राज्य में जाति आधारित जनगणना पर काम शुरू होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कही। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को राजधानी के बुद्ध स्मृति पार्क में पूजा–अर्चना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जातीय जनगणना का काम शुरू होने में ज्यादा विलम्ब नहीं होगा। जातीय जनगणना के मुद्’े पर सर्वदलीय बैठक जल्द ही बुलाई जायेगी‚ जिसमें प्रतिनिधि अपने सुझाव देंगे। सभी दलों से राय मशविरा कर बैठक की तिथि भी जल्द तय कर ली जायेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में जातीय जनगणना सही तरीके से हो‚ इसके लिए सरकार अपने स्तर से तो तैयारी कर ही रही है‚ लेकिन सर्वदलीय बैठक में भी सभी दलों की ओर से जो सुझाव मिलेंगे‚ उसके आधार पर इसके लिए नियम कायदे बनाकर उसकी स्वीकृति मंत्रिमंडल से ली जायेगी और उसके बाद इस काम को शुरू कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जातीय जनगणना अच्छे तरीके से हो‚ इसके लिए संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर इस कार्य में लगाया जायेगा। सीएम ने कहा कि प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक पहले भी हो सकती थी‚ लेकिन चुनाव जैसे अन्य कार्यक्रमों की वजह से सभी लोग व्यस्त रहे। वहीं‚ इस मुद्दे पर ढिøलाई बरतने का आरोप लगा रहे तेजस्वी यादव से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जब इस मुद्’े पर मुझसे मिलने आये थे‚ तब उन्हें इन सब बातों से अवगत करा दिया गया था और उन्हें बताया गया था कि चुनाव और कई प्रकार की स्थिति थी‚ जिसके कारण इस मामले पर सर्वदलीय बैठक नहीं बुलायी जा सकी‚ लेकिन अब जल्द ही इसके लिए बैठक बुलाई जायेगी। केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना कराने से इनकार करने के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य स्तर पर यह कवायद शुरू कराने की सहमति जताई थी। केंद्र ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में राजनीतिक दलों की जोरदार मांग के बावजूद जनगणना के हिस्से के रूप में अनुसूचित जाति व जनजाति के अलावा अन्य जातियों की गणना करने में सक्षम नहीं है। राज्य विधानमंड़ल भी दो बार सर्वसम्मति से इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर चुका है।