मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बृहस्पतिवार को जवाहरलाल नेहरू पथ स्थित अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान के आवास पर आयोजित दावत–ए–इफ्तार में शरीक हुए। मुख्यमंत्री को गुलदस्ता‚ टोपी एवं साफा भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। बौद्ध भिक्षुओं ने भी मुख्यमंत्री को भगवान बुद्ध की तस्वीर भेंट की।
बिहार के सियासी गलियारे में इफ्तार का दौर शुरू हो गया है. इसकी शुरुआत बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने अपने सरकारी आवास से की है. इस मौकै पर न सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे, बल्कि भाजपा के बड़े नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस, MIM पार्टी के विधायकों ने भी शिरकत की. इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारे में खूब हो रही है.
दरअसल, कोरोना की वजह से पिछले 3 साल से इफ्तार का आयोजन नहीं हो रहा था. जैसे ही कोरोना से थोड़ी राहत मिली, वैसे ही इफ्तार का दौर शुरू हो गया. जाहिर है जब इफ्तार का राजनीतिक गलियारे में हो, तब राजनीतिक जमघट लगना लाजमी है. कुछ ऐसी ही तस्वीर जमा खान के इफ्तार में भी दिखी. भाजपा के बड़े नेताओं में मंत्री नितिन नवीन, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह सहित कई और विधायक मौजूद थे. वहीं MIM के विधायक भी इस मौके पर भी नजर आए. अवधेश नारायण सिंह ने इस मौके पर कहा कि कोरोना के बाद इफ्तार का आयोजन अच्छा लग रहा है. अब कई और इफ्तार आपको देखने को मिलेंगे.
वहीं MIM के विधायक शाहनवाज सहित कुछ और MIM के विधायक भी पहुंचे थे. इन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात भी की. इन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक इफ्तार न बोलें. बल्कि ये पवित्र रमजान के महीने में आयोजन हुआ है और पहले भी होता आया है. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हमारे मित्र हैं, उसी नाते हम यहां पहुंचे हैं.
इस मौके पर कांग्रेस के भी कई विधायक पहुंचे. इफ्तार में शामिल हुए कांग्रेस विधायक अफाक आलम ने कहा कि इफ्तार का आयोजन पटना में कोरोना के बाद देखना काफी सुखद लग रहा है और इतने लोगों के बीच रोजा खोलना और भी सुकून देता है. इसमें राजनीति जैसी कोई बात नहीं है. बल्कि ये मौका तो लोगों से भाईचारा बढ़ाने का है.
वहीं मेजबान मंत्री जमा खान कहते हैं कि कोरोना के बाद हुए इस पहले इफ्तार के आयोजन में आए लोगों को देख मैं बेहद उत्साहित हूं. खासकर मुख्यमंत्री सहित कई पार्टी के नेताओं ने मेरे इफ्तार में शामिल होकर साफ संदेश दिया कि समाज में भाईचारे को कोई नहीं तोड़ सकता है और सभी धर्म एक समान है. दूसरी पार्टी के कई नेता भी आए हुए थे, लेकिन आज वे राजनीतिक तौर पर नहीं, बल्कि पवित्र महीने रमजान में शामिल होने आए थे.
इफ्तार के बाद रोजे की नमाज अदा की गई‚ जिसमें दावत–ए–इफ्तार में शरीक मुख्यमंत्री सहित सभी रोजेदारों ने प्रदेश‚ समाज और देश में अमन–चैन‚ शांति एवं भाईचारा का माहौल कायम रहने की दुआ मांगी। इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह‚ उपाध्यक्ष‚ बिहार विधानसभा महेश्वर हजारी‚ जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा‚ भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी‚ विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह‚ ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज‚ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफजल अब्बास‚ अजमेर शरीफ के गद्ीनशीं सैयद अनवर फरीदी‚ जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा‚ विधान पार्षद संजय सिंह‚ विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी‚ पूर्व सांसद मोनाजिर हसन‚ पूर्व मंत्री श्रीमती रंजू गीता‚ मुख्य सचिव आमिर सुबहानी‚ डॉ.अब्दुल हई सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं रोजेदार उपस्थित थे।