प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का साल का पहला विदेश दौरा सोमवार से शुरू हो रहा है. वह तीन दिवसीय दौरे पर जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा पर रवाना होंगे. इससे पहले उन्होंने कहा कि मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय हो रही है जब यूरोप कई गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है. अपनी तीन दिवसीय विदेश यात्रा के दौरान वह ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक संबंध, टिकाऊ विकास, जलवायु एवं हरित ऊर्जा सहित विविध क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे. यूक्रेन-रूस (Ukraine-Russia War) युद्ध पर भी वह भारत का पक्ष और दृष्टिकोण रखेंगे. खासकर जब पश्चिमी देश रूस को लेकर भारत के पक्ष पर सवाल उठाते आ रहे हैं.
द्विपक्षीय संबंधों पर रहेगा जोर
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने पीएम मोदी की विदेश यात्रा से पहले कहा कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान इन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने के तरीकों पर चर्चा की होगी. उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत के दौरान यूक्रेन का मुद्दा भी चर्चा में उठेगा. क्वात्रा ने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में ऊर्जा सुरक्षा का मुद्दा महत्वपूर्ण है और यूरोपीय देशों के नेताओं के साथ बैठक में यह विषय चर्चा के लिए आएगा.
ऐसा रहेगा विदेश दौरा
अपने विदेश प्रवास की दौरान वह सोमवार को ही बर्लिन पहुंचेंगे. फिर जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात कर बर्लिन में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. इसके बाद 3 मई को इंडो-नॉर्डिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. फिर डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में भी भारतीयों को संबोधित करेंगे. सबसे आखिर में पीएम मोदी पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे. इस दौरान यूक्रेन को लेकर चर्चा हो सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जर्मनी, डेनमार्क, फ्रांस की यात्रा से पहले अपने बयान में कहा, ‘मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय हो रही है जब इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.’ ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी तीन देशों के प्रवास के दौरान 65 घंटों में 25 बैठकें करेंगे.
आज जर्मनी की राजधानी पहुंचेंगे
PMO से जारी प्रेस रिलीज में पीएम की इस विजिट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि 2021 में भारत-जर्मनी डिप्लोमैटिक रिश्तों को 70 साल पूरे हो गए हैं, साथ ही हम साल 2000 से ही स्ट्रैटेजिक पार्टनर भी हैं। मैं चांसलर स्कोल्ज के साथ रणनीतिक, क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर चर्चा करूंगा। जर्मन चांसलर और मैं हमारे उद्योग सहयोग के लिए एक बिजनेस राउंडटेबल मीटिंग को भी संबोधित करेंगे।

यूरोप महाद्वीप भारतीय मूल के 10 लाख से ज्यादा लोगों का घर है। इनकी एक बड़ी संख्या जर्मनी में रहती है। पीएम मोदी यहां भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे।
डेनमार्क में नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे
इसके बाद पीएम मोदी 3 मई को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचेंगे। यहां पर वो 3 और 4 मई को प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ एक बाइलेटरल कार्यक्रम और दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके साथ ही आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी चार और नॉर्डिक देश के नेताओं से मिलेंगे।नॉर्डिक रीजन में डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन शामिल हैं।

नॉर्डिक देश भारत के लिए सस्टेनेबिल और रिन्यूएबल एनर्जी, डिजिटलीकरण और इनोवेशन में महत्वपूर्ण भागीदार हैं। यह यात्रा नॉर्डिक देशों के साथ बहुआयामी सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगी।
इमैनुएल मैक्रों को मिलकर जीत की बधाई देंगे
वापसी के दौरान पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे और दोबारा चुनाव जीतने की बधाई देंगे। इसके साथ ही इंडो-फ्रांस स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के अगले चरण के बारे में चर्चा करेंगे। पीएम का कहना है कि, मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। मैं अपनी इस यात्रा के जरिए यूरोपीय पार्टनर के साथ सहयोग की भावना को और मजबूत करने का इरादा रखता हूं।
