जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जन्मोत्सव शोभायात्रा के दोरान हिंसा मामले में आरोपितों की धरपकड़ के लिए छापेमारी तेज है। हिंसा के मामले में अभी तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पहले नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पांच और आरोपितों को पुलिस ने दबोच लिया है। डीसीपी नॉर्थ-वेस्ट उषा रंगनानी ने जानकारी देते हुए बताया कि जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में 5 और आरोपी गिरफ्तार किया गया हैं। हिंसा में शामिल अभी तक कुल 14 लोग पुलिस की गिरफ्त में हैं। वहीं पूरे इलाके में सुरक्षा व्वस्था और कड़ी कर दी गई है। इलाके को छावनी में तब्दील करते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती है। शनिवार को हिंसा में 8 पुलिसकर्मियों और 1 नागरिक सहित 9 लोग घायल हो गए थे। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। एक सब-इंस्पेक्टर को गोली भी लगी है, उनकी हालत स्थिर है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही और गिरफ्तारी की जाएगी। जहांगीरपुरी हिंसा में शामिल लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
जहां तक नजर जा रही है वहां तक पुलिस बंदोबस्त है। सांय-सांय सायरन बजाती पुलिस की गाड़ियां, खाकी वर्दी में पुलिसकर्मी, हाथ में लाठी, बैरिकेड, रैपिड एक्शन फोर्स की भी तैनाती अलग से। सड़कों पर पसरे ईंट-पत्थर, टूटी हुई कांच की बोतलें, जली गाड़ियां। खिड़कियों, दरवाजों, छतों से झांकती सहमी हुई आखें। इन आखों में डर भी है और गुस्सा भी।

ये हाल है देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी का। 16 अप्रैल की शाम 6 बजे के आसपास यहां से पत्थरबाजी, हिंसा और आगजनी की खबरें आईं। हनुमान जयंती के दिन शाम को निकल रही शोभायात्रा पर कथिततौर पर पत्थरबाजी हुई इसके बाद दो समुदायों के बीच जमकर हिंसा हुई। दैनिक भास्कर की टीम हिंसा के बाद तुरंत मौके पर पहुंची और हमें वारदात की जगह एक चश्मदीद से 3 मिनट का वीडियो मिला है। ये वीडियो ठीक उसी जगह मौजूद बिल्डिंग से शूट किया गया है, जहां सबसे ज्यादा हिंसा हुई।
सड़क पर खड़ी भीड़ ने मोहल्लों में पथराव किया

वीडियो शुरू होने के वक्त शोर हो रहा होता है, लेकिन सड़कें खाली दिख रही हैं। एक तरफ से समुदाय विशेष की भीड़ अचानक जुटना शुरू हो जाती है और देखते ही देखते सड़कों पर सैकड़ों की तादाद में लोग आते हैं। इसके बाद पत्थर और कांच की बोतलें फेंकी जाने लगती हैं।
सड़क पर खड़ी भीड़ दूसरे मोहल्लों में घुसकर लोगों के घरों में पथराव करने लगती है। पत्थरबाजी के साथ लोगों की दुकानें लूटी जाती हैं। वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की जाती है।
पत्थरबाजी इतनी तेज हुई कि गली में मौजूद मेरे घर तक पत्थर आए

जब हम जहांगीरपुरी में घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां लोग बहुत कम दिख रहे थे। लेकिन जैसे ही हम मेन रोड से हटकर पास वाली गली में गए तो लोगों ने बोलना शुरू किया। यहीं रहने वाली रितु कश्यप ने हिंसा की पूरी वारदात का वीडियो अपने छत से बना लिया।
जहांगीरपुरी जी ब्लॉक में रहने वाली सुनीता सिंह बताती हैं कि ‘हमारे घर के सामने बहुत हंगामा हुआ। हनुमान जयंती के दिन शोभायात्रा पर मुसलमानों ने हमला कर दिया। मैं गली के अंदर रहती हूं, लेकिन इतनी तेज पत्थरबाजी हुई कि मेरे घर तक पत्थर आए हैं। हमने गोली चलने की आवाजें भी सुनीं।’
इसी गली में रहने वाली मुन्नी देवी बताती हैं कि ‘मैं घर में टीवी देख रही और अचानक से जोर-जोर से आवाजें आने लगीं। मैं बाहर निकली तो देखा कि सी-ब्लॉक वाले मुसलमान तलवार, चाकू, डंडे लेकर निकल रहे हैं। वो उन हिंदुओं को दौड़ा रहे थे जो शोभायात्रा का हिस्सा थे।’
‘मैं फायरिंग में बाल-बाल बचा हूं’

हर्ष सिंह भी जहांगीरपुरी में ही रहते हैं और वो खुद हनुमान जयंती की उस शोभायात्रा का हिस्सा थे, जिस पर कथिततौर पर हमला हुआ। उन्होंने बताया ‘मस्जिद के पास जब हमारी शोभायात्रा निकली तो मस्जिद के ऊपर से ईंट पत्थर, गिरने लगे। मस्जिद के पास से करीब हजार की तादाद में टोपी पहने हुए भीड़ निकली। लोगों के हाथों में चाकू, तलवारें और देसी कट्टा भी था। मैं खुद फायरिंग से बाल-बाल बचा हूं।’
हर्ष ने हमें शोभायात्रा के कुछ वीडियो शेयर किए। शोभायात्रा में दर्जनों लोग भगवा झंडे, तलवारें और कटारें लहरा रहे हैं। डीजे की चीखती हुई आवाज में कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े नारे और गाने बज रहे हैं। शोभायात्रा में लड़के चिल्ला रहे हैं और नाच रहे हैं।
मस्जिद परिसर में पड़े थे भगवा झंडे

हिंदू समुदाय के लोगों से बात करने के बाद हम उस चौराहे की तरफ बढ़े जहां सबसे तगड़ा पुलिस बंदोबस्त है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसी चौराहे के दूसरी तरफ मुस्लिम बहुल इलाका है और वहीं वो मस्जिद है, जहां से कथिततौर पर हिंसा शुरू हुई। पुलिस बैरिकेडिंग को पार करके हम उसी मस्जिद के पास पहुंचे। मस्जिद परिसर के सामने और अंदर कुछ भगवा झंडे पड़े हुए थे।
मस्जिद के ठीक बगल में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चलाने वाले साजिद सैफी बताते हैं कि ‘बजरंग दल वाले सुबह से ही जुलूस निकाल रहे थे। जहांगीरपुरी में अलग-अलग जगह से जुलूस निकाला जा रहा था। जब यह मस्जिद के पास पहुंचा तो जुलूस रोककर 10-15 मिनट भद्दे-भद्दे नारे लगाए जाने लगे। सबसे पहले मैंने अपनी दुकान बंद की।
मैंने देखा कि दो लोग भगवा झंडा लेकर मस्जिद के गेट पर चढ़ने लगे। मुझे समझ नहीं आता कि झंडा लेकर मस्जिद में घुसने की क्या सनक पैदा हो गई है? जुलूस के दौरान हजारों लोग थे, लेकिन पुलिस नहीं दिख रही थी। अगर अच्छा पुलिस बंदोबस्त होता, तो शायद ये हिंसा नहीं होती।’
मस्जिद से पत्थरबाजी शुरू होने के दावे पर संदेह

शोभायात्रा में शामिल होने वाले हर्ष ने हमें बताया कि शोभायात्रा जब मस्जिद के सामने पहुंची तो अचानक पत्थर गिरने लगे। लेकिन हमें मस्जिद के सामने वाली सड़क पर बिखरे पत्थर जैसा कुछ नहीं दिख रहा था। मस्जिद से करीब 100-150 मीटर आगे जाकर चौराहे पर पत्थर और कांच के टुकड़े मिलना शुरू होते हैं। साफ है कि मस्जिद से पत्थरबाजी शुरू होने का दावा सही नहीं लगता है।
साजिद सैफी कहते हैं कि ‘अगर हमें हिंदुओं को ही मारना होता तो हमारी मस्जिद के पास काली देवी का मंदिर है, उस पर किसी ने क्यों कोई पत्थर नहीं फेंका। बजरंग दल वाले उकसाने का काम करते हैं और उसके बाद हिंसा शुरू हो जाती है, जिस पर किसी का काबू नहीं रह जाता।’
मोहम्मद अमीरुद्दीन भी हिंसा के चश्मदीद हैं वो बताते हैं कि ‘शाम सवा 6 बजे के आसपास रोजा खोलने और नमाज का वक्त होता है। तभी जुलूस मस्जिद के सामने रुका और लोग मस्जिद के सामने उग्र होने लगे। इसी के बाद हिंसा शुरू हुई।’ मोहम्मद सवाल उठाते हैं कि जुलूस में तलवार, कटार लहराने की इजाजत क्या इन्होंने प्रशासन से ली थी?
इलाके में पुलिस का पहरा

बहरहाल, बजरंगबली के जन्मदिन के मौके पर शोभायात्रा और सांप्रदायिक हिंसा के तांडव के बाद पुलिस शांति कायम करने की कोशिश कर रही है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा, ”स्थिति नियंत्रण में है। जहां घटना हुई है वहां हमने फोर्स तैनात कर दी है। इसके साथ ही पूरी दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में विशेष तैनाती की गई है। हम दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से स्थिति की जानकारी ली। उन्हें लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।