कांग्रेस से अलग होने के बाद प्रशांत किशोर यानी पीके अब ऐसा कुछ करने जा रहे हैं जिससे कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए परेशानी का सबब बन जाएगा। पीके ऐसा प्लान लेकर आ रहे हैं जिससे भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां पनाह मांगेगी। पीके राष्ट्रीय स्तर पर और क्षेत्रीय स्तर पर राजनीति में ही बड़ा धमाल करने वाले है। प्रशांत किशोर अपनी राजनीतिक पार्टी लांच करने वाले हैं। अब तक राजनीतिक पार्टियों के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अपनी पॉलिटिकल पार्टी बनाएंगे। इसको लेकर प्रशांत किशोर ने तैयारी शुरू कर दी है। ज्ञात सूत्रों के मुताबिक यह पार्टी कब तक लांच होगी इसका खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन प्रशांत किशोर जल्द ही एक साथ पूरे देश में पार्टी लॉन्च करेंगे। अभी पीके पटना में प्रवास कर रहे हैं।
अपनी पार्टी के लिए अब बनाएंगे रणनीति
पहले भाजपा फिर कांग्रेस फिर जेडीयू और अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी रणनीतिकार रह चुके प्रशांत किशोर अब दूसरों के लिए रणनीति नहीं बनाएंगे, अपनी पार्टी के लिए ही रणनीति बनाएंगे। सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर की पार्टी पूरी तरह से आधुनिक होगी डिजिटल होगी और जनसंपर्क करने के नए उन्नत तकनीक के साथ लॉन्च होगी। पार्टी का नाम क्या होगा इसको लेकर अब तक कोई फाइनल बात नही हुई है। लेकिन सूत्र बताते है कि ये पीके एक-दो साल में अपनी पॉलिटिकल पार्टी लांच करेंगे।
मोदी सरकार को सत्ता में लाकर चर्चा में आए थे
साल 1977 में प्रशांत किशोर का जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ था। उनकी मां उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की हैं वहीं पिता बिहार सरकार में डॉक्टर हैं। उनकी पत्नी का नाम जाह्नवी दास है। जो असम के गुवाहाटी की एक डॉक्टर हैं। प्रशांत किशोर और जाह्नवी का एक बेटा है। राजनीतिक करियर की बात करें तो 2014 में मोदी सरकार को सत्ता में लाने की वजह से वह चर्चा में आए थे। उन्हें एक बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता है। हमेशा से वह पर्दे के पीछे रहकर अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देते आए हैं। इसी वजह से उन्हें सबसे ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़ गुजरात में PM मोदी की टीम से जुड़े थे
34 साल की उम्र में अफ्रीका से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की नौकरी छोड़कर किशोर ने 2011 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम से जुड़े थे। जिससे राजनीति में ब्रांडिंग का दौर शुरू हो गया। चुनाव में नेता का ऐसा प्रचार शायद ही किसी दौर में देखा गया था। पीके को मोदी की उन्नत मार्केटिंग और विज्ञापन अभियान जैसे कि चाय पे चर्चा, 3डी रैली, रन फॉर यूनिटी, मंथन का श्रेय दिया जाता है। वह इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) नाम का संगठन चलाते हैं। यह लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करता है।