करीब पहुंचाया और आखिर में किदाम्बी श्रीकांत ने थामस कप से ७३ साल से चली आ रही दूरी को खत्म कर दिया। भारत की इस सफलता में दो बातों ने अहम भूमिका निभाई। पहली खिलाडियों में एकजुटता और दूसरे विशेषज्ञ ड़बल्स जोड़़ी का होना रहा। हम सभी जानते हैं कि बैड़मिंटन में ज्यादातर खिलाड़़ी व्यक्तिगत प्रदर्शन पर ही ध्यान देते हैं‚ इसलिए उनके आपसी रिश्ते कभी मधुर नहीं होते। थामस कप जैसी टीम स्पर्धा में खिलाड़ियों में एकजुटता बेहद जरूरी थी और कोच विमल कुमार ने इसपर काम किया‚ जिसने रंग भी दिखाया। इसके अलावा हमारे यहां ड़बल्स को पहले बहुत अहमियत नहीं दी जाती थी‚ जिस कारण प्रकाश पादुकोण भी सिंगल्स के साथ ड़बल्स खेल लेते थे‚ लेकिन सात्विक और चिराग ने देश में इस सोच को बदला है और अब सिंगल्स की तरह ड़बल्स में भी विदेशी कोच की सेवाएं ली गइ हैं। सोच में आए इस बदलाव ने २०१८ और २०२० में क्वार्टर फाइनल तक चुनौती पेश करने वाले प्रदर्शन में सुधार करके टीम को इस बार खिताब तक पहुंचा दिया है।
भाजपा नेताओं के साथ BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सुनी ‘मन की बात’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात की। इस दौरान साल 1975 में देश में इंदिरा सरकार द्वारा...