चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब दिया और कहा कि सत्य यही है कि बिहार आज भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। श्री किशोर ने शुक्रवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्ि्वटर पर ट्वीट कर कहा‚ ‘नीतीश जी ने ठीक कहा‚ महत्व सत्य का है और सत्य यह है कि ३० साल के लालू–नीतीश राज के बाद भी बिहार आज देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। बिहार को बदलने के लिए एक नई सोच और प्रयास की जरूरत है और यह सिर्फ वहां के लोगों के सामूहिक प्रयास से ही संभव है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में बनने वाले विश्वविद्यालय के नये भवनों का शिलान्यास एवं आधारशिला रखने के बाद उनके पिछले १५ वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश का विकास नहीं होने के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि कौन क्या बोलता है उसका कोई महत्व नहीं है‚ महत्व सत्य का है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने प्रशांत किशोर पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने पीके को राजनीतिक धंधेबाज करार दिया है। संजय जायसवाल ने कहा कि जो आदमी कल तक राजनीतिक धंधा करता था, वह आज राजनीति में आ रहा है। जयसवाल ने प्रशांत किशोर के जरिए राजद और लालू यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 90 के दशक के पहले कांग्रेस के नेता बूथ लूटने का काम करते थे लेकिन बाद में बूथ लूटने वाले गुंडे ही राजनीति में आ गए। 90 के दशक में तो लालू यादव के शासनकाल में तो हद ही हो गया, जब गुंडे-मवाली विधायक और सांसद बन गए।
डॉ संजय जयसवाल ने प्रशांत किशोर को धंधेबाज करार देते हुए कहा कि साल 2000 तक जाति के नाम पर समाज सेवा करने वाले लोग राजनीति में आए और अब राजनीतिक धंधेबाज राजनीति में आ रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके पिछले 15 वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश का विकास नहीं होने के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कौन क्या बोलता है उसका कोई महत्व नहीं है, महत्व सत्य का है।
नीतीश कुमार ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बिहार में पिछले 15 सालों में विकास का कोई काम नहीं होने के सवाल पर कहा, ‘‘यह तो आप ही लोगों को पता है कि विकास किया गया है या नहीं। कौन क्या बोलता है उसका कोई महत्व नहीं है। महत्व है सत्य का। आप सब जानते हैं कि क्या-क्या हुआ है, कितना काम किया गया है। इन सब चीजों को लेकर हम आपसे आग्रह करेंगे कि इसे खुद ही देखिए। हमलोग किसी की बात का महत्व नहीं देते हैं कि कौन क्या बोलता है।