बिहार में इंडो–नेपाल सीमा पर सीमा सुरक्षा बल को सुगम मार्ग उपलब्ध कराने एवं सीमा पर चौकसी बढ़ाने हेतु गृह मंत्रालय‚ भारत सरकार की परियोजना इंडो–नेपाल बॉर्डर रोड का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत ५५२ किमी लम्बाई में ४–लेन सडक का निर्माण किया जा रहा है‚ जिसकी चौडाई ७ मीटर है। वर्तमान में ३९३ किमी में मिट्टी कार्य तथा १८४ किमी में बिटुमिन्स कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
इस परियोजना की प्रगति के संबंध में शुक्रवार को नितिन नवीन‚ मंत्री‚ पथ निर्माण विभाग ने भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। पथ निर्माण मंत्री द्वारा अनुरोध किया गया कि वर्तमान ट्रैफिक को देखते हुए सडक की चौडाई को ७ मी. से बढाकर ४ लेन किया जाये। नवीन ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा औसतन ३० मीटर चौडाई में भू–अर्जन किया गया है। नवीन ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि इस आंतरिक सुरक्षा हेतु महत्वपूर्ण परियोजना के लिए राज्य सरकार अपने संसाधन से लगभग २२७८ करोड की लागत से भू–अर्जन का कार्य एवं १२१ पुलों के निर्माण में लगभग १००० करोड का व्यय अपने संसाधन से करने के लिए प्रतिबद्ध है। ज्ञात हो कि इस परियोजना के लिए शुरू में भारत सरकार द्वारा १६५६ करोड रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी‚ जो पुनरीक्षित कर २४२८ करोड रुपये की हो गयी है। नवीन ने बताया कि भारत सरकार द्वारा अब तक इस मद में ९९१ करोड रुपये की राशि प्राप्त हुई है तथा इस वर्ष भारत सरकार द्वारा २०० करोड रुपये और देने का प्रावधान किया गया है‚ जिसे नवीन ने गृह मंत्री अमित शाह से बढा कर ५८२ करोड की राशि के लिए अनुरोध किया गया है। श्री नवीन ने अमित शाह से मुलाकात करने के बाद बताया कि इंडो–नेपाल रोड के चार लेन एवं इस वर्ष ५८२ करोड की राशि देने के अनुरोध पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया गया। इस वर्ष में पर्याप्त आवंटन दिया जाएगा‚ साथ–साथ रोड की चौडाई बढाने के सुझाव पर सकारात्मक विचार किया जाएगा। श्री नवीन ने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचनाओं के विकास में भारत सरकार से प्राप्त हो रहे निरंतर सहयोग के लिए आभारी हैं। राज्य सरकार इस परियोजना को ससमय पूर्ण कराने हेतु प्रतिबद्ध है।
केमिकल‚खाद्य प्रसंस्करण और चमडा प्रक्षेत्र के लिए परीक्षण केन्द्र बनेगाः भानू
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