मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि गया ज्ञान और मोक्ष की धरती है। उन्होंने कहा कि महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का डिजाइन बौद्ध विचारों से प्रेरित है। १५३ करोड की लागत से माया सरोवर के समीप निर्मित इस केंद्र में दो ऑडिटोरियम‚ ऑडियो विजुअल रूम एवं विश्व स्तरीय अनेक सुविधाएं मौजूद हैं। इस पावन धरती पर महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के लोकार्पण से इस विश्वस्तरीय केंद्र को आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की अद्भुत गौरवशाली विरासत ने इतिहास के प्रत्येक कालखंडों में अपनी पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में बिहार के गौरवशाली अतीत को संजोने और संवारने का सफल प्रयास किया गया है। पटना का बिहार म्यूजियम‚ अशोका कन्वेंशन सेंटर‚ सभ्यता द्वार‚ ज्ञान भवन इसके सर्वोतम उदाहरण हैं। बिहार अपने पुराने गौरव को पाने की दिशा में तेजी से अग्रसर हुआ है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मोक्षदायिनी गंगा का जल गया तक पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर काम चल रहा है‚ जिसे आने वाले दशकों तक लोग याद रखेंगे।
बौद्ध भिक्षु की प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के लोकार्पण के पश्चात् मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित किया एवं केंद्र के समीप १३६ करोड की लागत से १०० कमरे के निर्माणाधीन आधुनिक स्टेट गेस्ट हाउस का निरीक्षण भी किया। भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार चौधरी‚ उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन‚ खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री प्रेम कुमार‚ मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री एस. सिद्धार्थ‚ मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष वर्मा‚ पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल‚ भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि‚ गया जिला अंतर्गत बोधगया के विधायक सर्वजीत एवं अन्य विधायकगण तथा विधान पार्षदगण‚ मगध प्रमंडल के आयुक्त‚ गया के जिलाधिकारी‚ वरीय पुलिस अधीक्षक सहित महाश्वेता महारथी‚ मॉनेस्ट्री के प्रतिनिधिगण‚ जीविका दीदियां‚ बौद्ध भिक्षु गण उपस्थित थे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के निरंतर प्रयास से बोधगया दुनिया के बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभरा। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का शुभारंभ होना बौद्ध पर्यटन के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। १४५ करोड की लागत से बने महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के लिए केंद्र सरकार ने ९३.२२ करोड की राशि दी। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार। बिहार सरकार ने इसके लिए भूमि उपलब्ध करवायी और ५२ करोड रुपये का योगदान किया। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद। श्री मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बोधगया हवाई अड्डे को अन्तरराष्ट्रीय स्तर का बनाया‚ जिससे बिहार में बौद्ध पर्यटन को नये पंख मिले। वर्ष २०१९–२० में बोधगया हवाई अड्डे पर उतरने और यहां से उडने वाले विमानों की संख्या १८०३ थी। कोरोना–पूर्व के उस साल में २ लाख १३ हजार यात्री बोधगया आये थे। हर साल जो १० लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक बिहार आते हैं‚ इनमें ९० फीसद बौद्ध यात्री ही होते हैं। बोधगया सांस्कृतिक केंद्र में २००० लोगों के बैठने की क्षमता वाले ऑडिटोरियम सहित कई आधुनिक सुविधाएं हैं।