नीतीश कैबिनेट में जल्द ही बड़ा फेरबदल हो सकता है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अचानक से पटना पहुंचने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बंद कमरे में मुलाकात करने के बाद इसकी संभवनाएं प्रबल हो गई हैं. बिहार में हाल के दिनों में लगातार बदल रही सियासत के बीच गुरुवार देर शाम को प्रदेश की राजनीति में अचानक से गर्माहाट आ गई. केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अचानक पटना पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. बंद कमरे में दोनों बड़े नेताओं की हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं होनी शुरू हो गईं.
बिहार कैबिनेट में फेरबदल और राज्यसभा की खाली 1 सीट पर चुनाव की घोषणा होते ही धर्मेंद्र प्रधान अचानक पटना पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान गुरुवार की शाम करीब 5.30 बजे पटना पहुंचे थे. पटना हवाई अड्डे पर उनकी मुलाकात केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से हुई. उसके बाद धर्मेंद्र प्रधान बिहार स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे, जहां कुछ देर रुकने के बाद वह सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. शाम 7 बजे के करीब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच मुलाकात हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री आवास में प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद रहे. नीतीश कुमार और धर्मेंद्र प्रधान के बंद कमरे में अकेले में भी बातचीत हुई, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि बिहार में लगातार बदल रहे सियासत के साथ-साथ कई मसलों पर चर्चा हुई है. इन दोनों बड़े नेताओं की मुलाकात पर बीजेपी और जदयू के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. कोई भी कुछ भी बताने से साफ इंकार कर रहा है.
गुप्त दौरा
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बिहार दौरा काफी गुप्त तरीके से हुआ. इसकी जानकारी पहले से कुछ खास लोगों को ही दी गई थी. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी इस मामले पर कोई बोलने को तैयार नहीं है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के स्वागत में बीजेपी के कई नेता स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे, लेकिन किसी ने कोई जानकारी साझा करने से साफ मना कर दिया.
विजय चौधरी से मिले धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मुलाकात बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से भी हुई. इस दौरान विजय चौधरी ने समग्र शिक्षा अभियान को लेकर हो रही परेशानियों का जिक्र किया और बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए बिहार जैसे राज्यों में मानकों में बदलाव करने की मांग की.