मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पिछले १५ वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश का विकास नहीं होने के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा लगाये गये आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कौन क्या बोलता है‚ उसका कोई महत्व नहीं है‚ महत्व सत्य का है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा‚ ‘यह तो आप ही लोगों को पता है कि विकास किया गया है या नहीं। कौन क्या बोलता है‚ उसका कोई महत्व नहीं है। महत्व है सत्य का। आप सब जानते हैं कि क्या–क्या हुआ है‚ कितना काम किया गया है। इन सब चीजों को लेकर हम आपसे आग्रह करेंगे कि इसे खुद ही देखिये। हमलोग किसी की बात का महत्व नहीं देते हैं कि कौन क्या बोलता है।’
राज्य में कृषि विकास के लिए सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण प्रयास किये गये हैं। कृषि रोडमैप के कारण ही प्रदेश में चावल‚ गेहूं‚ मक्का और दूध का उत्पादन बढा है।’ यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कही। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में ८८९.२६ करोड़ रुपये की लागत वाले बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के नये भवनों का शिलान्यास एवं आधारशिला रखकर कार्यारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि के विकास को लेकर कृषि विशेषज्ञों एवं किसानों की सलाह से कृषि रोडमैप बनाया। अभी तीसरा कृषि रोड मैप लागू है। कृषि रोडमैप के कारण राज्य में चावल‚ गेहूं‚ मक्का और दूध का उत्पादन बढ़ा है। अंडे का उत्पादन लगभग ढाई गुना हो गया है। उन्होंने बताया कि मांस का उत्पादन दोगुना से भी ज्यादा हो गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि कि मछली उत्पादन का लक्ष्य आठ लाख मीट्रिक टन का रखा गया था‚ जिसमें से सात लाख ६१ हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है। बिहार में बाहर से मछली न के बराबर आती है। अब मछली बिहार से बाहर भी भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि सब्जी का उत्पादन भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सात निश्चय–२ के तहत आठ से १० पंचायतों के लिए एक पशु अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है‚ ताकि पशुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो। पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा‚ टीकाकरण‚ कृत्रिम गर्भाधान‚ कृमिनाशन‚ डोर स्टेप डिलीवरी आदि कार्यों की व्यवस्था की जा रही है। मेरी सरकार का उद्ेश्य है कि सही मायने में लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो‚ स्वभाव बेहतर हो‚ बिहार का विकास हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का भवन बेहतर ढंग से बनेगा‚ तो जो भी बाहर से आकर देखेंगे‚ वो इससे प्रभावित होंगे। यहां पढ़नेवाले बेहतर ढंग से पढ़ाई करेंगे। विश्वविद्यालय को किसी प्रकार के सहयोग की जरूरत होगी‚ तो मदद की जायेगी। बिहार का क्षेत्रफल कम है और आबादी अधिक‚ फिर भी विकास के कई कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार तरक्की कर रहा है और आगे भी बढ़ता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र–छात्राएं अध्ययन कर रही हैं। पशुओं की चिकित्सा का भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भवन का निर्माण अच्छे ढंग से जल्द करायें‚ ताकि पढ़नेवाले और पढ़ानेवालों को सहूलियत हो। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण के अंतर्गत अकादमिक एवं प्रशासनिक भवन‚ आधुनिक पशु चिकित्सालय एवं पशु प्रजनन केंद्र‚ किसान प्रशिक्षण केंद्र और छात्र–छात्राओं के लिए हॉस्टल एवं खेल परिसर का निर्माण कराया जायेगा। विश्वविद्यालय के कर्मियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कराया जायेगा‚ ताकि उन्हें कोई असुविधा नहीं हो। छात्र–छात्राओं को पढ़ाई के साथ–साथ ठीक ढंग से रहने एवं खेलने की भी सुविधा का ख्याल रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कोरोना काल के बाद नागरिका संशोधन कानून (सीएए) लागू करने की घोषणा से संबंधित सवाल के जवाब में कहा कि सबसे बड़ी बात है कि अभी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उन्हें कोरोना से लोगों की रक्षा करने की ज्यादा चिंता है। नीति की बात होगी तो उसको वह अलग से देखेंगे। उन्होंने बाकी चीजों को अभी देखा नहीं है। सीएम ने कोयला संकट से संबंधित प्रश्न पर कहा कि संकट की स्थिति में जो भी राज्य सरकार से संभव है‚ काम करने की कोशिश की जा रही है। सभी जानते हैं कि संकट एक जगह पर नहीं‚ बल्कि अनेक जगहों पर है। फिर भी जो कुछ वह कर सकते हैं‚ उसे करने का प्रयास किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूसा के राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया गया‚ जिसके लिए हमलोगों ने काफी प्रयास किया था। वर्ष २०१० में भागलपुर के सबौर में कृषि विश्वविद्यालय शुरू किया गया। अनेक जगहों पर कई इंस्टीट्यूशन का निर्माण कराया गया। पटना में एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय पहले से था‚ इसके अलावा किशनगंज में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर एक कृषि महाविद्यालय बनाया गया‚ जिसमें फिशरीज कॉलेज और वेटनरी कॉलेज भी बनाया गया है। यह सब बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में मेरी सरकार ने सबकी मदद की। बिहार के लोग जो बाहर फंसे हुए थे‚ उनकी मदद की गयी। सरकार छात्र–छात्राओं को जो मदद दे रही है‚ उसमें कोई कमी नहीं लायें। उन्होंने कहा कि साइकिल योजना की शुरुआत की गई‚ जिससे अब पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ी है। अब मैट्रिक की परीक्षा में लड़कों से थोड़ा ज्यादा लड़कियां शामिल हो रही हैं। सिविल सेवा परीक्षा में भी अच्छी संख्या में लड़कियां सफल हो रही हैं। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सह पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री तारकिशोर प्रसाद‚ भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी‚ कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार‚ भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि‚ बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने भी संबोधित किया।
इस मौके पर विधायक संजीव चौरसिया‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह‚ पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के विशेष सचिव केशवेंद्र कुमार‚ कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक शिखा श्रीवास्तव‚ बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव कैप्टन बंदोपाध्याय सहित अन्य शिक्षक‚ पशु वैज्ञानिक‚ पशु चिकित्सक एवं छात्र–छात्राएं उपस्थित थे।